‘पीएम आवास योजना’ (PM Awas Scheme) को लेकर विपक्ष प्रशासित राज्य ढीला रवैया अपना रहे हैं। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का कहना है कि ओडिशा में इस योजना के फंड की चोरी हो रही है। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में इस योजना के कार्यान्वयन को लेकर भारी अनियमितताओं का खुलासा किया है।
ओडिशा के पंचायती राज मंत्री प्रदीप कुमार अमात ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात की। इस दौरान पीएम आवास योजना के कार्यान्वयन की चर्चा की गई। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बैठक में बताया कि लाभार्थियों की सूची में 37 प्रतिशत अनियमितताएँ थीं। इसके साथ ही वेबसाइट पर डेटा अपलोड करने, बैंक खाता नंबरों में हेराफेरी, जरूरत मंद लोगों के स्थान पर अपात्र व्यक्तियों को लाभ मिलना जैसी अनियमितताएँ पाई गईं।
ग्रामीण विकास मंत्रालय के अनुसार ओडिशा में पीएम आवास योजना के 60 प्रतिशत लाभार्थियों के बैंक खाते सर्वे के समय दिए गए खातों से बदल दिए गए हैं। यानी जिन जरूरतमंद लोगों को सरकार ने चिन्हित किया था, उनके खाते फर्जी तरीके बदल कर गैर जरूरतमंद लोगों का खाता नंबर डाल दिया गया है। इस योजना के तहत पैसे सीधे लाभार्थी के खाते में ही जाते हैं। ऐसे में चिन्हित किए गए जरूरत मंद लोगों को तो ये पैसा मिल ही नहीं रहा है।
ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह का कहना है कि उन्हें ओडिशा से कई शिकायतें मिलीं हैं। उनका कहना है कि केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी उन्हें मामले की जानकारी दी है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि जिनकी पहचान सरकार ने जरूरतमंदों के रूप में की थीं, उन्हें तो इस योजना का लाभ मिल ही नहीं रहा है। फर्जी तरीके से खाता संख्या को बदल दिया गया है।
गिरीराज सिंह ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए एक वीडियो पोस्ट किया है। उन्होंने पीएम आवास योजना में हो रही अनियमितताओं को उजागर करने के लिए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को धन्यवाद कहा है। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री चाहते हैं कि बेघर गरीबों को घर मिले लेकिन दुर्भाग्य से ओडिशा में ट्रांस्पेरेंसी की कमी रही, जिसके चलते इसके कार्यन्वयन में कई त्रुटियाँ पाई गईं।
I convey my best wishes to Hon’ble Minister Dharmendra Pradhan ji for bringing up the issues related to PMAY of Odisha. Our government is committed to the Prime Minister’s vision of Antyodaya and Housing for All. pic.twitter.com/qAv4T6IdgD
— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) August 11, 2022
मंत्रालय की ओर से आदेश दिया गया है कि इस योजना से गैर जरूरतमंद लाभार्थियों को हटाया जाए। केंद्र के आँकड़ों के अनुसार ओडिशा में पीएम आवास योजना के तहत (ग्रामीण) 1.83 लाख घरों को मंजूरी दी गई, जिसमें से अब तक 1.69 लाख पूरे हो चुके हैं। मंत्रालय ने 12 महीनों में राज्य को 1.26 लाख घरों का निर्माण सुनिश्चित करने का आदेश दिया है। वहीं जिन घरों को बनाने में एक साल से ज्यादा का समय लगा है, उनका निर्माण 3 महीने के भीतर पूरा करने का आदेश दिया गया।
विपक्ष प्रशासित छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल में भी योजना के नियमों का धड़ल्ले से उल्लंघन किया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का कहना है कि इन राज्यों ने योजना का नाम और लोगो ही बदल दिया है। पश्चिम बंगाल में इस योजना का नाम ‘बंग्ला आवास योजना’ कर दिया गया है। ओडिशा और पश्चिम बंगाल दोनों राज्यों में योजना का लोगो बदल दिया गया है।
पीएम आसावस योजना का कार्यान्वयन 60:40 के अनुपात में होना था। इसके तहत केंद्र 60 प्रतिशत तो वहीं राज्य 40 प्रतिशत फंड रिलीज करता है। लेकिन छत्तीसगढ़ राज्य की 40 प्रतिशत की हिस्सादारी दे ही नहीं रहा है। इसके चलते अब केंद्र सरकार ने इस योजना के कार्यान्वयन की राज्यवार समीक्षा करने का फैसला लिया है। इस योजना के तहत केंद्र की मोदी सरकार ने 2024 तक सभी को पक्का घर देने का वादा किया था।
पीएम आवास योजना
प्रधानमंत्री आवास योजना केंद्र सरकार की एक ऐसी योजना है, जिसके तहत निर्धन लोगों को उनके खरीदने की क्षमता के अनुकूल घर दिए जाएँगे। ये योजना महँगे रियल स्टेट सेक्टर की अपेक्षा सस्ते घरों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। केंद्र सरकार के ‘हाउसिंग फॉर ऑल’ अभियान के तहत इस योजना को 2015 में शुरू किया गया था। इस योजना को दो भागों में बाँटा गया था – शहरी और ग्रामीण। पहले इसकी समय सीमा 2022 तक थी, जिसे दिसंबर 2024 तक बढ़ा दिया गया है।