प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री को लेकर सवाल उठाने वाले आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल फँसते नजर आ रहे हैं। इस मामले में आपराधिक मानहानि का मुकदमा झेल रहे केजरीवाल और पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने अहमदाबाद सत्र न्यायालय में अपना जवाब दाखिल किया।
अपने जवाब में आम आदमी पार्टी ने नेताओं ने तर्क दिया कि सरकार या इसके किसी अंग द्वारा नागरिकों पर मानहानि का मुकदमा नहीं किया जा सकता है। इस तरह केजरीवाल ने खुद को आम नागरिक बताकर मुकदम से बचने की कोशिश की। वहीं, कोर्ट की ओर से तलब किए जाने के फैसले को चुनौैती देते हुए AAP नेताओं ने पुनरीक्षण याचिका दाखिल की।
अरविंद केजरीवाल की ओर पेश वकील सोमनाथ वत्स ने कोर्ट में दलील दी कि गुजरात यूनिवर्सिटी सरकार का एक अंग है और इसकी ओर से मानहानि का मुकदमा दर्ज नहीं कराया जा सकता है।
वहीं, संजय सिंह की ओर से पेश वकील फारूख खान ने कहा कि मजिस्ट्रेट को गुमराह किया गया है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट कह चुका है कि सरकार नागरिकों पर मानहानि का मुकदमा नहीं कर सकती है, क्योंकि ऐसा हुआ तो रोज मानहानि के मुकदमे होंगे।
खान ने अपने तर्क में आगे कहा कि शिकायतकर्ता पटेल ने आरोप लगाया है कि राजनीतिक बढ़त के लिए टिप्पणियाँ की गई थीं। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के लिए गुजरात यूनिवर्सिटी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी नहीं है। इसलिए दलील ठीक नहीं है।
फारूख खान ने कहा, “अगर मुझे किसी बात को लेकर आशंका है, भले मैं सही हूँ या नहीं, तो क्या मैं सवाल उठाने का हकदार नहीं हूँ? अगर मेरा दोस्त दिल्ली यूनिवर्सिटी, गुजरात यूनिवर्सिटी, बनारस यूनिवर्सिटी से डिग्री फोटोशॉप करता है तो उसने फर्जीवाड़ा किया है, यूनिवर्सिटी ने नहीं।”
बताते चलें कि 2 सितंबर 2023 को मुख्य जिला एवं सत्र न्यायधीश ने इस याचिका को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जेएम ब्रह्मभट्ट को सौंप दिया था। दरअसल, गुजरात हाईकोर्ट ने 10 दिन के भीतर इस पर फैसला लेने को कहा है। इसके बाद ऐसा किया गया है।
दरअसल, गुजरात यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार पीयूष पटेल ने अरविंद केजरीवाल और संजय सिंह के खिलाफ अहमदाबाद के मजिस्ट्रेट कोर्ट में आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया था। अपनी शिकायत में पीयूष पटेल ने कहा था कि अरविंद केजरीवाल और संजय सिंह ने पीएम मोदी के डिग्री के बहाने गुजरात यूनिवर्सिटी पर अपमानजनक टिप्पणी कीं।