सेक्स कांड मामले में प्रज्वल रेवन्ना हर ओर से घिरा है। एक ओर बेंगलुरु कोर्ट ने उसकी न्यायिक हिरासत 10 जून तक बढ़ा दी गई है। दूसरी ओर लोकसभा चुनावों में उसे करारी हाल मिली है। इन दोनों खबरों को सुनने के बाद सेक्स कांड की पीड़िताएँ जश्न मना रही हैं।
द न्यूज मिनट की रिपोर्ट के अनुसार, सुनीता (बदला हुआ नाम) नाम की एक पीड़िता ने कहा कि वो खुश है कि प्रज्वल हार गया। शुरू में जब वो लीड कर रहा था तब बहुत डर लगा। मगर बूाद में श्रेयस पटेल को लीड करता देख राहत आई। सुनीता बोलीं, “मैं इतनी खुश थी मैं जाकर बाहर से मिठाई लाई और चिकन लाई। रात में हमने यही खाया।”
प्रज्वल को लेकर सुनीता* ने बताया कि उनके दो बच्चे हैं। 10 साल के बेटे को नहीं पता कि प्रज्वल रेवन्ना ने किया क्या है, लेकिन वो भी रेवन्ना की हार सुन खुश हो गया। सुनीता कहती हैं कि उन्हें अच्छे से याद है ये मामला खुलने के बाद रेवन्ना की माँ ने उन्हें जब घर से निकाला था तो वो लोग बारिश में सोए थे। सुनीता कहती हैं कि उनकी माँ प्रज्वल रेवन्ना की माँ की रिश्तेदार थीं और बहुत समय से काम उनके घर में काम करती थीं।
कथिततौर पर रेवन्ना परिवार ने उनसे उनका घर बिकवाया, फिर उन्हें एक जमीन होलेनरसिपुरा शहर में दिलाई। यहाँ उन्होंने घर बेचकर जो पैसा आया था उससे फिर घर बनवाया, लेकिन बावजूद इसके उन्हें उस जमीन से बेदखल कर दिया गया था। ऐसे ज्यादती सहने के बाद जब प्रज्वल रेवन्ना की हार चुनावों में देखने को मिली तो सुनीता ने इसकी खुशी मनाई।
बता दें कि प्रज्वल रेवन्ना 4 जून को हासन लोकसभा सीट पर कॉन्ग्रेस के श्रेयस पटेस से 42 हजार 649 वोटों के अंतर से हारा। इस हार का एक प्रमुख खारण सुनीता और माँ गिरिजा है। उन्ही दोनों ने हिम्मत दिखाते हुए कन्नड़ टीवी पर रेवन्ना का असली चेहरा खोला था। इसके बाद रेवन्ना भारत से दजर्मनी भाग गया था। बाद में उसके भारत आते ही उसे गिरफ्तार किया गया।
पुलिस ने भी जाँच में पाया था कि लगबग 70 महिलाओ के 3000 वीडियो थे, जिनमें से 4 महिलाएँ रेवन्ना के खिलाफ आवाज उठाने को खड़ी हुई। शुरू मे आवाज उठाने के बदले उन्हें बहिष्कार झेलना पड़ा लेकिन बाद मे उनकी सुनवाई हुई और आरोपित पकड़ा गया।