जम्मू और कश्मीर में दरबार मूव के अफसर और कर्मचारियों को सरकारी आवास खाली करने के लिए 21 अगस्त 2021 तक का समय दिया गया है। जम्मू और कश्मीर सरकार द्वारा आज (09 अगस्त 2021) जारी किए गए आदेश के अनुसार सभी प्रशासनिक सचिवों को यह कहा गया है कि वो जम्मू और श्रीनगर में सरकारी आवास खाली करने के लिए कर्मचारियों को 7 दिन की कैजुअल लीव प्रदान करें। 149 साल पुराने इस दरबार मूव को ख़त्म करने के बाद केंद्र शासित प्रदेश को लगभग 200 करोड़ रुपए सालाना की बचत होगी।
Secretariat employees from Jammu (only 20%) will also vacate official accommodation in Srinagar.
— Prof Hari Om (@DostKhan_Jammu) August 9, 2021
It’s important to note hardly any Employee from Jammu loves to work in Srinagar.
As for employees from Kashmir, they along with their families/relatives come to Jammu cheerfully.
ज्ञात हो कि जम्मू और कश्मीर सरकार के सचिव मनोज कुमार द्विवेदी के द्वारा पूर्व में 27 जुलाई 2021 को जारी किए गए आदेश में आवास खाली करने के लिए कर्मचारियों को 3 दिन की कैजुअल लीव देने का आदेश दिया गया था लेकिन अब इस आदेश में संशोधन किया गया है और कर्मचारियों को 7 दिनों की कैजुअल लीव देने के लिए कहा गया है।
क्या है दरबार मूव
दरबार मूव महाराजा रणजीत सिंह द्वारा 1872 में लागू किया गया था। इसके बाद इसे 1947 में स्वतंत्रता मिलने के बाद भी जारी रखा गया। जम्मू और कश्मीर के दो राजधानियाँ हैं, श्रीनगर जहाँ ग्रीष्मकालीन राजधानी है वहीं जम्मू शीतकालीन राजधानी। हर 6 महीने में हजारों कर्मचारियों की जम्मू और श्रीनगर में अदला-बदली की जाती थी। इसके तहत फाइलों और दूसरे सामानों को भी एक जगह दूसरी जगह ले जाया जाता था। इस प्रक्रिया में न केवल करोड़ों रुपए खर्च होते थे बल्कि सामानों की टूट-फूट भी होती थी। दरबार मूव खत्म करने से जम्मू और कश्मीर प्रशासन को प्रतिवर्ष लगभग 200 करोड़ रुपए की बचत होगी जिसका उपयोग जनकल्याणकारी कार्यों में किया जा सकेगा।
अनुच्छेद 370 और 35-A की समाप्ति के बाद से यह महत्वपूर्ण निर्णय माना जा रहा है क्योंकि ऐसा करने से प्रशासनिक दक्षता बढ़ेगी। खुद उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने अपने ऑफिस को पूरी तरह से ई-ऑफिस में शिफ्ट किया। इसके साथ ही अब जम्मू और कश्मीर के कर्मचारी अपनी नियुक्ति वाले स्थान से ही काम करेंगे और जरुरी काम के लिए ऑनलाइन सेवाओं का सहारा लिया जाएगा। प्रशासनिक विभागों द्वारा सभी दस्तावेजों को ऑनलाइन करने का काम किया जा रहा है।