प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 जून 2021 को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों के गठबंधन गुपकार गैंग ने इसमें शामिल होने की सहमति जताई है। हालाँकि इसके नेताओं ने अपना पुराना विलाप बंद नहीं किया है। गठबंधन की प्रमुख नेता और राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने पाकिस्तान को लेकर अपना प्रेम जाहिर किया है तो मुजफ्फर शाह ने आर्टिकल 370 का रोना रोया है।
गुपकार गैंग यानी पीपुल्स अलायंस फॉर गुप्कार डिक्लेरेशन (PAGD) के मुखिया पूर्व सीएम फारुक अब्दुल्ला हैं। इसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी), पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी- मार्क्सवादी (सीपीआई-एम), जम्मू और कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) और जम्मू और कश्मीर अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKANC) शामिल हैं।
The government is holding dialogue with the Taliban in Doha. They should hold dialogue in Jammu and Kashmir. They should also hold talks with Pakistan for resolution of issues: PDP chief and former J&K CM Mehbooba Mufti pic.twitter.com/uq9mSgcu4G
— ANI (@ANI) June 22, 2021
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ऑल पार्टी मीटिंग में फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती सहित इस गठबंधन के सभी प्रमुख नेता मौजूद रहेंगे। हालाँकि, मीटिंग से पहले ही गुपकार गैंग ने साफ कर दिया है कि वह भारत सरकार द्वारा खत्म किए गए अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35-ए पर कोई समझौता नहीं करेगा।
एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, श्रीनगर में फारुक अब्दुल्ला के घर पर गुपकार की मीटिंग के बाद मुजफ्फर अहमद शाह ने कहा कि आर्टिकल 370 और 35ए पर कोई समझौता नहीं होगा। इससे पहले पीएजीडी के प्रवक्ता मोहम्मद युसूफ तारिगामी ने कहा था, “पीएजीडी के सभी नेताओं को निमंत्रण दिया गया है और इस बैठक में सभी के शामिल होने की संभावना है। लेकिन इसकी रणनीति को लेकर गठबंधन के नेता ही निर्णय लेंगे।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य में परिसीमन की प्रक्रिया के लिए सभी दलों से सहयोग की अपेक्षा कर रहे हैं ताकि प्रदेश में राजनीतिक प्रक्रियाओं को फिर से शुरू किया जा सके। वहीं महबूबा मुफ्ती सईद ने कहा, “सरकार दोहा में तालिबान के साथ बातचीत कर रही है। उन्हें जम्मू-कश्मीर में बात करनी चाहिए। उन्हें मुद्दों के समाधान के लिए पाकिस्तान से भी बातचीत करनी चाहिए।” गौरतलब है कि महबूबा मुफ्ती कश्मीर से जुड़े मसलों के समाधान के लिए बातचीत में पाकिस्तान को भी शामिल करने की पैरोकार रही हैं।