वर्तमान में गोवा के और पूर्व में जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक ने अपने सफल कार्यकाल को याद करते हुए एक बड़ा खुलासा किया है। राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा है कि पाकिस्तान के दवाब में आकर उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने राज्य में पंचायत के चुनाव कराने से इंकार कर दिया था।
इतना ही नहीं, आतंकवादियों ने चुनावों को लेकर धमकी भी दी थी।
PM had said that we will conduct panchayat elections (in J&K). I broke protocol & went to Omar Abdullah &Mehbooba Mufti’s residence. They refused to participate under Pakistan’s pressure. Terrorists also threatened yet election was held successfully: SP Malik, former J&K Governor pic.twitter.com/4o9BcLJZMV
— ANI (@ANI) May 23, 2020
गोवा के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने शनिवार (23 मई, 2020) को अपना बयान जारी करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा था कि हम जम्मू और कश्मीर में पंचायत चुनाव कराएँगे। मैंने प्रोटोकॉल तोड़ा और उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के घर पहुँच गया, लेकिन उन्होंने पाकिस्तान के दबाव में आकर पंचायत चुनाव में हिस्सा लेने से इंकार कर दिया।
इस बीच आतंकवादियों ने धमकी भी दी थी, लेकिन चुनाव सफलतापूर्वक सम्पन्न हुए। हुर्रियत ने चुनावों के बहिष्कार की घोषणा की, लेकिन कुछ जगहों को छोड़कर रिकॉर्ड वोटिंग के साथ चुनाव संपन्न हुए और चुनाव में कहीं भी हिंसा नहीं हुई।
उन्होंने अपने बयान में आगे कहा कि उस समय प्रशासन इसलिए ऐसा कर पाया, क्योंकि केंद्र शासित प्रदेश के लोगों ने सिस्टम को स्वीकार किया था, क्योंकि उन्हें इससे फायदा मिल रहा था। इसका एक उदाहरण देते हुए मलिक ने कहा, ”हमने एक जाँच कराई तो पता चला कि राज्य में 50 हजार सरकारी पद खाली हैं। हमने घोषणा की कि 50 हजार कश्मीरी युवाओं को नौकरी देंगे। मुझे उम्मीद है कि सरकार जल्द ही इन लोगों को नौकरी देगी।”
जम्मू-कश्मीर में अपने कार्यकाल के दौरान का एक दूसरा उदाहरण देते हुए सत्यपाल मलिक ने कहा, ”जब मैं जम्मू-कश्मीर का गवर्नर था तो मैंने राजभवन को सबके लिए खोल दिया था। मेरे सभी सलाहकारों को सप्ताह में एक दिन लोगों की समस्याएँ सुनने का काम दिया गया तो मेरे दफ्तर को 95 हजार शिकायतें मिली थीं। गोवा आने से पहले मैंने 93 हजार का समाधान किया था। इसलिए लोगों ने सहज महसूस किया। उन्हें लगा कि यह उनकी सरकार है। इसलिए लोगों में नाराजगी कम थी।”
मलिक ने एक आँकड़ा पेश करते हुए बताया कि हमने एक साल में 51 डिग्री कॉलेज, 8 मेडिकल कॉलेज, 282 जूनियर स्कूलों को हायर सेकेंड्री में बदला था।
आखिर में गोवा में पर्यटन उद्योग की मंदी को लेकर राज्यपाल ने कहा कि यह लंबे समय तक नहीं रहने वाला है, क्योंकि घरेलू टूरिस्टों के लिए इसे खोल दिया जाएगा। बाद में विदेशी सैलानी भी आने लगेंगे। मुझे उम्मीद है कि धीरे-धीरे सब ठीक हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि गोवा कोरोना मुक्त है इसलिए यहाँ घरेलू टूरिस्ट आएँगे। विदेशी सैलानियों की वापसी में अभी वक्त लगेगा, लेकिन जल्द ही उनके वापस आने का रास्ता साफ हो जाएगा। इसलिए लंबे समय तक पर्यटन उद्योग को घाटा नहीं होने वाला।
आपको बता दें कि सत्यपाल मलिक अक्टूबर 2019 तक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहे थे। इसके बाद उन्होंने गोवा के राज्यपाल के रूप में शपछ ग्रहण की थी। गौरतलब है कि सत्यपाल मलिक अपनी बेबाक राय को लेकर पहचाने जाते हैं। इन्हीं के कार्यकाल में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद- 370 को मोदी सरकार ने खत्म किया था।