Sunday, November 17, 2024
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‘मैं 2 बार दिल्ली गया, बहन से मिला, मेडिकल चेकअप कराया…’ फिर भी NDTV और राहुल गाँधी फैला रहे झूठ

“5 अगस्त 2019 के बाद मैं दो बार दिल्ली गया। इस दौरान मैं अपनी बहन से मिला था और अपना स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया। लेकिन इसके पहले मैं पुलिस से आधिकारिक तौर पर इजाज़त ली थी वह भी दिसंबर और अक्टूबर में। कई मौक़ों पर मेरी इजाज़त रद्द भी की गई थी।"

शुक्रवार के दिन जम्मू कश्मीर प्रशासन ने कॉन्ग्रेस पार्टी द्वारा फैलाए जा रहे झूठ का खंडन किया है। ख़ास कर राहुल गाँधी ने जिस तरह कॉन्ग्रेस के पूर्व सांसद सैफुद्दीन सोज़ को घर में नज़रबंद किए जाने पर झूठ और भ्रम फैलाया था। यह विवाद बुधवार के दिन शुरू हुआ, जब कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता सैफुद्दीन सोज़ ने आरोप लगाया।  

उन्होंने आरोप लगाया था कि पिछले साल 5 अगस्त के बाद से वह अपने घर में नज़रबंद किए गए हैं। जब केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया था। जिसके तहत जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा मिला हुआ था। इसके बाद सैफुद्दीन सोज़ की पत्नी मुमताज़निसा बुधवार के दिन सर्वोच्च न्यायालय में हेबस कॉर्पस पेटीशन (बन्दी प्रत्यक्षीकरण याचिका) दायर की थीं। याचिका में यह कहा गया था कि उन्हें 5 अगस्त 2019 को गिरफ्तार किया गया था लेकिन गिरफ्तारी का आधार स्पष्ट नहीं किया गया था।  

इस पर जम्मू कश्मीर प्रशासन ने सर्वोच्च न्यायालय के सामने अपना पक्ष रखा। उसमें जम्मू कश्मीर प्रशासन ने कहा कि सैफुद्दीन सोज़ न तो गिरफ्तार किए गए हैं और न ही नज़रबंद किए गए हैं।  इसके अलावा जम्मू कश्मीर के गृह विभाग ने यह भी कहा कि उन पर किसी भी तरह की पाबंदी नहीं लगाई गई है। उन्हें कहीं भी जाने और घूमने की पूरी आज़ादी मिली हुई है। इस जानकारी के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने उस याचिका को खारिज कर दिया गया, जिसमें सैफुद्दीन की ग़ैरक़ानूनी तरीके से गिरफ्तारी की बात लिखी हुई थी।  

इस घटना के एक दिन बाद सैफुद्दीन सोज़ श्रीनगर स्थित फ्रेंड्स कॉलोनी में अपने घर की दीवार के पीछे नज़र आए। इसके बाद उन्होंने कहा पिछले साल 5 अगस्त के दिन जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटाया गया। जिसके बाद आधिकारिक रूप से आदेश आया, जिसके आधार पर उनकी गिरफ्तारी हुई।

सैफुद्दीन सोज़ ने कहा:

“सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय से झूठ कहा है। अगर मैं आज़ाद हूँ और मुझ पर कोई पाबंदी नहीं है तो मुझे बाहर निकलने दिया जाए, असल में मैं आज़ाद नहीं हूँ। मेरे पास पास पुलिसकर्मी मौजूद हैं और उनका कहना है कि उन्हें ऊपर से आदेश मिले हुए हैं।”

