Monday, December 23, 2024
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‘किसान अपनी संसद चलाएँगे’: जंतर-मंतर से टिकैत का नया पैंतरा, पत्रकार पर लाठी से हमला

विरोध प्रदर्शन कर रहे टिकैत ने कहा, “किसान अपनी संसद चलाएँगे। सदन में किसानों के लिए आवाज नहीं उठाने पर संसद सदस्यों (सांसदों) की उनके निर्वाचन क्षेत्रों में आलोचना की जाएगी।”

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने अब समानांतर संसद चलाने की धमकी दी है। टिकैत ने यह धमकी आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार द्वारा ‘किसानों’ को केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने की अनुमति देने के बाद दी है। वहीं, प्रदर्शन स्थल पर तथाकथित किसानों ने विरोध प्रदर्शन कवर करने गए मीडियाकर्मी पर लाठियों से हमला किया।

समाचार एजेंसी ANI के अनुसार, राजनीतिक में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए लगभग एक साल से विरोध प्रदर्शन कर रहे टिकैत ने कहा, “किसान अपनी संसद चलाएँगे। सदन में किसानों के लिए आवाज नहीं उठाने पर संसद सदस्यों (सांसदों) की उनके निर्वाचन क्षेत्रों में आलोचना की जाएगी।”

विरोध को देखते हुए सिंघु बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर के साथ-साथ जंतर-मंतर पर भी भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई है।

राकेश टिकैत ने घोषणा की कि जंतर मंतर पर संसद की कार्यवाही की निगरानी ‘किसान’ करेंगे

भारतीय किसान संघ (बीकेयू) के नेता जंतर मंतर पर ‘किसान संसद’ आयोजित करने के लिए सभी प्रदर्शन स्थलों के प्रदर्शनकारियों के साथ जंतर-मंतर पहुँचे। टिकैत ने कथित तौर पर कहा है कि संसद का मॉनसून सत्र चल रहा है, किसान ‘किसान संसद’ आयोजित करेंगे और संसद की कार्यवाही की निगरानी जंतर-मंतर पर करेंगे, जो उस संसद से सिर्फ 150 मीटर की दूरी पर है।

बीकेयू नेता ने कहा, “मैं आठ अन्य (विरोध प्रदर्शन करने वाले किसानों) के साथ सिंघू सीमा के लिए निकलूँगा और फिर जंतर-मंतर जाऊँगा। हम जंतर मंतर पर ‘किसान संसद’ का आयोजन करेंगे। हम संसद की कार्यवाही की निगरानी करेंगे।”

महिला मीडियाकर्मी के साथ अभद्रता

जानकारी के मुताबिक, जंतर मंतर धरना स्थल पर ‘किसानों’ ने मीडियाकर्मियों पर हमला किया। एक घायल मीडियाकर्मी ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि वहाँ पर कुछ ऐसे लोग सक्रिय हैं, जो पत्रकारों को गालियाँ दे रहे थे। खून से लथपथ न्यूज 18 के कैमरामैन नागेंद्र ने कहा, “उन्होंने एक महिला रिपोर्टर को गालियाँ दीं, जो किसानों के विरोध प्रदर्शन को कवर कर रही थीं और जब हमने उन्हें ऐसा करने से रोका तो उन्होंने मेरे सिर पर डंडे से हमला किया।”

इस वीडियो को बीजेपी आईटी सेल के प्रभारी अमित मालवीय ने भी अपने ट्विटर प्रोफाइल पर शेयर किया है। उन्होंने लिखा है, “News18 के कैमरामैन नागेंद्र को किसान प्रदर्शन के दौरान पीटा गया… इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह विरोध वैसा नहीं है जैसा इसे दर्शाया गया है। मीडिया को निशाना बनाना, लाल किले में तोड़फोड़ करना, ऐसे समय में सीमाओं को अवरुद्ध करना जब बुवाई और कटाई का मौसम चरम पर है?”

सीएनएन न्यूज18 की वरिष्ठ संपादक पल्लवी घोष ने अपने सहयोगी पर हुए हमले की निंदा की है। उन्होंने ट्वीट किया, “जंतर मंतर पर कृषि कानूनों के विरोध के दौरान नेटवर्क 18 के वीडियो पत्रकार पर किया गया हमला पूरी तरह अस्वीकार्य है।”

हालाँकि, कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी ने विरोध के बारे में चुप्पी साध ली, लेकिन आज धरना स्थल पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। कॉन्ग्रेस नेता श्रीनिवास बी वी ने वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, “श्री राहुल गाँधी जी संसद भवन में किसानों के समर्थन में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।”

इससे पहले, ऑपइंडिया ने बताया था कि AAP सरकार ने 21 जुलाई को सितंबर 2020 में बनाए गए तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की माँग कर रहे ‘किसानों’ को दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने की अनुमति दी है। रिपोर्टों के अनुसार, किसान पुलिस एस्कॉर्ट के साथ बसों में सिंघु सीमा से जंतर-मंतर आएँगे।

किसान संघों ने पिछले दिनों घोषणा की थी कि वे मानसून सत्र के दौरान जंतर मंतर पर किसान संसद का आयोजन करेंगे और 22 जुलाई से सिंघु बॉर्डर के 200 प्रदर्शनकारी इसमें शामिल होंगे। किसान संघ के नेताओं ने दिल्ली पुलिस के अधिकारियों से वादा किया था कि वे जंतर मंतर पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन आयोजित करेंगे और कोई भी प्रदर्शनकारी संसद नहीं जाएगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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