केंद्र की मोदी सरकार ने शुक्रवार (19 सितंबर 2021) को कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐलान के साथ ही लोगों के मन में सवाल उठने लगे है कि क्या अब किसान आंदोलन खत्म हो जाएगा। हालाँकि, किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा। वहीं, गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि MSP और बिजली पर बात अभी बाकी है।
टिकैत की घोषणा के बाद भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी गुट) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने भी तल्ख तेवर दिखाए हैं। चढ़ूनी ने कहा कि किसानों के संघर्ष और एकता के आगे दुनिया के सबसे हठी आदमी (पीएम मोदी) को झुकना पड़ा। उन्होंने कहा कि आंदोलन को लेकर अगला फैसला संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग में लिया जाएगा।
गुरनाम सिंह ने कहा, “आज मोदी ने तीनों काले कानून वापस लेने का ऐलान किया है, जिसके लिए आप बहुत लंबे समय से लड़ रहे हो। साथियों सबसे पहले तो हम उन 700 से ज्यादा किसानों को श्रद्धांजलि देना चाहेंगे, उन्हें सैल्यूट करना चाहेंगे, जिन्होंने इस आंदोलन में कुर्बानियाँ दीं और जिनकी वजह से ये आंदोलन आज तक चल रहा है और जिनकी वजह से आज देश का, दुनिया का सबसे हठी आदमी झुका है।”
चढूनी ने कहा, “सभी आंदोलनकारियों को बधाई देना चाहेंगे, धन्यवाद करना चाहेंगे, जिनके ऊपर मुकदमे हुए, जिन्हें लट्ठ लगे, सिर फोड़वाए। हमारी माताएँ-बहनें भी आंदोलन में आगे रही, उन सभी आंदोलनकारियों का धन्यवाद करना चाहेंगे। लेकिन साथियों अभी तक MSP पर कोई बात नहीं हुई है। हरियाणा में 48 हजार लोगों पर मुकदमे दर्ज हैं, उसके बारे में कोई बात नहीं हुई है, बिजली बिल पर कोई बात नहीं हुई है और कई मुद्दे ऐसे हैं, जो हमने सरकार के आगे रखे थे। कुल मिलाकर इसके बारे में मीटिंग की जाएगी। सिख मोर्चे की मीटिंग होगी।”
गुरनाम ने आगे कहा, “इस मीटिंग के बाद ही हम कोई फैसला ले पाएँगे और जब तक संसद में ये पास नहीं हो जाता, तब तक हो सकता है कि इंतजार करना पड़े। जल्द ही मीटिंग बुलाई जाएगी। फिलहाल हम सभी आंदोलनकारियों का धन्यवाद करते हैं, उनको सैल्यूट करते हैं, जिनकी वजह से मोदी को अपना सिर झुकाना पड़ा है। अगली प्रक्रिया के लिए SKM कमिटी में निर्णय लिया जाएगा।”
इससे पहले टिकैत ने किसान आंदोलन खत्म करने को लेकर केंद्र सरकार के सामने एक शर्त रखी। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा। हम उस दिन का इंतजार करेंगे, जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा। सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करे।”
Agitation isn’t ending. Who told you that the agitation is ending? It’ll continue, the 9-member committee of Samyukt Morcha is being held today. If Govt wants to put forth their side, they should do it there. We’ll legally work on things they say at the conference: Rakesh Tikait pic.twitter.com/MqV8vtkEK8
— ANI (@ANI) November 19, 2021
इसके अलावा टिकैत ने कहा, “आंदोलन खत्म नहीं हो रहा है। आपसे किसने कहा कि आंदोलन समाप्त हो रहा है? यह जारी रहेगा। संयुक्त मोर्चा की 9 सदस्यीय समिति आज हो रही है। अगर सरकार अपना पक्ष रखना चाहती है तो उसे रखना चाहिए। हम कानूनी तौर पर उन बातों पर काम करेंगे जो वे कॉन्फ्रेंस में कहेंगे।”
The government woke up after our 750 people died… Where have they withdrawn 3 farm laws? Where are the papers? Show us the papers…we will continue the protest…When farm laws are withdrawn, we will return…: Rakesh Tikait, Bharatiya Kisan Union pic.twitter.com/bWqPe5KnrZ
— ANI (@ANI) November 19, 2021
किसान नेता ने कहा, “हमारे 750 लोगों की मौत के बाद सरकार जागी है… उन्होंने 3 कृषि कानूनों को कहाँ वापस लिया? कागज़ कहाँ हैं? हमें कागज दिखाओ…हम विरोध जारी रखेंगे… जब कृषि कानून वापस लिए जाएँगे, तो हम लौट आएँगे।”
गौरतलब है कि अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने आंदोलनरत किसानों से अपने-अपने घर लौटने का आग्रह किया था। साथ ही किसानों के एक वर्ग को इन कानूनों के बारे में नहीं समझा पाने के लिए देश से माफी भी माँगी थी। उन्होंने कहा था, “मैं देशवासियों से क्षमा माँगते हुए सच्चे मन से कहना चाहता हूँ कि हमारे प्रयास में कमी रही होगी कि हम उन्हें समझा नहीं पाए। आज गुरु नानक जी का पवित्र प्रकाश पर्व है। आज मैं आपको यह बताने आया हूँ कि हमने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है। इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर देंगे। मेरी किसानों से अपील है कि अपने घर लौटें, खेतों में लौटें।”