इस नाटकीय घटना के बाद कॉन्ग्रेस पार्टी इस मामले में कूद पड़ी। उन्होंने सैफुद्दीन मामले को मोदी सरकार पर हमला करने का ज़रिया बना लिया। समाचार चैनल एनडीटीवी ने इस मामले से जुड़ा एक एडिटेड वीडियो तक साझा कर दिया। जिसमें वह ऐसा दिखा रहे थे कि जम्मू कश्मीर प्रशासन ने सैफुद्दीन को गिरफ्तार या नज़रबंद किया है। जबकि एनडीटीवी पर इस तरह फ़र्ज़ी ख़बरें फैलाने का आरोप लगता रहा है। एनडीटीवी द्वारा साझा किए गए वीडियो में ऐसा दिखाया गया था कि सैफुद्दीन को उनके घर से निकलने नहीं दिया गया था। वीडियो में वह जम्मू कश्मीर प्रशासन पर चिल्लाते हुए नज़र आ रहे थे।

इसके बाद और कोई नहीं बल्कि कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी खुद जनता के बीच झूठ फैलाने में लग गए। उन्होंने एनडीटीवी का यह वीडियो साझा करते हुए कॉन्ग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज़ को रिहा करने की माँग की। वीडियो को ट्वीट करते हुए राहुल गाँधी ने लिखा, “गैर-कानूनी तरीके से हुई कश्मीर नेताओं की गिरफ्तारी का कोई आधार नहीं है। इससे सिर्फ और सिर्फ देश की छवि खराब होती है, उन्हें जल्द से जल्द रिहा किया जाए।” लेकिन इस वीडियो को भी जम्मू कश्मीर प्रशासन ने सिरे से खारिज कर दिया था।  

कॉन्ग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज़ की तरफ से किए गए दावे के बाद जम्मू कश्मीर प्रशासन ने यह स्पष्ट किया। उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय में एक भी गलत तथ्य नहीं पेश किए। विचित्र बात यह थी कि खुद की गिरफ्तारी का दावा करने वाले सैफुद्दीन सोज़ इस दौरान दो बार दिल्ली गए थे। पहली बार अक्टूबर महीने में और दूसरी बार दिसंबर महीने में।

जम्मू कश्मीर सूचना विभाग के प्रधान सचिव रोहित कंसल ने इस बारे ट्वीट करके जानकारी भी साझा की थी। उन्होंने अपने ट्वीट में स्पष्ट किया कि सैफुद्दीन सोज़ दिल्ली गए थे। इसके अलावा उन्हें किसी भी समय, कहीं भी आने और जाने की आज़ादी थी। इस दौरान उनकी सुरक्षा का ध्यान हमेशा रखा जाता है।  

उल्लेखनीय बात यह है कि सैफुद्दीन को आधिकारिक तौर पर सुरक्षा मिली हुई है। उनके साथ हर समय गार्ड्स और सुरक्षाकर्मी मौजूद रहते हैं। सुरक्षा प्रोटोकोल को मद्देनज़र रखते हुए वह हमेशा उनके साथ रहते हैं। जबकि उन्होंने खुद इस बात की पुष्टि की थी कि वह दो बार दिल्ली जा चुके हैं।

समाचार समूह द हिन्दू से बात करते हुए उन्होंने कहा,

“5 अगस्त 2019 के बाद मैं दो बार दिल्ली गया था। इस दौरान मैं अपनी बहन से मिला था और अपना स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया था। लेकिन इसके पहले मैं पुलिस से आधिकारिक तौर पर इजाज़त ली थी वह भी दिसंबर और अक्टूबर में। कई मौक़ों पर मेरी इजाज़त रद्द भी की गई थी।” 

सिर्फ इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी सामने आया। जिसमें सैफुद्दीन श्रीनगर की सड़कों पर आज़ाद घूमते हुए नज़र आ रहे थे। यह वीडियो गुरूवार का बताया जा रहा है। इसके कुछ ही समय बाद वह कहने लगे कि उन्हें अपने घर में नज़रबंद किया गया है। इस तरह के तमाम सबूतों के बावजूद पहले एनडीटीवी और उसके बाद राहुल गाँधी ने इस मुद्दे पर झूठ फैलाया। वह ऐसे मुद्दे पर झूठा दावा कर रहे हैं, जिस पर हर तरह की जानकारी पहले से ही मौजूद है।  

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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