अगले पाँच वर्षों के लिए देश की बागडोर एक बार फिर नरेंद्र मोदी के हाथों में आ गई है। प्रधानमंत्री मोदी ने 28 मई को धर्म नगरी काशी जाने की घोषणा कर दी है, जिससे वो अपनी जीत का श्रेय वहाँ की जनता को दे सकें। काशी के मतदाताओं का आभार व्यक्त करने के साथ ही वो वहाँ बाबा विश्वनाथ का ठीक उसी विधि से कमल पुष्प से अभिषेक करेंगे जैसे भगवान श्रीराम ने लंका विजय से पहले की थी। पूजा की विशेष तैयारियों के तहत पीएम मोदी षोडशोपचार पूजन के बाद 501 या 108 कमल के फूलों से बाबा विश्वनाथ का अभिषेक करेंगे। काशी के पंडितों के अनुसार, भगवान श्रीराम ने भी शिवजी की पूजा-अर्चना इसी पूजन-विधि से की थी।
इससे पहले, साल 2014 में जब पीएम मोदी को बनारस से जीत मिलने के अगले ही दिन गंगा तट पर पहुँचे थे। लेकिन, इस बार उन्होंने पीएम पद की शपथ लेने से पहले वहाँ जाने का निर्णय लिया है। ख़बर के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोपहर के बाद काशी नगरी पहुँचेंगे। जनता से संवाद करने के बाद वो काशी के कोतवाल बाबा कालभैरव व काशी विश्वनाथ मंदिर जाकर दर्शन और पूजन करेंगे। इसके बाद गंगा आरती में शामिल होंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) इसकी विस्तृत जानकारी शनिवार (25 मई) को ज़िला प्रशासन को देगा।
ख़बर है कि प्रधानमंत्री मोदी का बनारस में भव्य स्वागत किया जाएगा। उनका यह ऐतिहासिक स्वागत एक सांसद के रूप में नहीं बल्कि एक महानायक के रूप में किया जाएगा। पीएम मोदी 28 मई को विमान से बाबतपुर एयरपोर्ट आने के बाद जनता का आभार व्यक्त करने सड़कों पर निकलेंगे। शहर में प्रवेश के बाद गंगा तट तक जाने के लिए ‘विजय रथ’ क़रीब तीस किलोमीटर की दूरी तय करेगा। इस पूरे रास्ते की सजावट के लिए जिन संसाधनों का प्रयोग किया जाएगा, वैसा बनारस में पहले कभी नहीं किया गया होगा। माना जा रहा है कि 28 मई को मोदी आगमन पर उनके स्वागत में बड़ी संख्या में लोग शामिल होंगे।
प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत में उमड़ने वाला जनसैलाब इस बात का स्पष्ट संकेत होगा कि बनारस की जनता में उन्हें लेकर विश्वास काफ़ी बढ़ा है। वहीं, पीएम मोदी का विश्वास भी बनारस की जनता जीतने में कामयाब रही, तभी तो उन्होंने चुनाव प्रचार की सारी ज़िम्मेदारियाँ काशीवासियों पर ही छोड़ दी थी। तभी उन्होंने पूरे आत्मविश्वास के साथ कहा था कि अब वो जीतने के बाद काशीवासियों का आभार व्यक्त करने वहाँ आएँगे।