सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) को बड़ा झटका लगा है। अदालत ने उनकी उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा (Assam CM Himanta Biswa Sarma) द्वारा दर्ज कराए गए मानहानि के केस रद्द करने की माँग की थी।
#SupremeCourt dismisses plea by Delhi Deputy CM Manish Sisodia seeking quashing of defamation proceedings against him by Assam CM Himanta Biswa Sarma.
— Bar & Bench (@barandbench) December 12, 2022
Sisodia had alleged irregularities in purchase of PPE kits by Sarma’s wife. @himantabiswa @msisodia https://t.co/KQJah7SGKb
इस सुनवाई के दौरान जस्टिस कौल ने मनीष सिसोदिया की ओर से पेश अभिषेक मनु सिंघवी से कहा कि यदि आप सार्वजनिक बहस को इस स्तर तक नीचे लाते हैं, तो आपको इसके परिणाम भुगतने होंगे। आपको इसके लिए पहले बिना शर्त माफी माँगनी चाहिए।
Justice kaul – You should face the consequences.
— Live Law (@LiveLawIndia) December 12, 2022
Justice Oka – Shows the manuscript of the press conference of Manish Sisodia where allegations were made.
इस पर वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सिसोदिया की ओर से कहा, “आप सत्ता का इस्तेमाल धमकाने के लिए नहीं कर सकते। हमने कभी आरोप नहीं लगाया। हमने जो कहा है, वह तथ्य हैं। हमने कभी ये आरोप नहीं लगाया है कि उन्हें पैसे मिले हैं।”
Hearing starts.
— Bar & Bench (@barandbench) December 12, 2022
Sr Adv Abhishek Manu Singhvi for Sisodia: You cannot use authority like this to browbeat. We never alleged she received money.
Justice Sanjay Kaul: Once you reduce public discourse to this level , you have to face the consequences. You should have put an…
सुनवाई के दौरान अदालत ने पूछा, “असम के मुख्यमंत्री की बीवी के भ्रष्टाचार का कच्चा चिट्ठा से आपका क्या मतलब है?”
#SupremeCourt bench led by J. Kaul slams Manish Sisodia for reducing public discourse, where he alleged illegal procurement of PPE kits during peak of covid by Assam CM’s wife. “What do you mean by ‘Assam ki CM ki biwi ke bhrashtachaar ka kuchaa chitthaa’?”, Court asks
— LawBeat (@LawBeatInd) December 12, 2022
जस्टिस कौल कि ये घटना कब की है, जिसके जवाब में अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने बताया कि मार्च 2020 में। जस्टिस कौल ने कहा, “बीच कोरोना काल में! सरकार का समर्थन करने की बजाए आप आरोप लगाने में व्यस्त थे? ऐसे कठिन समय में किसी ने कुछ ऐसा किया जिससे कुछ अच्छा हो।”
दरअसल, मानहानि मामले को रद्द करने से इनकार करने के गुवाहाटी उच्च न्यायालय के आदेश को दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिसोदिया ने असम के सीएम पर और उनके परिवार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप थे। सिसोदिया ने दावा किया था कि सरमा ने अपनी पत्नी की कंपनी को ठेका दिलवाया था और पीपीई किट्स के लिए ज्यादा रुपए का भुगतान भी कराया था।
इसके साथ ही मनीष सिसोदिया ने मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा था कि असम के वर्तमान सीएम हिमंत बिस्वा सरमा जो 2020 में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री थे, उन्होंने उस वक्त कोरोना महामारी की आड़ में जमकर भ्रष्टाचार किया। इस मामले को लेकर पहले असम के मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी ने दिल्ली के डिप्टी सीएम के सभी आरोपों से इनकार किया। फिर इसके बाद उन्होंने मनीष सिसोदिया के खिलाफ मानहानि का केस दायर किया था।
गुवाहाटी हाई कोर्ट ने शराब घोटाले के आरोपित मनीष सिसोदिया की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने सरमा के मानहानि केस को रद्द करने की माँग की थी।