राजद नेता तेज प्रताप यादव इस बार समस्तीपुर के हसनपुर से बिहार विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमा रहे हैं, जहाँ उनका मुकाबला जीत की हैट्रिक लगाने उतरे जदयू नेता राजकुमार राय से है। अब क्षेत्र के एक राजद नेता ने तेज प्रताप यादव पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। अमरेश राय ने इस्तीफा देते हुए कहा कि तेज प्रताप यादव मंच पर ही गाली बकने लगते हैं, इसीलिए आहत होकर वो इस्तीफा दे रहे हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान मंगलवार (नवंबर 3, 2020) को होना है और राजद के संस्थापक-अध्यक्ष लालू यादव के बड़े बेटे के भाग्य का फैसला भी उसी दिन मतपेटियों में कैद हो जाएगा। समस्तीपुर के युवा राष्ट्रीय जनता दल के जिला अध्यक्ष अमरेश राय ने अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा करते हुए कहा कि वो हाल ही में हसनपुर के मंगल गढ़ में तेजस्वी यादव की जनसभा में भाग लेने पहुँचे थे।
उन्होंने आरोप लगाया कि उसी दौरान तेज प्रताप यादव वहाँ आए और उनके साथ दुर्व्यवहार किया, उन्हें मंच पर ही गाली दी। ‘न्यूज़ 18’ की खबर के अनुसार, अमरेश राय ने बताया कि वो पिछले 15 वर्षों से युवा राजद के अलग-अलग पदों पर रहे हैं और पिछले 10 साल से पार्टी के युवा विंग के जिलाध्यक्ष हैं। उन्होंने कहा कि वो लालू यादव के परिवार के लिए जान लेने और देने, दोनों के लिए ही तैयार रहा करते थे।
उन्होंने कहा कि जहाँ मान-सम्मान नहीं मिले, वहाँ रहना उचित नहीं है। साथ ही बताया कि वो जल्द ही अपने भविष्य को लेकर घोषणा करेंगे। उन्होंने दुःखी मन से कहा कि जिस पार्टी की इतने साल तन-मन-धन से सेवा की और जिसके कार्यक्रमों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते रहे, उसकी परिणीति उन्हें अब दुर्व्यवहार के रूप में मिली है। उन्होंने कहा कि वो प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह और महागठबंधन के मुख्यमंत्री उम्मीदवार तेजस्वी यादव के कहने पर चुनाव प्रचार के लिए निकले थे, पर तेज प्रताप का व्यवहार बर्दाश्त लायक नहीं है।
#BiharElections2020 | The Hasanpur assembly constituencey comes under the Khagaria Lok Sabha constituency
— Hindustan Times (@htTweets) November 1, 2020
Candidates for 2020 polls include Tej Pratap Yadav of RJD and JD(U)’s Raj Kumar Ray
Polling will take place in phase 2 on Nov 3 #ElectionsWithHThttps://t.co/UAAKviwQvp pic.twitter.com/KlA8sHbE1Z
बता दें कि जिस हसनपुर सीट से तेज प्रताप यादव चुनाव लड़ रहे हैं, उसे बिहार के लोहियावादी और ईमानदार माने जाने वाले वयोवृद्ध नेता गजेंद्र कुमार हिमांशु के कारण ख्याति मिली थी। हिमांशु ने ये सीट 1967, 69, 72, 77 और 80 में जीती थी। 10 साल बाद 1990 में वो लौटे और फिर से ये सीट अपने नाम की। एक दशक बाद फिर से उन्होंने 7वीं बार 2000 में ये सीट अपने नाम की। दो बार मुख्यमंत्री पद ठुकराने वाले हिमांशु ने पहली बार में मात्र 2700 रुपए खर्च कर और सायकिल से प्रचार करके मात्र 27 की उम्र में हैट्रिक लगा चुके MLA को हरा दिया था।
लेकिन, जमीन पर तेज प्रताप के लिए राह इतनी भी आसान नहीं है। खासकर, पत्नी ऐश्वर्या के साथ हुए उनके विवाद को लेकर महिलाओं और उनके स्वजातीय मतदाताओं में भी नाराजगी दिखती है। ऑपइंडिया की टीम इस इलाके में तेज प्रताप के छोटे भाई तेजस्वी यादव की सभा के अगले दिन पहुँची थी। इससे पहले तेज प्रताप के नामांकन में भी तेजस्वी आए थे। बावजूद रोजगार और पलायन के मुद्दे पर यहाँ के चुनाव को केंद्रित करने की कोशिश में उन्हें कामयाबी नहीं मिली थी।