महाराष्ट्र के जलगाँव में 8 नवंबर 2023 को इजरायल विरोधी रैली में हमास और फिलीस्तीन के झंडे लहराए गए थे। इसी रैली में भारत विरोधी नारे भी लगने की बात सामने आई थी। पुलिस ने इस मामले में मुस्लिम समुदाय के 11 आरोपितों पर FIR दर्ज की थी। अब सोमवार (18 दिसंबर 2023) को समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आज़मी ने सरकार से इस केस को वापस लेने की माँग की है। केस को झूठा बताने वाले आज़मी का दावा है कि रैली के दौरान हमास का कोई झंडा नहीं फहराया गया था।
यह FIR जलगाँव के थाना धरणगाँव में दर्ज हुई है। इस FIR में 16 दिसंबर को 11 आरोपितों को नामजद किया गया था। इनके नाम- शेख रफीक शेख मूसा कुरेशी, इरफान शेख अरमान, मोहम्मद इस्माइल यूसुफ, नागर मोमिन, नदीमोद्दीन इजाजुद्दीन काजी, कालू उस्ताद, मोहम्मद सलीम मोहम्मद इसाक मोमिन, इब्राहिम जनाब उर्फ इट्टू जनाब, अमजद खान गुलाब खान बेलदार, मोहम्मद अयास मोहम्मद सिद्दीकी और जुनैद खान हैं। इन पर IPC की धारा 153(ए)(1)(बी) (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 188 (सरकारी आदेश की अवहेलना करना) के तहत कार्रवाई की गई है।
इसी केस पर बोलते हुए अबू आज़मी ने सोमवार (18 दिसंबर) को बताया कि 8 नवंबर को फिलीस्तीन समर्थक मुस्लिमों ने यह रैली पुलिस की बाकायदा अनुमति ले कर की थी। साथ ही उन्होंने इस रैली में हमास का झंडा लहराए जाने की के दावे को झूठा बताया। अबू आज़मी का यह भी दावा है कि मुस्लिमों की इस रैली के खिलाफ बाद में एक अन्य स्थानीय संगठन ने जवाबी रैली की और उसमें उत्तेजक नारेबाजी हुई। आज़मी का दावा है कि जवाबी रैली बिना अनुमति की थी लेकिन पुलिस ने उस पर कोई केस नहीं दर्ज किया।
आजमी की यह प्रतिक्रिया प्रदेश के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बयान के बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि वो हमास समर्थन में नारेबाजी करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।
दरअसल, इससे पहले भारतीय जनता पार्टी के एमएलसी प्रसाद लाड ने महाराष्ट्र विधानसभा में इस मुद्दे को उठाया था। तब उन्होंने कहा था कि धरणगाँव में हुई रैली के दौरान प्रदर्शनकारियों ने ‘सर तन से जुदा’ के साथ ‘हमास जिंदाबाद-भारत मुर्दाबाद’ जैसी नारेबाजी की।
हाथ में थी रॉड, लगाए जा रहे थे सिर तन से जुदा के नारे
आरोप है कि इस दौरान भीड़ में शामिल लोगों के हाथों में स्टील की रॉड थी और कइयों ने हमास के झंडे भी लहराए। बीजेपी MLC ने इस घटना पर कड़ी कार्रवाई की माँग की। इस माँग पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने केस की गहराई से जाँच करवा के आरोपितों पर उचित कार्रवाई का भरोसा दिया था।
ऑपइंडिया की पड़ताल में इस केस में 16 दिसंबर 2023 को दर्ज मामले की FIR कॉपी सामने आई। यह FIR राष्ट्रीय सुरक्षा मंच धरणगाँव के एक सदस्य की शिकायत पर दर्ज हुई थी। FIR के मुताबिक 8 नवंबर को फिलीस्तीन के समर्थन में रैली का नाम ‘जुलूस-ए-गौसिया’ दिया गया था जिसे धरणगाँव में रफीक कुरेशी फाउंडेशन द्वारा आयोजित किया गया था। इस रैली में मुस्लिम समुदाय के लगभग 2500 से 3000 लोग मौजूद थे जिसमें आसपास के मदरसों में पढ़ने वाले मुस्लिम बच्चे भी शामिल थे।
FIR में शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि भीड़ में मौजूद लोगों ने ‘गुस्ताख-ए-नबी की एक सजा, सिर तन से जुदा’ ‘हिंदुओं का राजा, मेरा ख्वाजा’ ‘हमास तेरा नाम रोशन होगा, इंशा अल्लाह इंशा अल्लाह’ ‘हमास जिंदाबाद – भारत मुर्दाबाद’ जैसी नारेबाजी की। इसी रैली में न सिर्फ फिलीस्तीन और हमास बल्कि पाकिस्तान की भी तारीफ हुई थी। प्रदर्शनकरियों द्वारा भारत द्वारा इज़राइल को समर्थन दिए जाने के फैसले की भी निंदा की गई।
शिकायतकर्ता ने अपने पास स्थानीय लोगों द्वारा बनाए गए कुछ वीडियो होने का भी दावा किया। राष्ट्रीय सुरक्षा मंच, धरणगाँव के एक सदस्य ने ऑपइंडिया से बातचीत में FIR में लगाए गए आरोपों के सही होने का दावा किया। उन्होंने कहा कि रैली में शामिल कुछ लोगों ने जब इस घटना की वीडियो बनता देखा तब उन्होंने अपने हाथों में लिए गए झंडों को फेंक दिया। FIR में यह भी बताया गया है कि शिकायतकर्ता ने पुलिस को अपने आरोपों के संबंध में सबूत के तौर पर वीडियो भी दिए हैं।
Palestine flags, Pakistan flags raised in rally organized by Muslims in Dharangaon, Jalgaon from OpIndia Videos on Vimeo.
शिकायतकर्ता ने ऐसी रैलियों को समाज को विभाजन पैदा करने वाली बताया, इसे साम्प्रदायिक सौहार्द के लिए खतरा बताया और आरोपितों पर कड़ी कार्रवाई की माँग की।
बताते चलें कि यह रैली उस आतंकी समूह हमास के समर्थन में निकली थी जिसने 7 अक्टूबर 2023 को इज़राइल पर हमला किया था। तब हमास ने महिलाओं और बच्चों सहित सैकड़ों इजरायली नागरिकों का अपहरण कर के उनकी हत्या कर दी थी। कुछ महिलाओं के साथ बलात्कार भी किया गया और उन्हें नंगा कर के अपने वाहनों में घुमाया। यहाँ ये भी जानना जरूरी है कि जलगाँव के अलावा भारत के कई अन्य हिस्सों में भी फिलीस्तीन के समर्थन में रैलियाँ हुई हैं।