प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के मेरठ में मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय का शिलान्यास किया और औघड़नाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की। इससे मेरठ और इसके आसपास के जिलों में खेल के क्षेत्र में एक बड़ी क्रांति आएगी। ‘Major Dhyanchand Sports University’ की स्थापना में कुल 700 करोड़ रुपए लगेंगे। इस दौरान उन्होंने खिलाड़ियों का सम्मान भी किया। सरधना क्षेत्र के गाँव में इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। पीएम मोदी ने इस दौरान शहीद स्मारक पर जाकर राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय का निरीक्षण भी किया।
इस दौरान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। सलावा में आयोजित पीएम मोदी के कार्यक्रम में लगभग एक लाख लोग पहुँचे। यही वो जगह है, जहाँ खेल विश्वविद्यालय बन रहा है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मेरठ और आसपास के इस क्षेत्र ने स्वतंत्र भारत को भी नई दिशा देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और राष्ट्ररक्षा के लिए सीमा पर बलिदान हों या फिर खेल के मैदान में राष्ट्र के लिए सम्मान, राष्ट्रभक्ति की अलख को इस क्षेत्र ने प्रज्जवलित रखा है।
उन्होंने कहा कि मेरठ, देश की एक और महान संतान, मेजर ध्यानचंद जी की भी कर्मस्थली रहा है। साथ ही बताया कि कुछ महीने पहले केंद्र सरकार ने देश के सबसे बड़े खेल पुरस्कार का नाम ‘दद्दा’ के नाम पर किया था, वहीं अब मेरठ की स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी मेजर ध्यानचंद जी को समर्पित की जा रही। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों में यूपी में अपराधी अपना खेल खेलते थे, माफिया अपना खेल खेलते थे। उन्होंने कहा कि पहले यहाँ अवैध कब्जे के टूर्नामेंट होते थे, बेटियों पर फब्तियाँ कसने वाले खुलेआम घूमते थे।
पीएम मोदी ने कहा, “हमारे मेरठ और आसपास के क्षेत्रों के लोग कभी भूल नहीं सकते कि लोगों के घर जला दिए जाते थे और पहले की सरकार अपने खेल में लगी रहती थी। पहले की सरकारों के खेल का ही नतीजा था कि लोग अपना पुश्तैनी घर छोड़कर पलायन के लिए मजबूर हो गए थे। अब योगी जी की सरकार ऐसे अपराधियों के साथ जेल-जेल खेल रही है। पाँच साल पहले इसी मेरठ की बेटियाँ शाम होने के बाद अपने घर से निकलने से डरती थीं। आज मेरठ की बेटियाँ पूरे देश का नाम रौशन कर रही हैं।”
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा कि युवा नए भारत का कर्णधार भी है, विस्तार भी है। उन्होंने कहा कि युवा नए भारत का नियंता भी है, नेतृत्वकर्ता भी है। साथ ही याद दिलाया कि हमारे आज के युवाओं के पास प्राचीनता की विरासत भी है, आधुनिकता का बोध भी है, और इसलिए, जिधर युवा चलेगा उधर भारत चलेगा। उन्होंने कहा कि जिधर भारत चलेगा उधर ही अब दुनिया चलने वाली है।