TATA समूह के पूर्व CEO साइरस मिस्त्री की रविवार (4 सितंबर, 2022) को एक कार दुर्घटना में मौत हो गई। साइरस मिस्त्री के साथ उनकी मर्सिडीज गाड़ी में उनकी पत्नी और पत्नी के भाई भी थे। सूर्या नदी पर स्थित एक पुल पर ये दुर्घटना हुई। मुंबई से 135 किलोमीटर दूर चरोटी नाका पर कार एक रोड डिवाइडर से जा टकराई। अब साइरस मिस्त्री की मौत के बाद पूर्व राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने रतन टाटा को लेकर बड़ा दावा किया है।
सुब्रमण्यम स्वामी ने बड़ा आरोप लगाया कि ‘रतन टाटा’ और टाटा समूह में उनके मातहत काम करने वाले तमिलों ने एक मलयाली तांत्रिक को रुपए देकर तत्र-मंत्र करवाया। सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि कंपनी के तथाकथित दुश्मनों को निशाना बनाने के लिए ऐसा किया गया। सुब्रमण्यम स्वामी इससे पहले रतन टाटा को ‘भ्रष्ट’ बताते हुए ये भी कह चुके हैं कि वो टाटा परिवार पर एक ‘कलंक’ है। वहीं साइरस मिस्त्री को वो ईमानदार बताते रहे हैं।
2016 में जब कंपनी को लेकर रतन टाटा और साइरस मिस्त्री के बीच विवाद चल रहा था, तब सुब्रमण्यम स्वामी ने भारत सरकार को हस्तक्षेप करने की सलाह दी थी और यहाँ तक कहा था कि ज़रूरत पड़ने पर टाटा का अधिग्रहण कर लेना चाहिए। उन्होंने एयर एशिया मामला, डोकोमो मामला, राडिया केस और शिव शंकरन जैसे मामलों को गिनाते हुए कहा था कि रतन टाटा काफी कुछ छिपाते रहे हैं। उन्होंने दावा किया था कि साइरस मिस्त्री घाटे में चल रही कंपनी को आगे ले जाना चाहते थे।
हालाँकि, सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने ताज़ा ट्वीट में साइरस मिस्त्री का नाम नहीं लिया है और न ही उनकी कार दुर्घटना में मौत वाली खबर का जिक्र किया है, लेकिन कई लोगों का मानना है कि उनका इशारा इसी तरफ है। उन्होंने रतन टाटा का भी प्रत्यक्ष रूप से नाम नहीं लिया और इसके बदले ट्वीट में ‘Rotten Tata’ लिखा। इससे पहले भी वो इस शब्दावली का प्रयोग करते रहे हैं। सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी के लिए भी उन्होंने अलग-अलग किस्म के शब्द गढ़ रखे हैं।
दिसंबर 2012 में 44 वर्ष की उम्र में साइरस मिस्त्री ने टाटा समूह के चेयरमैन के रूप में कार्यभार सँभाला था। उनसे पहले रतन टाटा इस पद पर काबिज थे। जून 2022 में ही उनके पिता खरबपति पल्लोनजी मिस्त्री की 93 वर्ष की आयु में मौत हुई थी। इस परिवार के पास टाटा समूह में 18.37% हिस्सेदारी है। टाटा परिवार से साइरस मिस्त्री की लंबी कानूनी लड़ाई चली। ‘राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण (NCLT)’ ने उनके पक्ष फैसला दिया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने टाटा परिवार के पक्ष में निर्णय सुनाया। कोरोना महामारी काल में भी मिस्त्री परिवार को बड़ा घाटा हुआ था।