राम मंदिर केवल एक मंदिर नहीं है। ये एक विश्वास है, एक आस्था है। इसके साकार होने से जहाँ दुनिया भर के रामभक्त भावविह्वल है तो वहीं श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाली बीजेपी नेता उमा भारती और साध्वी ऋतंभरा के एहसास उनकी आँखों से छलक पड़े।
सोमवार (22 जनवरी 2024) को अयोध्या के राम मंदिर में ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह से कुछ घंटे पहले उमा भारती और साध्वी ऋतंभरा ने राम मंदिर परिसर के सामने पहुँचते ही भावुक हो गई। उनके इन भावुक पलों की तस्वीरें वायरल हो रही हैं। इन तस्वीरों में दोनों एक-दूसरे को गले लगाते नजर आ रही हैं। देख सकते हैं कि दोनों की आँखों से खुशी के आँसू छलक आए हैं।
1992 to 2024, quite a journey. Emotions are pouring out.🙏
— The Hawk Eye (@thehawkeyex) January 22, 2024
Sadhvi Ritambhara ji and Uma Bharti ji were young & fierce female faces of the Ram Janmbhumi Movement.#PranPratishthaRamMandir pic.twitter.com/PJjyzo4ZBf
इनकी तस्वीरें देखने के बाद लोग उस समय को भी याद कर रहे हैं जब साध्वी ऋतंभरा और उमा भारती ने राम मंदिर आंदोलन में हिंदुओं को जगाने का काम किया था। नारे दिए थे- “कहो गर्व से हम हिन्दू हैं, हिंदुस्तान हमारा है।”
Sharing Sadhvi Ritambhara Ji's speech from Ram Janmbhoomi Aandolan once again, gives me goosebumps everytime. Totally a fan of her. pic.twitter.com/f5KLvwMaVk
— 🕉️ (@RSD270) January 21, 2024
वो बयान भी वायरल हैं जिसमें साध्वी ऋतंभरा बार-बार दोहराती है। हिंदुओं ने अयोध्या में भगवान राम के मंदिर के साथ, काशी और मथुरा की भी बात की थी।
Wait for it
— God (@Indic_God) January 18, 2024
Police – लाओ साध्वी तुम्हारा हाथ पकड़ लेता हूं
Maa Sadhvi Ritambhara ji-ये चंडी का हाथ हैं इसे पकड़ने की हिम्मत तुम्हारे अंदर नहीं 🚩#AyodhaRamMandir pic.twitter.com/uqpmuEd6LC
बता दें कि 90 के दशक की शुरुआत में उमा भारती और साध्वी ऋतंभरा दोनों ने बीजेपी द्वारा शुरू किए गए राम मंदिर आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। राम मंदिर आंदोलन को भारत के घर-घर तक पहुँचाने में इन दोनों के भाषणों की भूमिका थी। अयोध्या आंदोलन के दौरान साध्वी ऋतंभरा के भाषणों के ऑडियो कैसेट पूरे देश में सुनाई देते थे। इसमें वे विरोधियों को ‘बाबर की आलौद’ कह ललकारती थीं।
“Babri masjid itna sada hua tha pipe se hi tod diye”- Man who did kar seva at the age of 22 🫡🥵 pic.twitter.com/gAqxwn0Dcf
— BALA (@erbmjha) January 21, 2024
जब आचार्य धर्मेंद्र रामकथा कुंज से कारसेवकों को प्रसाद यानी बाबरी की ईंटों को लेने को कहा था। तब वो उमा भारती ही थीं जिन्होंने कहा था कि जब तक काम पूरा न हो जाए तक इलाका न छोड़ा जाए। इसे समतल किया जाए। उमा भारती ने नारा दिया था, “राम नाम सत्य है, बाबरी ध्वस्त है।”
एक कारसेवक ने दोनों साध्वियों के राम मंदिर बनाने के उत्साह और संकल्प को लेकर एक याद शेयर की है। वो कहते हैं, “उस ढाँचे को ढहाने के वक्त हमारी उम्र 22 साल थी और आज भी हमारे वहाँ वो पाइप वो ईंट रखी गई है। वहाँ गुंबद तोड़ने के लिए छेनी हथौड़ी कुछ काम नहीं आई। वो इतना सड़ा हुआ था कि वो बाँस और बल्ली मारने से ही गिर गया। बस लोगों के जुनून ने वो तोड़ डाला था।”
वो कहते हैं कि साध्वी ऋतंभरा ने तब कहा था कि डायनामाइट से उड़ा दिया जाए तो तब उमा भारती ने तुरंत माइक संभाल लिया और कहा जो आनंद इस तरह से कार सेवा करने में है वो डायनामाइट से तोड़ने में कतई नहीं आएगा।
उन्होंने आगे बताया कि गुबंद तोड़ने के बाद एक-एक चूरा, एक-एक ईंट जो चौकोर थीं प्रसाद के रूप में वहाँ से सारे लोग अपने घर उठा ले गए। वहाँ कुछ भी बचा नहीं मैदान साफ हो गया। उन्होंने आगे कहा, “हमें अपार खुशी है कि मंदिर बनकर तैयार हो गया है। हमारा आंदोलन सफल हुआ। हमारे पूर्वजों का त्याग और बलिदान व्यर्थ नहीं गया। हमारे सामने हमारी आँखों के सामने जीते जी मंदिर बन गया।”