Sunday, November 17, 2024
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दिल्ली की महिला CM क्यों नहीं रह पा रही हैं अरविंद केजरीवाल के ‘शीशमहल’ में? AAP की राजनीति में हमेशा छीछालेदर क्यों?

अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफा देने के बाद बंगला छोड़ा तो उन्होंने इसकी चाबी पीडब्लूडी को दी ही नहीं। वहीं सीएम आतिशी इसमें सामान लाकर रहने लगीं। इसी को लेकर भाजपा ने सवाल उठाए और मामला प्रकाश में आया।

दिल्ली में पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास को लेकर मामला गर्माया हुआ है। 9 अक्तूबर को स्थिति ऐसी आ गई कि पीडब्लूडी (पब्लिक वर्क डिपार्टमेंट/लोक निर्माण विभाग) को आवास ही सील करना पड़ा। अब इसमें न अरविंद केजरीवाल रह रहे हैं और न वर्तमान सीएम आतिशी। आवास को आवंटित करने का अधिकार पीडब्लूडी पर है। वहीं फैसला लेंगे कि ये किसे दिया जाएगा।

कहा जा रहा है जब अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफा देने के बाद बंगला छोड़ा तो उन्होंने इसकी चाबी पीडब्लूडी को दी ही नहीं, जो तस्वीर सामने आई थी वो मात्र दिखावा थी। वहीं इसके बाद सीएम आतिशी इसमें सामान रखने लगीं। इसी को लेकर भाजपा ने सवाल उठाए और मामला प्रकाश में आया। अब सीएम आतिशी की ओर कहना है कि उनका सामान एलजी ने आवास से बाहर फिंकवा दिया है जबकि एलजी का इस संबंध में कहीं कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

केजरीवाल के बाद बंगले में शिफ्ट हुईं सीएम आतिशी

मालूम हो कि 17 सितंबर को अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था और 21 सितंबर को आतिशी ने सीएम पद की शपथ ली थी। इसके बाद 4 अक्तूबर को खबर आई कि ‘ईमानदारी की मूरत’ केजरीवाल ने खुद ही सीएम आवास (6 फ्लैगस्टॉफ रोड बंगला) खाली कर दिया है और फिरोजशाह कोटला स्थित AAP सांसद अशोक मित्तल के आवास पर शिफ्ट हो गए हैं।

सुनीता केजरीवाल की बाकायदा चाबी सौंपते फोटो भी दिखाई गई जिसे देख कई AAP समर्थक भावुक हुए। सबने अपने अंदाज में अरविंद केजरीवाल की ईमानदारी और निष्ठा की तारीफ की। लेकिन, इसके बाद पीडब्लूडी द्वारा लिखे गए पत्र से पता चला कि सुनीता केजरीवाल ने ये चाबी पीडब्लूडी को दी ही नहीं। फोटो खिंचाते टाइम जो चाबी सौंपी गई थी वो भी बाद में वापस ले ली गई।

पीडब्लूडी को चाबी देना क्यों जरूरी

दरअसल, जब भी कोई अधिकारी या नेता सरकारी आवास को खाली करता है तो बंगले की चाबी पीडब्लूडी को दी जाती है। इसके बाद पीडब्लूडी उसे कब्जे में लेकर उसकी इंवेंट्री बनाता है और उसके बाद घर किसी को आवंटित होता है। इस मामले में चाबी पीडब्लूडी तक पहुँची ही नहीं। सीधे 7 अक्तूबर को सीएम आतिशी बंगले में शिफ्ट हो गईं और अपना सामान वहाँ रखवा दिया।

इसके बाद पहले विजिलेंस विभाग ने केजरीवाल के स्पेशल सेक्रेट्री समेत तीन अधिकारियों को शो-कॉज नोटिस भेजा। सवाल हुए कि सीएम आवास की चाबियाँ पीडब्लूडी को क्यों नहीं सौंपी गईं। वहीं जब अन्य दलों को इसके बारे में पता चला तो उन्होंने भी सवाल खड़े किए। भाजपा ने भी पूछा कि आखिर शीशमहल में ऐसा क्या है जो चाबियाँ देकर वापस ले ली गई। विवाद बढ़ा तो पीडब्लूडी ने इस पर एक्शन लेते हुए 9 अक्तूबर को बंगला सील कर दिया।

बंगला हुआ सील

जानकारी के मुताबिक, PWD के अधिकारी 9 अक्तूबर 2024 की सुबह 11-11:30 बजे सीएम आवास आए थे जहाँ उन्हें आवास की चाबियाँ सीएम आतिशी के पास मिलीं, जब सवाल हुए तो पता चला कि आतिशी पर सिर्फ चाबियाँ हैं, बंगले से जुड़े आधिकारिक दस्तावेज नहीं। ऐसे में उनसे चाबियाँ ले ली गईं और आवास सील कर दिया गया।

इसके बाद सीएम आतिशी ने एलजी पर इल्जाम लगाया कि उन्होंने भाजपा के कहने पर उनको सीएम आवास से बाहर करवाया। उन्होंने आरोप लगाया कि सीएम आवास किसी बड़े भाजपा नेता को देने की तैयारी हो रही है। वो बंगले को हथियाना चाहते हैं। इसी प्रकार आप नेता संजय सिंह ने भी कहा कि भाजपा ये आवास कब्जाना चाहती है इसलिए ये सब हुआ है।

क्या ‘शीशमहल’ है मुख्यमंत्री का आधिकारिक आवास

सच्चाई जबकि ये है कि जिस ‘शीशमहल’ बंगले पर ताला लगा है वो कोई आधिकारिक मुख्यमंत्री आवास नहीं है। इसके मालिक पीडब्लूडी हैं। उन्हें ही अधिकार है कि वो इसे किसे आवंटित करेंगे। वहीं सीएम आतिशी को पहले से 17एबी मथुरा रोड का आवास मिला हुआ है। ऐसे में उन्हें दो आवास कैसे मिल सकते हैं। जानकारी ये भी हो कि दिल्ली में मुख्यमंत्री के लिए कोई आधिकारिक आवास नहीं है। अरविंद केजरीवाल से पहले सीएम रहीं शीला दीक्षित पहले एबी-17 मथुरा रोड और दूसरे कार्यकाल में 3 मोतीलाल नेहरू मार्ग वाला बंगला में रही थीं। वहीं 1993 में मदनलाल खुराना को 33 शामनाथ मार्ग मिला था और साहिब सिंह वर्मा 9 शामनाथ मार्ग मिला था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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