Sunday, November 17, 2024
Homeराजनीति...एक सरकारी मास्टर जो बना CM, 24 साल 163 दिन (भारत का रिकॉर्ड) वाले...

…एक सरकारी मास्टर जो बना CM, 24 साल 163 दिन (भारत का रिकॉर्ड) वाले मुख्यमंत्री को हराया

गोले ने 24 साल से अधिक सत्ता में बनी रहने वाली चामलिंग सरकार को हराया, इस कारण से उनकी ये जीत और खास हो गई। प्रेम सिंह तमांग ने नेपाली भाषा में शपथ ली।

पीएस गोले के नाम से पहचाने जाने वाले सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के अध्यक्ष प्रेम सिंह तमांग ने सोमवार (मई 27, 2019) को बतौर सिक्किम मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल गंगा प्रसाद ने गंगटोक के पलजोर स्टेडियम में उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस मौक़े पर उनके साथ 11 विधायकों ने भी शपथ ली।

साभार: सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा का फेसबुक

गोले ने 24 साल से अधिक सत्ता में बनी रहने वाली चामलिंग सरकार को हराया, इस कारण से उनकी ये जीत और खास हो गई। प्रेम सिंह तमांग ने नेपाली भाषा में शपथ ली। इस समारोह में पवन कुमार चामलिंग और सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट का कोई वरिष्ठ नेता शामिल नहीं हुआ। इन चुनावों में पार्टी ने 32 सदस्यीय सिक्किम विधानसभा में 17 सीटों पर जीत हासिल करके स्पष्ट बहुत प्राप्त किया। एसडीएफ को केवल 15 सीटें मिलीं।

बता दें कि प्रेम सिंह तमंग (पीएस गोले) ने 5 फरवरी, 1968 को एक नेपाली परिवार में जन्म लिया था। कालू सिंह तमंग और धनमाया तमंग उनके माता-पिता का नाम है। गोले ने अपनी स्कूली शिक्षा सोरेंग सीनियर सेकंडरी स्कूल से की और बाद में डार्जिलिंग के सरकारी कॉलेज में उन्होंने स्नातक पूरा किया। राजनीति में कदम रखने से पहले वो सरकारी टीचर थे। बाद में उन्होंने चामलिंग की एसडीएफ ज्वाइन कर ली। 1994 में वो सिक्किम विधानसभा के लिए चुने गए। लेकिन बाद में उन्होंने पार्टी से खुद को अलग कर लिया। 2013 में एसकेएम का गठन हुआ और अगले ही साल पार्टी ने चुनावों में 10 सीटें जीतीं।

राजनीतिक रिकॉर्ड की बात करें तो पवन कुमार चामलिंग के नाम देश में सबसे अधिक समय तक मुख्यमंत्री बने रहने का रिकॉर्ड है। पवन कुमार चामलिंग 24 साल 163 दिनों तक सिक्किम के मुख्यमंत्री रहे। 23 साल 137 दिनों के साथ ज्योति बासु इस रिकॉर्ड में दूसरे स्थान पर हैं। इन दोंनों के साथ खासियत यह रही कि ये दोनों नेता लगातार इतने दिनों तक मुख्यमंत्री बने रहे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -