भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने घोषणा की है कि राम मंदिर का निर्माण जन्मभूमि स्थल पर 6 दिसंबर से शुरू हो जाएगा। उन्नाव के दो बार के सांसद साक्षी महाराज सुप्रीम कोर्ट में जन्मभूमि विवाद की सुनवाई पूरी होने के मौके पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे। मालूम हो कि सुनवाई पूरी कर अदालत ने फैसला सुरक्षित कर लिया है। सीजेआई ने कहा है कि सुनवाई समाप्त होने के बाद अदालत को फ़ैसला लिखने के लिए कुछ समय चाहिए होगा।
Varun Sinha, Hindu Mahasabha’s lawyer: Supreme Court has reserved the order and has made it clear that the decision will come, in this case, within 23 days. #AyodhyaCase pic.twitter.com/FOM574Osig
— ANI (@ANI) October 16, 2019
6 दिसंबर है बाबरी दिवस
हालाँकि, सुप्रीम कोर्ट का फैसला आना अभी बाकी है (फैसला सीजेआई रंजन गोगोई के 18 नवम्बर को रिटायर होने के एक-दो दिन पहले आने की उम्मीद है) लेकिन साक्षी महाराज की घोषणा से यह साफ़ है कि हिंदूवादी धड़ा मामले में अपनी जीत तय मानकर चल रहा है। इसीलिए साक्षी महाराज ने मंदिर निर्माण प्रारंभ करने की तारीख के तौर पर 6 दिसंबर की घोषणा की है। 1992 में इसी दिन जन्मभूमि पर खड़ी बाबरी मस्जिद को वहाँ जुटी कारसेवकों की भीड़ ने ढहा दिया था। जहाँ भाजपा-संघ परिवार-हिंदूवादी इसे ‘शौर्य दिवस’ के रूप में मनाते हैं, वहीं लिबरल लॉबी और समुदाय विशेष वाले इसे ‘काला दिवस’ कहते हैं।
जलेंगे 5.5 लाख दीपक फ़ैसले के पहले ही
राम मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट 23 दिनों के भीतर अपना फ़ैसला सुना देगा। सीजेआई रंजन गोगोई 18 नवम्बर को रिटायर हो रहे हैं। ऐसे में पहले से ही कयास लगाए जा रहे थे कि वह रिटायरमेंट से पहले इस बहुप्रतीक्षित फ़ैसले की सुनवाई पूरी कर देंगे और फ़ैसला सुना देंगे। अयोध्या में भी हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है और यूपी में पुलिस एवं प्रशासन के सभी अधिकारियों की छुट्टियाँ रद्द कर दी गई हैं। अयोध्या में भव्य दीपोत्सव की तैयारी में लगी योगी आदित्यनाथ सरकार दीपोत्सव के दौरान 5.5 लाख दीपक जलाने की तैयारी में है, जो गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में शामिल होगा।
अधिकारियों की छुट्टियाँ रद्द, चाक-चौबंद तैयारी
अयोध्या में भव्य दीपोत्सव की तैयारी में जुटी योगी आदित्यनाथ सरकार ने सभी अधिकारियों की छुट्टियाँ 30 नवंबर तक रद्द कर दी है। पुलिस को किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने का निर्देश देते हुए उन्हें चौकन्ना रहने को कहा गया है। सरकार ने कहा है कि केवल किसी ‘अत्यधिक अपरिहार्य’ की ही स्थिति में अधिकारियों को छुट्टी दी जाएगी।