बिहार के औरंगाबाद में तेजस्वी यादव की रैली में भगदड़ मच गई। बिखरी हुई कुर्सियों और लड़ते लोगों का वीडियो भी वायरल हुआ है। बता दें कि तेजस्वी यादव रफीगंज में चुनावी सभा करने के लिए पहुँचे थे। रैली में पहुँचे लोगों के बीच मंच पर चढ़ने के लिए होड़ लग गई। इस वजह से सैकड़ों कुर्सियाँ टूट गईं। ऐसे में काफी समय के लिए रैली में अफरातफरी का माहौल बना रहा। असल में हंगामा तब हुआ जब तेजस्वी यादव रैली से जा चुके थे लेकिन बाकी कई नेता मौजूद थे।
तेजस्वी यादव की इस रैली में टीशर्ट बाँटे जा रहे थे। बेकाबू हुए लोगों के बीच टीशर्ट लूटने की होड़ मच गई। इनमें कई RJD कार्यकर्ता और आम लोग भी शामिल थे। मंच पर गट्ठर में बाँध कर इन टीशर्ट्स को रखा गया था। सोशल मीडिया पर इसका वीडियो जम कर वायरल हो रहा है। वहीं रैली के दौरान कई लोग बैरिकेड्स पर चढ़ कर तेजस्वी यादव के समर्थन में नारेबाजी भी करने लगे। लोग इधर-उधर भागने लगे। किसी तरह भीड़ पर काबू पाए जाने के बाद ये सभा संपन्न हो सकी और तेजस्वी यादव भाषण देकर निकल गए।
टीशर्ट की गट्ठर लोग लूट कर ले गए। एक नहीं, बल्कि कोई 5 तो कोई 10 टीशर्ट लेकर चलता बना। हालाँकि, टीशर्ट्स की ये खेप लोगों में बाँटने के लिए ही लाई गई थी, लेकिन ये अंदाज़ा नहीं था कि इसे लूट लिया जाएगा। लोग एक-दूसरे से टीशर्ट्स भी लूटने लगे। लोग तू-तू मैं-मैं पर उतारू हो गए। उनमें से कई युवक थे, ऐसे में महागठबंधन के जो नेता वहाँ पर मौजूद थे वो भी कुछ खास नहीं कर पाए। वीडियो वायरल होने के बाद राजद की फजीहत हो रही है।
बिहार के औरंगाबाद के रफीगंज में तेजस्वी यादव की रैली थी…रैली के बाद टी-शर्ट भी बंटी और बवाल हो गया…हालांकि जब लूट मची तो @yadavtejashwi मंच पर नहीं थे…लेकिन जिस तरह टीशर्ट की लूट मची है, वो दुखद है… बिहार की छवि खराब होती है इससे #election2024india pic.twitter.com/4RJHyddEaZ
— Anurag Srivastava (@anuragashk) April 10, 2024
जहाँ तक औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र की बात है, यहाँ पहले ही चरण में 19 अप्रैल को मतदान होना है। फ़िलहाल यहाँ से भाजपा के सुशील कुमार सिंह सांसद हैं। ये इलाका राजपूत बहुल माना जाता रहा है और सांसद भी इसी समाज से बनते रहे हैं। BJP ने एक बार फिर से मौजूदा MP पर ही भरोसा जताया है। महागठबंधन की तरफ से राजद के अभय कुशवाहा मैदान में हैं। चुनाव में यहाँ राष्ट्रीय मुद्दे ही ज़्यादा हावी हैं। महिलाएँ राम मंदिर से खुश हैं और विरोधी भी मान रहे हैं कि नक्सली घटनाओं में कमी आई है।