जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में छात्र संघ की उपाध्यक्ष रहीं शेहला रशीद ने मोदी सरकार की जम कर तारीफ़ की है। 77वें स्वतंत्रता दिवस पर मंगलवार (15 अगस्त, 2023) को उन्होंने एक ट्वीट के माध्यम से बताया कि कैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में जम्मू कश्मीर में हालात सुधरे हैं। लश्कर-ए-तैय्यबा के आतंकवादी जावेद के भाई रईस मट्टू द्वारा भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराए जाने की खबर पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने ये बात कही।
रईस मट्टू को अपने घर की बालकनी से तिरंगा झंडा लहराते हुए देखा गया था। रईस ने कहा है कि उन्होंने अपनी मर्जी से ऐसा किया, उनके ऊपर किसी का कोई दबाव नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्होंने दिल से झंडा लहराया है। उन्होंने कहा कि हकीकत यही है, यही उनकी सोच है, मैं लोगों को पैगाम दे रहा हूँ – सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा, हम बुलबुले हैं इसके ये गोलिस्ताँ हमारा। उन्होंने बताया कि जम्मू कश्मीर में विकास हो रहा है।
रईस मट्टू ने जानकारी दी कि वो 14 अगस्त, 2023 के दिन पहली बार दुकान पर बैठे हैं। पहले 2-3 दिन तक बंद चलता रहता था। उन्होंने बताया कि कैसे पिछली राजनीतिक पार्टियाँ खेल खेलती थीं और गरीब इसमें पिस रहे थे। रईस ने ये भी कहा कि वो भी को कह रहे हैं कि वो तिरंगे झंडे के तले आएँ, अब सबके साथ न्याय हो रहा है, जो गलत है सिर्फ उसे ही पकड़ा जाता है। अपने भाई के संबंध में उन्होंने बताया कि वो 2009 में आतंकवादी बन गया था।
रईस का कहना है कि जावेद मट्टू अभी ज़िंदा है या मर गया है, इस बारे में भी परिवार को कुछ नहीं पता। उन्होंने अपील की कि अगर वो ज़िंदा है तो वापस आ जाए। उन्होंने कहा, “अब हालात बदल गए हैं। पाकिस्तान तो खुद भिखारी मुल्क है। वो क्या देगा हमें? हम हिंदुस्तानी थे, हिंदुस्तानी हैं और हिंदुस्तानी रहेंगे।” उन्होंने अपने भाई से भी अपील की कि अगर वो ज़िंदा है तो आतंक का रास्ता छोड़ कर वापस आ जाए।
However inconvenient it may be to admit this, the human rights record in Kashmir has improved under the @narendramodi government and @OfficeOfLGJandK administration. By a purely utilitarian calculus, the govt's clear stance has helped save lives overall. That's my angle. https://t.co/O6zpqHBOwT
— Shehla Rashid (@Shehla_Rashid) August 15, 2023
इस वीडियो पर टिप्पणी करते हुए मानवाधिकार कार्यकर्ता शेहला रशीद ने कहा, “ये स्वीकार करने में कितना ही असहज क्यों नहीं हो, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार और उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा के शासनकाल में जम्मू कश्मीर में मानवाधिकार रिकॉर्ड में सुधार हुआ है। विशुद्ध रूप से उपयोगितावादी गणना करें तो सरकार के रुख के कारण जानें बची हैं। यही मेरा दृष्टिकोण है। इस ट्वीट पर लोगों ने कहा कि यही तो ‘अच्छे दिन’ का उदाहरण है।
बता दें कि ये वही शेहला रशीद हैं, जो कभी पीएम मोदी के खिलाफ ज़हर उगला करती थीं। उन्होंने अनुच्छेद-370 को निरस्त किए जाने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का भी रुख किया था। हालाँकि, अब उन्होंने अपनी याचिका वापस ले ली है। उन्होंने भारतीय सेना पर रात को घर में घुस कर लड़कों को उठाने के आरोप लगाए थे, जिसके बाद उन पर मुकदमा चलाने की स्वीकृति भी LG ने दी थी। उनके अब्बा अब्दुल रशीद शोरा ने उन पर देशविरोधी गतिविधियों का आरोप लगाते हुए करोड़ों की फंडिंग लेने की शिकायत दर्ज कराई थी।
एक ऐसा समय था जब स्वतंत्रता और गणतंत्र दिवस जैसे मौकों पर जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के लाल चौक पर मायूसी छाई रहती थी तो कभी पाकिस्तान का झंडा दिखता था। अब लाल चौक तिरंगे के रंग में रंग जाता है। आज भी आज़ादी के जश्न में डूबे लोग वहाँ तिरंगा लेकर पहुँचे, नृत्य किया। कुछ लोग तो खुद को ही तिरंगे में रंग कर पहुँचे। बड़ी संख्या में महिलाओं को भी लाल चौक पर जुटे हुए देखा गया, जो नाच-गा कर जश्न मना रही थीं।