Sunday, December 22, 2024
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LJP की फाइट से ‘यौन शोषण’ बाहर निकला , चिराग ने कहा- ‘शेर के बेटे को चाचा ने कर दिया अनाथ’

"मैं रामविलास पासवान का बेटा हूँ, मैं शेर का बेटा हूँ। पहले भी लड़ा था और आगे भी लड़ता रहूँगा। बिहार की जनता हमारे साथ है। जदयू की तरफ से बाँटने की कोशिश की जा रही है। इन्होंने पहले भी दलितों को बाँटने की कोशिश की है।"

बिहार में लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) न सिर्फ टूटी है, बल्कि इसके शीर्ष परिवार में भी विभाजन पैदा हो गया है। अब चिराग पासवान के चचेरे भाई और सांसद प्रिंस राज के खिलाफ एक महिला ने यौन शोषण की शिकायत दर्ज कराई है। प्रिंस के खिलाफ पहले भी वो महिला ये आरोप लगा चुकी है। प्रिंस के पिता रामचंद्र पासवान समस्तीपुर से सांसद थे, लेकिन उनके निधन के बाद हुए उप-चुनाव में प्रिंस को जीत मिली।

प्रिंस पासवान लोजपा के 5 बागी सांसदों में शामिल हैं और अपने व चिराग के चाचा पशुपति कुमार पारस के गुट में हैं। चिराग ने दावा किया है कि वो अभी भी लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और साथ ही पाँचों सांसदों को पार्टी से निष्काषित करने का ऐलान किया है। दिल्ली के क्नॉट प्लेस थाने में प्रिंस राज के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है। हालाँकि, अभी तक इसे FIR में तब्दील नहीं किया गया है। दिल्ली पुलिस ने कहा है कि जाँच जारी है। प्रिंस पहले चिराग के करीबी हुआ करते थे।

उधर बुधवार (जून 16, 2021) को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के जमुई से सांसद चिराग पासवान ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से तबीयत खराब होने के कारण वो सक्रिय नहीं रह पाए। उन्होंने कहा कि ये समस्या एक प्रेस कॉन्फ्रेंस से ख़त्म नहीं होगी, बल्कि ये एक लंबी लड़ाई है। उन्होंने कहा कि वो चाहते थे कि बंद कमरे में परिवार का मतभेद निपट जाए। उन्होंने कहा कि अक्टूबर में उनके पिता रामविलास पासवान के निधन के बाद से ही मुश्किलें बढ़ गई थीं, क्योंकि चुनाव सिर पर था।

उन्होंने बताया कि इन सबके बावजूद उन्होंने मेहनत की और पार्टी को 25 लाख वोट्स मिले। उन्होंने जदयू के कारण NDA गठबंधन से अलग चुनाव लड़ने की बात भी कबूल की। चिराग ने कहा कि उनके भरोसा नीतीश कुमार की नीतियों पर नहीं था, इसीलिए उन्होंने किसी के सामने न झुकने का फैसला लिया। साथ ही कहा कि पार्टी में जो लोग संघर्ष के पथ पर नहीं थे, उन्होंने अलग रुख अपनाया। चिराग ने आरोप लगाया कि उनके चाचा पशुपति कुमार पारस ने चुनाव प्रचार में कोई भूमिका नहीं निभाई।

चिराग पासवान ने कहा कि जब वो बीमार थे, तब उनके पीठ पीछे पार्टी को तोड़ने की साजिश रची गई। उन्होंने कहा कि इस बार की होली पर परिवार का कोई भी व्यक्ति साथ नहीं था तो उन्होंने अपनी चिट्ठी में चाचा से बात करने की अपील की थी। उन्होंने इस पत्र को हाल ही में सोशल मीडिया पर शेयर किया है। उन्होंने कहा कि चाचा ने अगर उन्हें कहा होता तो वो उन्हें ही संसदीय दल का नेता बना देते।

चिराग ने कहा, “मैं रामविलास पासवान का बेटा हूँ, मैं शेर का बेटा हूँ। पहले भी लड़ा था और आगे भी लड़ता रहूँगा। चाचा ने मुझे नाथ कर दिया। बिहार की जनता हमारे साथ है। जदयू की तरफ से बाँटने की कोशिश की जा रही है। इन्होंने पहले भी दलितों को बाँटने की कोशिश की है।” विधानसभा चुनाव के समय उन्होंने खुद को पीएम मोदी का हनुमान बताया था। अब उन्होंने कहा है कि अगर हनुमान को राम से मदद मांगनी पड़े, तो हनुमान काहे के और राम काहे के।

उधर चिराग पासवान द्वारा अब लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला भी को चिट्ठी लिखी गई है। चिराग ने अपील की है कि पार्टी के संसदीय दल के नेता के रूप में पशुपति पारस को मान्यता देने के फैसले पर फिर से विचार किया जाए। पशुपति पारस के आवास के बाहर चिराग पासवान के समर्थकों ने प्रदर्शन भी किया। पारस ने कहा कि लोकतंत्र में इस तरह का विरोध होता रहता है। सूरजभान सिंह को उनके गुट ने कार्यकारी अध्यक्ष बना कर राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराने को कहा गया है।

बता दें कि हाल ही में चिराग पासवान ने चाचा पशुपति कुमार पारस के समक्ष अंतिम प्रस्ताव ये रखा था कि पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान के निधन के बाद उनकी पत्नी, अर्थात चिराग की माँ रीना पासवान सबसे वरिष्ठ हैं और उन्हें ही अध्यक्ष का पद दिया जाए। वो खुद कार चला कर चाचा के घर गए थे, जहाँ आधे घंटे हॉर्न बजाने के बाद दरवाजा खुला। चिराग पासवान अपने मित्र राजू तिवारी के साथ चाचा के बंगले पर डेढ़ घंटे रुके, लेकिन मुलाकात नहीं हो पाई।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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