प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के साबर डेयरी प्लांट में कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया, जिसका सीधा फायदा कई किसानों को होगा। गुजरात दौरे के पहले दिन पीएम मोदी ने साबरकांठा के गढ़ोडा चौकी स्थित इस साबर डेयरी का दौरा किया। हिम्मतनगर के पास साबरकांठा जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ (साबर डेयरी) के 305 करोड़ रुपए के मिल्क पाउडर संयंत्र का उद्घाटन भी हुआ। 1.20 लाख टन वाली इस डेयरी को 1000 करोड़ रुपए के परियोजनाओं की सौगात मिली।
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि आज साबर डेयरी का विस्तार हुआ है और सैकड़ों करोड़ रुपए के नए प्रोजेक्ट यहाँ लग रहे हैं। उन्होंने जानकारी दी कि आधुनिक टेक्नॉलॉजी से लैस मिल्क पाउडर प्लांट और ए-सेप्टिक पैकिंग सेक्शन में एक और लाइन जुड़ने से साबर डेयरी की क्षमता और अधिक बढ़ जाएगी। साथ ही याद दिलाया कि दो दशक पहले यहां क्या स्थितियाँ थीं, ये आप भी जानते हैं और उन्होंने भी भलीभाँति देखा है।
बकौल पीएम मोदी, आजकल हम गुजरात के कई हिस्सों में अतिवर्षा की चुनौती से जूझ रहे हैं, लेकिन बारिश आना ही गुजराती के लिए इतना बड़ा सुख और संतोष होता है, इसका अंदाजा बाहर के लोगों को नहीं है। उन्होंने उदाहरण गिनाया कि जैसे जैसे सिंचाई की सुविधाओं का गुजरात में विस्तार हुआ, वैसे वैसे कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में हमनें बहुत विकास किया और डेयरी ने उसे बहुत बड़ी ताकत दी। अर्थव्यवस्था को डेयरी ने स्थिरता भी दी, सुरक्षा भी दी और प्रगति के नए अवसर भी दिए।
पीएम मोदी ने कहा, “गुजरात में बीते 2 दशक में जो व्यवस्थाएँ तैयार हुईं, आज उसके बेहतर परिणाम मिल रहे हैं। आज गुजरात का डेयरी मार्किट 1 लाख करोड़ रुपए तक पहुँच चुका है। गुजरात में सहकारिता की एक समृद्ध परंपरा रही है, और संस्कार भी है। तभी तो सहकार है और सहकार है, तभी तो समृद्धि है। दूध से जुड़े सहकारी आंदोलन को जो सफलता मिली है, इसका विस्तार अब हम खेती से जुड़े बाकी क्षेत्रों में भी कर रहे हैं। देश में आज 10 हजार किसान उत्पादक संघ – FPOs के निर्माण का काम तेजी से चल रहा है।”
पीएम मोदी ने बताया कि इन FPOs के माध्यम से छोटे किसान फूड प्रोसेसिंग से जुड़ी, एक्सपोर्ट से जुड़ी वैल्यू और सप्लाई चेन से सीधे जुड़ पाएंगे। इसका बहुत अधिक लाभ गुजरात के किसानों को भी होने वाला है। उन्होंने कहा कि किसान की आय बढ़ाने के लिए जो प्रयास बीते 8 वर्षों में केंद्र सरकार ने किए हैं, उसकी वजह से गुजरात समेत देश के अलग अलग हिस्सों में किसानों की आय में बढ़ोतरी देखी जा रही है। किसानों की आय में बागवानी, पशुपालन, मछलीपालन की वजह से भी काफी वृद्धि हुई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि छोटी जमीन वाले किसानों की आय में भी वृद्धि हुई है, यानी फसलों के अलावा आय के वैकल्पिक माध्यमों पर काम करने की रणनीति आज काम आ रही है। खादी और ग्रामोद्योग भी इसका एक उत्तम उदाहरण बताते हुए उन्होंने कहा कि खादी ग्रामोद्योग का टर्नओवर पहली बार 1 लाख करोड़ रुपए से ऊपर गया है। उन्होंने बीते 8 वर्षों में इसी क्षेत्र से डेढ़ करोड़ से ज्यादा रोजगार गाँव में बनने के पीछे का श्रेय इसे ही दिया।
पीएम मोदी ने कहा कि 2014 तक देश में 40 करोड़ लीटर से भी कम इथेनॉल की ब्लेंडिंग होती थी, लेकिन आज ये करीब 400 करोड़ लीटर तक पहुँच रहा है। उन्होंने जानकारी दी कि हमारी सरकार ने बीते 2 वर्षों में विशेष अभियान चलाकर 3 करोड़ से अधिक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड भी दिए हैं। बकौल पीएम मोदी, खेती की लागत कम करने पर भी हम लगातार काम कर रहे हैं। नीम कोटिड यूरिया, खाद के बंद पड़े कारखानों को फिर से शुरू करने का काम किया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारी सरकार ने 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा जी के जन्म दिवस को जनजातीय गौरव दिवस घोषित किया है। हमारी सरकार देशभर में आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की याद में विशेष संग्रहालय भी बनवा रही है। आजादी के इस महत्वपूर्ण पड़ाव पर एक और बड़ा संयोग हुआ है। पहली बार जनजातीय समाज से आने वाली देश की बेटी भारत के सबसे बड़े संवैधानिक पद पर पहुँची हैं। देश ने श्रीमती द्रोपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाया है। ये 130 करोड़ से अधिक भारतवासियों के लिए बहुत गौरव का क्षण है।