प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (4 दिसंबर 2023) नौसेना दिवस के मौके पर महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग पहुँचे। यहाँ से वह सिंधुदुर्ग किले गए। उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनावरण किया। यह प्रतिमा भारतीय नौसेना की तरफ से सिंधुदुर्ग जिले में स्थापित की गई है।
अनावरण के दौरान पीएम मोदी ने छत्रपति शिवाजी महाराज को पुष्प चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी और फिर दोनों हाथ जोड़कर उन्हें नमन किया। इसके बाद वह सिंधुदुर्ग के तारकर्ली बीच भी गए। वहाँ कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जिसके बाद पीएम मोदी ने जनसभा को संबोधित किया।
PM Shri @narendramodi unveils the statue of Shri Chhatrapati Shivaji Maharaj in Sindhudurg, Maharashtra. https://t.co/qXePrfAp3J
— BJP (@BJP4India) December 4, 2023
संबोधन में पीएम मोदी ने नौसेना को बधाई देते हुए कहा, “आपके लिए ही कहा गया है कि… चलो नई मिसाल हो, बढ़ो नया कमाल हो, झुको नहीं, रुको नहीं, बढ़े चलो, बढ़े चलो।”
आपके लिए ही कहा गया है कि…
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चलो नई मिसाल हो,
बढ़ो नया कमाल हो,
झुको नहीं, रुको नहीं,
बढ़े चलो, बढ़े चलो।
नेवी डे पर मैं नौसेना परिवार के सभी सदस्यों को विशेष रूप से बधाई देता हूं।
– पीएम @narendramodi pic.twitter.com/sP48whuuRT
उन्होंने कहा, “अपनी विरासत पर गर्व करने की भावना के साथ मुझे एक और घोषणा करते हुए गौरव हो रहा है। भारतीय नौसेना अब अपने रैंक्स का नामकरण भारतीय परंपराओं के अनुरूप करने जा रही है। हम सशस्त्र बलों में अपनी नारीशक्ति की संख्या बढ़ाने पर भी जो दे रहे हैं।”
अपनी विरासत पर गर्व करने की भावना के साथ मुझे एक और घोषणा करते हुए गौरव हो रहा है।
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भारतीय नौसेना अब अपने Ranks का नामकरण भारतीय परंपराओं के अनुरूप करने जा रही है।
हम सशस्त्र बलों में अपनी नारीशक्ति की संख्या बढ़ाने पर भी जो दे रहे हैं।
– पीएम @narendramodi
वह बोले कि छत्रपति शिवाजी महाराज से प्रेरणा लेकर भारत औपनिवेशिक विचारों को खत्म कर रहा है। उन्होंने कहा, “ये भारत के इतिहास का वो कालखंड है जो सिर्फ 5-10 साल का नहीं, बल्कि आने वाली सदियों का भविष्य लिखने वाला है। 10 वर्ष से भी कम के कालखंड में भारत, दुनिया में 10वें नंबर की आर्थिक ताकत से बढ़कर 5वें नंबर पर पहुँच गया है। अब तीसरे नंबर की आर्थिक शक्ति बनने की ओर अग्रसर है।”
ये भारत के इतिहास का वो कालखंड है जो सिर्फ 5-10 साल का नहीं, बल्कि आने वाली सदियों का भविष्य लिखने वाला है।
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10 वर्ष से भी कम के कालखंड में भारत, दुनिया में 10वें नंबर की आर्थिक ताकत से बढ़कर 5वें नंबर पर पहुंच गया है। अब तीसरे नंबर की आर्थिक शक्ति बनने की ओर अग्रसर है।
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सिंधुदुर्ग में नौसेना दिवस कार्यक्रम
गौरतलब है कि दरअसल, सिंधुदुर्ग भारतीय नौसेना के लिए आज के समय में बहुत महत्वपूर्व द्वीप है जिसे 1664 से 1667 के बीच में छत्रपति शिवाजी महाराज ने बनवाया था। ये पूरा किला 48 एकड़ में फैला है। यहाँ पदमगढ़ नामक अन्य किला है जो मराठा नौसेना के लिए शिपयार्ड के रूप में काम आता था। इसे सिंधुदुर्ग के सामने एक छोटे से द्वीप पर बनाया गया था। यही वो द्वीप थे जिसे मराठाओं ने अंग्रेजी, डच और पुर्तगाली नौसेना के खिलाफ अपनी मजबूत पकड़ बनाने के लिए इस्तेमाल किया।
पिछले साल ही नौसेना को अपना निशान मिला था उसक कनेक्शन भी छत्रपति शिवाजी महाराज के समय से जुड़ा था। नए एनसाइन, जिसमें भारत के गौरवशाली इतिहास की शौर्य गाथा और उपनिवेशवाद से आजादी का प्रतीक शामिल किया गया था। नए एनसाइन में बाईं ओर ऊपरी में राष्ट्रीय ध्वज, और फ्लाई साइड के केंद्र में एक नेवी ब्लू – गोल्ड अष्टकोण रखा गया।
अष्टकोण के भीतर शामिल डिजाइन को भारतीय नौसेना के शिखर से लिया गया, जिसमें औपनिवेशिक विरासत से जुड़े फाउल्ड एंकर को हटाकर भारतीय नौसेना की दृढ़ता को रेखांकित करने के लिए एंकर के साथ बदल दिया गया।
मालूम हो कि अष्टकोणीय आकार का नेवी ब्लू रंग भारतीय नौसेना की नीली जल क्षमताओं को दर्शाता है। वहीं जुड़वाँ अष्टकोणीय सीमाएँ छत्रपति शिवाजी महाराज की मुहर से प्रेरणा लेती हुई है।