Tuesday, November 19, 2024
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असम में 1 लाख लोगों को मिले जमीन के पट्टे, PM मोदी ने कहा- राज्य में अब तक 2.5 लाख लोगों को मिली भूमि

ग्रामीण इलाकों में हर लाभार्थी को 1.08 लाख स्क्वायर फ़ीट खेती की जमीन सौंपी गई। असम में एक बीघा में 14,400 स्क्वायर फ़ीट आता है। इसके अलावा एक बीघा घर बनाने के लिए भी दिए गए। वहीं शहरी लाभार्थियों को 1.1 कट्ठा जमीन दी गई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (जनवरी 23, 2021) को अपर असम के शिवसागर जिले में स्थित ऐतिहासिक जेरेंगा पोथार मैदान में जनसभा को सम्बोधित किया। इस दौरान करीब 1 लाख जनजातीय लोगों को उनकी जमीन का पट्टा (स्वामित्व वाले दस्तावेज) सौंपा गया। असम में 6 सदी तक राज करने वाले अहोम वंश के लिए शिवसागर एक बड़ा स्थान था। लेकिन, पिछले वर्ष इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा इसे CAA विरोधी हब बनाने की कोशिश की गई थी।

ये असम में स्वतंत्रता के बाद अब तक का सबसे बड़ा भूमि अंशदान अभियान है। इस दौरान प्रत्येक व्यक्ति को 7 बीघा तक की भूमि के स्वामित्व के साथ-साथ घर के लिए छोटी जमीन भी दी जा रही है। असम में अप्रैल 2021 में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में लगभग 1 वर्ष बाद राज्य में पहुँचे पीएम मोदी के इस दौरे को अहम माना जा रहा है। 2016 में भाजपा ने राज्य के लोगों को ‘जाति, माटी और भेटी (मातृभूमि) की रक्षा’ का वचन दिया था।

ग्रामीण इलाकों में हर लाभार्थी को 1.08 लाख स्क्वायर फ़ीट खेती की जमीन सौंपी गई। असम में एक बीघा में 14,400 स्क्वायर फ़ीट आता है। इसके अलावा एक बीघा घर बनाने के लिए भी दिए गए। वहीं शहरी लाभार्थियों को 1.1 कट्ठा जमीन दी गई। 1 कट्ठा वहाँ 2880 स्क्वायर फ़ीट होता है। वहीं गुवाहाटी के लाभार्थियों को 1.5 कट्ठा भूमि मिली। म्युनिसिपल्टी क्षेत्र में आधिकारिक रूप से एक घर के लिए इतनी भूमि कम से कम होनी ही चाहिए।

इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि असम के लोगों का इतनी बड़ी संख्या में आना, उनका ये आशीर्वाद और आत्मीयता उनके लिए बहुत बड़ा सौभाग्य है। उन्होंने कहा, “आपका ये प्रेम और स्नेह मुझे बार बार असम ले आता है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि आज असम की सरकार ने लोगों के जीवन की बड़ी चिंता दूर की है और 1 लाख से ज्यादा मूल निवासी परिवारों को भूमि के स्वामित्व का अधिकार मिलने से उनके जीवन की बड़ी चिंता अब दूर हो गई है।

उन्होंने कहा कि आज ‘पराक्रम दिवस’ पर पूरे देश में अनेक कार्यक्रम भी शुरू हो रहे हैं। इसलिए एक तरह से आज का दिन उम्मीदों के पूरा होने के साथ ही, हमारे राष्ट्रीय संकल्पों की सिद्धि के लिए प्रेरणा लेने का भी अवसर है। बकौल पीएम मोदी, असम में जब भाजपा सरकार बनी तो उस समय भी यहाँ करीब-करीब 6 लाख मूल निवासी परिवार जिनके पास ज़मीन के कानूनी कागज़ नहीं थे। उन्होंने लोगों की इस चिंता को दूर करने के लिए गंभीरता के साथ काम करने का श्रेय मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनवाल को दिया।

पीएम मोदी ने कहा कि आत्मविश्वास तभी बढ़ता है जब घर-परिवार में भी सुविधाएँ मिलती हैं और बाहर का इंफ्रास्ट्रक्चर भी सुधरता है। उन्होंने ध्यान दिलाया कि बीते सालों में इन दोनों मोर्चों पर असम में अभूतपूर्व काम किया गया है। उन्होंने आँकड़े गिनाते हुए कहा कि 5 साल पहले तक असम के 50 प्रतिशत से भी कम घरों तक बिजली पहुँची थी, जो अब करीब 100% तक पहुँच चुकी है। जल जीवन मिशन के तहत बीते 1.5 साल में असम में 2.5 लाख से ज्यादा घरों में पानी का कनेक्शन दिया गया है।

पीएम मोदी ने कहा कि शिवसागर को देश के 5 सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थलों में भी चुना गया है। 2019 में ही सरकार ने नए कानून बना कर लोगों को उनकी जमीन के अधिकार देने की योजना बना दी थी। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में ही 2.5 लाख लोगों को उनकी भूमि का अधिकार दिया गया है। असम के 70 आदिवासी समुदायों को सामाजिक सुरक्षा दी गई है। उन्होंने कहा कि असम की संस्कृति की रक्षा के लिए वाजपेयी सरकार से लेकर अब तक भाजपा गंभीर रही है।

इस दौरान वो लोगों को ये सलाह देना नहीं भूले कि कोरोना टीकाकरण के लिए जिसकी बारी आए, वो टीके जरूर लगाएँ। टीके की 2 डोज लगनी जरूरी है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में भारत में बने टीके की डिमांड हो रही है और भारत में भी लाखों लोग अब तक टीका लगा चुके हैं। उन्होंने कहा, “हमें टीका भी लगाना है और सावधानी भी रखनी है। असम में जिस तरह से लोगों ने इस महामारी से लड़ाई लड़ी, उसके लिए वो बधाई के पात्र हैं।”

उन्होंने कहा कि असम में तेल और गैस से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर पर बीते वर्षों में 40 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश किया गया है। गुवाहटी-बरौनी गैस पाइपलाइन से नॉर्थ ईस्ट और पूर्वी भारत की गैस कनेक्टिविटी मजबूत होने वाली है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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