तेजस्वी यादव की अगुवाई में बिहार चुनाव लड़ रही राजद को चुनाव के नतीजों से गहरा झटका लगा है। बिहार विधानसभा चुनाव में मिली हार को राजद के कार्यकर्ता पचा नहीं पा रहे हैं। यही वजह है कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) कार्यकर्ताओं का आक्रोश अब हिंसा में बदल गया है। बृहस्पतिवार (12 नवंबर, 2020) को राजद कार्यकर्ताओं ने आरा-मोहनिया नेशनल हाईवे एनएच-30 को जाम कर दिया। खबर है कि सड़क पर विरोध कर रहे सैकड़ों की संख्या में राजद के कार्यकर्ता आगजनी भी कर रहे हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, बिहार चुनाव परिणामों से आक्रोशित कार्यकर्ता सैकड़ों की संख्या में विरोध करते हुए भोजपुर जिले की सड़क पर उतर आए हैं। इस दौरान राजद कार्यकर्ताओं ने बड़े पैमाने पर आगजनी भी की है। सड़क जाम कर रहे राजद कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस बार के चुनाव परिणाम में धांधली हुई है।
आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने कहा कि सरकार की मिलीभगत से चुनाव का परिणाम घोषित किया गया है, जिसके विरोध में वो सड़क पर उतरे हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं। उदवंतनगर थाना क्षेत्र के मल्थर गाँव के पास प्रदर्शनकारियों ने जमकर उपद्रव मचाते हुए अपना विरोध दर्ज किया।
हालाँकि, भोजपुर जिले में इस बार महागठबंधन का प्रदर्शन पिछली बार की तुलना में बेहतर रहा है। भोजपुर की 7 सीटों में से 5 पर महागठबंधन के प्रत्याशियों को जीत मिली है। इलाके में अजीब तर्क पर विरोध कर रहे राजद कार्यकर्ताओं सभी की समझ के परे हैं।
गौरतलब है कि हाल ही में संपन्न 243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में एनडीए को 125 सीटें जबकि महागठबंधन को 110 सीटें मिली हैं। भोजपुर की सात सीटों में से, महागठबंधन ने पाँच सीटें जीतीं, जिनमें से राजद ने तीन सीटें और सीपीआई (एमएल) ने दो सीटें जीतीं। बाकी की दो सीटें बीजेपी के खाते में गई है।
बता दें मतगणना के दिन शुरुआती रुझान आरजेडी के पक्ष में था, लेकिन जैसे ही एनडीए की ओर रुझानों का झुकाव शुरू हुआ विपक्षी दलों ने तुरंत इसे अस्वीकार करते हुए चुनाव परिणाम में धांधली का आरोप लगा दिया। हालाँकि कीर्ति चितम्बरम जैसे कुछ विपक्षी नेताओं ने अपनी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं से ईवीएम को दोष देने के लिए मना भी किया।