प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के 508 रेलवे स्टेशनों की सूरत बदलने वाली विश्व की सबसे बड़ी रेलवे री-इंफ्रास्ट्रक्चर योजना का शिलान्यास कर दिया है। भारत देश के हर कोने यानि 27 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैले 508 रेलवे स्टेशनों की सूरत अगले दो सालों में बदल जाएगी। इसकी लागत 24,470 करोड़ रुपए रखी गई है। ये इस योजना का पहला चरण है। जिसमें रेलवे स्टेशनों का कायापलट किया जाएगा।
भारत के रेलवे स्टेशनों की सूरत साल 2014 के बाद वैसे भी तेजी से बदली थी, लेकिन अब सिर्फ रेलवे स्टेशन ही नहीं, बल्कि उसके आसपास बुनियादी सुविधाओं का ऐसा विस्तार किया जाएगा कि यात्रियों के चेहरे खिल उठेंगे।
रेलवे स्टेशनों पर होंगे इस तरह के बदलाव
अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत उत्तर प्रदेश के 55 रेलवे स्टेशनों की सूरत बदली जाएगी। उन्हें यात्री सुविधाओं के हिसाब से अपग्रेड किया जाएगा। उनकी बिल्डिंग्स पर आधुनिकता के साथ स्थानीयता का रंग दिखेगा। जैसे, आजादी के पहले बने स्टेशनों पर अंग्रेजी वास्तुकला की झलक दिखती है, अब उन्हें स्थानीय रंग में रंगा जाएगा। स्टेशन पर एंट्री से लेकर वहाँ रुकने के लिए सुविधाओं तक की फुलप्रूफ व्यवस्था की जाएगी। ऐसी व्यवस्था सभी 508 रेलवे स्टेशनों पर की जाएगी।
अभी रेलवे स्टेशनों के आसपास इधर-उधर खड़ी रहने वाली गाड़ियों के लिए पार्किंग की अच्छी व्यवस्था की जाएगी। स्टेशनों को सीसीटीवी से लैस किया जाएगा। वॉश बेसिन से लेकर बेंच और शेल्टर रूम तक की व्यवस्था होगी। वेटिंग रूम भी अपग्रेड होंगे, तो प्लेटफॉर्म्स पर दिखने वाली अफरातफरी भी खत्म हो जाएगी। दिव्यांगजनों के लिए बेहतर सुविधाएँ होंगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कही ये बड़ी बात
अमृत भारत स्टेशन योजना के शिलान्यास के मौके पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देश के कोने-कोने से अहम लोग जुड़े थे। उन सबको संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “हर अमृत स्टेशन, शहर की आधुनिक आकांक्षाओं और प्राचीन विरासत का प्रतीक बनेगा। अब ट्रेन से लेकर स्टेशन तक एक बेहतर एक्सपीरियंस देने का प्रयास है। आज पूरी दुनिया की दृष्टि भारत पर है। वैश्विक स्तर पर भारत की साख बढ़ी है, भारत को लेकर दुनिया का रवैया बदला है। भारत विकसित होने के लक्ष्य की तरफ कदम बढ़ा रहा है। अपने अमृतकाल के प्रारंभ में है। नई ऊर्जा है, नई प्रेरणा है, नए संकल्प हैं। इसी आलोक में आज भारतीय रेल के इतिहास में भी एक नए अध्याय की शुरुआत हो रही है।”
देखिए, ऐसे दिखेगा अमृत भारत स्टेशन योजना के पूरे होने के बाद आपका अपना रेलवे स्टेशन
गया रेलवे स्टेशन: बिहार और उत्तर प्रदेश की सीमा पर बिहार राज्य में स्थित गया एक बेहद अहम स्थान है। उत्तर भारत के लोगों के लिए गया तीर्थस्थल के समान है। यहीं वो अपने पूर्वजों को पिंड दान देने पहुँचते हैं। देखिए, अब के गया स्टेशन और 2 साल बाद के स्टेशन में कितना अंतर आ जाएगा।
फरीदाबाद रेलवे स्टेशन: दिल्ली और हरियाणा की सीमा पर प्रमुख औद्योगिक शहर फरीदाबाद के रेलवे स्टेशन को भी इस योजना में शामिल किया गया है। हैवी इंडस्ट्रीज के गढ़ फरीदाबाद के रेलवे स्टेशन का पूरी तरह से कायाकल्प हो जाएगा। देखिए, अब के फरीदाबाद स्टेशन और 2 साल बाद के स्टेशन में कितना अंतर आ जाएगा।
कोटा रेलवे स्टेशन: राजस्थान का कोटा शहर शिक्षा के केंद्र के तौर पर प्रसिद्ध है। देश के कोने-कोने से छात्र अपनी परीक्षाओं की तैयारियों के लिए यहाँ पहुँचते हैं। देखिए, अब के कोटा स्टेशन और 2 साल बाद के स्टेशन में कितना अंतर आ जाएगा।
मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन: बिहार के मुजफ्फरपुर स्टेशन की तस्वीर पूरी तरह से बदल जाएगी। देखिए, अब के मुजफ्फरपुर स्टेशन और 2 साल बाद के स्टेशन में कितना अंतर आ जाएगा।