जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने देश में दो प्रधानमंत्रियों की माँग की है। एक जम्मू कश्मीर के लिए और एक शेष भारत के लिए। उमर अब्दुल्ला के इस बयान के बाद सियासी बवाल खड़ा हो गया और इसमें सबसे बड़ा मोड़ तब आया जब ख़ुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर कड़ी प्रतिक्रया दी। उमर अब्दुल्ला ने एक रैली को सम्बोधित करते हुए कहा कि वो वज़ीर-ए-आज़म और वज़ीर-ए-सदर वाली पुरानी व्यवस्था फिर से लागू करेंगे।
#WATCH Omar Abdullah in Bandipora says, “Baaki riyasat bina shart ke desh mein mile, par humne kaha ki humari apni pehchan hogi, apna constitution hoga. Humne uss waqt apne ‘Sadar-e-Riyasat’ aur ‘Wazir-e-Azam’ bhi rakha tha, Inshallah usko bhi hum wapas le aayenge.” pic.twitter.com/mPPoELKT8G
— ANI (@ANI) April 1, 2019
उमर अब्दुल्ला ने जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा:
“आज हमारे ऊपर तरह-तरह के हमले हो रहे हैं। हमारे ख़िलाफ़ कई तरह की साज़िशें हो रही हैं। कई ताक़तें लगी हुई हैं जम्मू-कश्मीर की पहचान मिटाने के लिए। कल की बात है जब अमित शाह साहब ने किसी इंटरव्यू में कहा कि हम 2020 तक जम्मू-कश्मीर से 35ए को खत्म कर देंगे। जम्मू-कश्मीर बाकी रियासतों की तरह नहीं है। बाकी रियासतें बिना शर्त रखे हिंदुस्तान में मिल गईं, लेकिन हमने शर्त रखी और मुफ़्त में नहीं आए। हम बिना शर्त मुल्क़ में नहीं आए। हमने अपनी पहचान बनाए रखने के लिए आईन (संविधान) में कुछ चीजें दर्ज कराईं और कहा कि हमारा संविधान और झंडा अपना होगा। उस वक्त हमनें अपना सदर-ए-रियासत और वजीर-ए-आजम भी रखा था, अब हम उसे भी वापस ले आएँगे।”
My party has always stood for the restoration of the terms of accession which Maharaja Hari Singh negotiated for J&K in 1947 & we have done so unashamedly.
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) April 1, 2019
इस पर कड़ी प्रतिक्रया देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष से पूछा कि क्या वे उमर अब्दुल्ला के बयानों से सहमत हैं? उन्होंने ,पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार और पूर्व मुख्यमंत्री एचडी देवेगौड़ा से पूछा कि क्या वो सभी अब्दुल्ला के इस बयान से सहमत हैं? दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केरीवाल का बिना नाम लिए मोदी ने पूछा कि क्या यू-टर्न बाबू अब्दुल्ला के इस बयान से सहमत हैं? उन्होंने विपक्ष को बेशर्म बताते हुए कहा कि जब तक मोदी यहाँ पर है, तब तक कोई भी भारत को विभाजित भी नहीं सकता।
National Conference wants 2 PMs, 1 in Kashmir & 1 for rest of India.
— Chowkidar Narendra Modi (@narendramodi) April 1, 2019
Does Mamata Didi agree?
Does U-Turn Babu agree?
Does Pawar Sahab agree?
Does former PM Deve Gowda Ji agree?
Shame on the Opposition!
Till Modi is there, no one can divide India! pic.twitter.com/hKVS0vgu2d
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस कड़ी प्रतिक्रिया के बाद सोशल मीडिया पर भी लोगों ने उमर अब्दुल्ला को घेरा और उन पर भारत को विभाजित करने के स्वप्न देखने का आरोप लगाया। बता दें कि हाल ही में जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने भी आर्टिकल 35A को लेकर कुछ ऐसा ही विवादित बयान दिया था। उन्होंने केंद्र सरकार को धमकी भरे अंदाज में कहा था कि अगर इस आर्टिकल से छेड़छाड़ की गई तो देश वो देखेगा जो उसने कभी नहीं देखा। साथ ही उन्होंने कहा था कि उसके बाद कश्मीर के लोग तिरंगा छोड़कर कौन सा झंडा उठाएँगे, उन्हें नहीं पता।
The two mainstream parties in the Kashmir are increasingly losing their identity. Their recent statements that the constitutional link between the State & the country is based on solemn assurance of Article 35A, is completely unacceptable.
— Chowkidar Arun Jaitley (@arunjaitley) April 1, 2019
उमर अब्दुल्ला ने पीएम की प्रक्रिया के बावजूद अपने स्टैंड पर कायम रहने की बात कहते हुए विपक्ष से बिना उनका समर्थन किए पीएम मोदी की आलोचना करने की अपील की। उन्होंने पीएम के उस वीडियो को रीट्वीट भी किया, जिसमे उन्होंने अब्दुल्ला को खरी-खरी सुनाया था। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी कश्मीर की दोनों नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी को ऐसे बयानों के लिए निशाने पर लेते हुए आर्टिकल 35A की प्रासंगिकता पर सवाल उठाए। बता दें कि जेटली इसे लेकर एक विस्तृत ब्लॉग भी लिख चुके हैं।