बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO) द्वारा जारी किए गए नवीनतम अनुमानों के अनुसार एक भारतीय नागरिक की औसत प्रति व्यक्ति आय, नरेंद्र मोदी सरकार के पहले चार वर्षों में 45 प्रतिशत से अधिक बढ़ी है।
साथ ही, 2011-12 से 2018-19 के बीच, सात वर्षों में प्रति व्यक्ति औसत आय दोगुनी हो गई है। पहले यही आय प्रति वर्ष 63,642 रुपए थी जो कि बाद में बढ़कर 1.25 लाख रुपए हो गई।
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अनुसार 2018-19 के दौरान प्रति व्यक्ति शुद्ध राष्ट्रीय आय अनुमानित रूप से 11.1 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 1,25,397 रुपए है, जो 2017-18 के दौरान 8.6 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ 1,12,835 रुपए थी।
हालाँकि, 2018-19 के दौरान, वास्तविक रूप से प्रति व्यक्ति आय (2011-12 की कीमतों में) 91,921 रुपए के स्तर को छूने की संभावना है। वास्तविक प्रति व्यक्ति आय का आँकड़ा मुद्रास्फीति की कटौती के बाद प्राप्त होता है।
यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि 2014-15 और 2016-17 के बीच भारत की प्रति व्यक्ति आय वृद्धि भूटान, नेपाल, चीन, बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसे उसके पड़ोसियों की तुलना में कम थी। भारत केवल श्रीलंका से आगे था।