कॉन्ग्रेस हिंदुओं से किस कदर घृणा करती है और किस तरह से अपने नेताओं द्वारा हिंदुओं के खिलाफ हवा बनाने का प्रयास करती है, उसका एक उदाहरण मात्र हैं सैम पित्रोदा। ‘इंडियन ओवरसीज कॉन्ग्रेस’ (IOC) के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने ANI से बातचीत में कहा कि पीएम मोदी का बार-बार मंदिर में जाना उन्हें परेशान करता है। उन्होंने कहा कि ये अच्छी बात नहीं है। सैम पित्रोदा का कहना है कि आगामी लोकसभा चुनाव बेहद महत्वपूर्ण होने वाले हैं, ऐसे में पीएम मोदी को देश के बारे में सोचना चाहिए।
सैम पित्रोदा का कहना है कि पूरा देश इस समय राम मंदिर पर लटका हुआ है। यह वास्तव में परेशान करने वाला है। उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस को भगवान राम से जो दिक्कत होती थी, उसका प्रदर्शन खुलेआम होने लगा है।
सैम पित्रोदा ने कहा, “मुझे किसी भी धर्म से कोई दिक्कत नहीं है। कभी-कभार मंदिर के दर्शन के लिए जाना ठीक है, लेकिन आप उसे मुख्य मंच नहीं बना सकते। सिर्फ 40 प्रतिशत लोग भाजपा को वोट देते हैं, 60 प्रतिशत लोग भाजपा को वोट नहीं देते हैं। वह (नरेंद्र मोदी) हर किसी के प्रधानमंत्री हैं, किसी पार्टी के प्रधानमंत्री नहीं हैं और यही संदेश भारत के लोग प्रधानमंत्री से चाहते हैं। रोजगार के बारे में बात करें, मुद्रास्फीति के बारे में बात करें, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और चुनौतियों के बारे में बात करें। उन्हें (लोगों को) तय करना होगा कि असली मुद्दे क्या हैं – क्या राम मंदिर असली मुद्दा है? या बेरोजगारी एक असली मुद्दा है? क्या राम मंदिर ही असली मुद्दा है? या महँगाई असली मुद्दा है। क्या राम मंदिर असली मुद्दा है या दिल्ली में वायु प्रदूषण असली मुद्दा है?”
#WATCH | On Ram Temple, Chairman of Indian Overseas Congress, Sam Pitroda says, " I have no problem with any religion…It is okay to go visit the Temple once in a while…But you can't make that the main platform. 40 per cent of the people vote for BJP. 60 per cent of the people… pic.twitter.com/afSGfj4aIf
— ANI (@ANI) December 26, 2023
‘इंडियन ओवरसीज कॉन्ग्रेस’ के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने कहा, “2024 का चुनाव भारत के भविष्य के लिए अहम है। भारतीयों को अब तय करना है कि वह कैसा राष्ट्र बनाना चाहते हैं। क्या उन्हें हिंदू राष्ट्र चाहिए या फिर समावेशी और स्थिर धर्मनिरपेक्ष देश चाहिए। लोगों को तय करना होगा कि उन्हें तानाशाह चाहिए या फिर लोकसेवक। लोगों को अब तय करना होगा कि उन्हें धर्म के आधार पर बँटवारा चाहिए या एक लोकसेवक, जो सभी को साथ लेकर चले। क्या लोगों को डर फैलाने वाली सरकार चाहिए या फिर सुरक्षा प्रदान करने वाली सरकार, यह उन्हें ही तय करना होगा। 2024 का चुनाव देश के भविष्य के लिए होने जा रहा है न कि किसी व्यक्ति विशेष के भविष्य के बारे में।”
#WATCH | On hopes for Congress & INDIA alliance for upcoming 2024 polls, Chairman of Indian Overseas Congress, Sam Pitroda says, "I am very hopeful that people of India will respond to the need of the hour for the nation. I am very hopeful that the people of India will think that… pic.twitter.com/e3Z4nvj9hu
— ANI (@ANI) December 26, 2023
बता दें कि सैम पित्रोदा को कॉन्ग्रेस समर्थकों द्वारा आईटी क्रांति के अगुवा लोगों में से एक माना जाता है। उन्हें कॉन्ग्रेस की UPA सरकार ने साल 2009 में पद्मभूषण सम्मान से सम्मानित किया था, इसके बाद से वो कॉन्ग्रेस पार्टी की गुलामी करते हैं। जो कॉन्ग्रेस पार्टी सुप्रीम कोर्ट से लेकर संसद तक भगवान राम को काल्पनिक बताती रही है और हिंदुओं के हृदय में बसे भगवान राम को लेकर अपनी कुंठा का प्रदर्शन करती रहती है, वो अयोध्या में लगभग तैयार हो चुके भगवान राम के भव्य मंदिर के लोकार्पण से पहले राजनीतिक-धार्मिक विद्वेष फैलाने की कोशिश में लगी है। इसी क्रम में सैम पित्रोदा उसके हथियार बने हैं।
गौरतलब है कि 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान राम के मंदिर में भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं उस समय अयोध्या में होंगे। इस कार्यक्रम के लिए विपक्ष नेताओं को भी आमंत्रित किया गया है, जिसमें सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी के भी नाम भी हैं। वहीं, हजारों की संख्या में अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित होंगे। ऐसे में एक तरफ राम मंदिर कार्यक्रम में शामिल होकर हिंदू वोटबैंक को हथियार की कोशिश तो कॉन्ग्रेस कर ही रही है, साथ ही वो गैर-हिंदू वोटरों को अपनी ओर लाने के लिए सैम पित्रोदा जैसे लोगों का इस्तेमाल भी कर रही है।