AAP सुप्रीमो और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा AAP के ही विधायक अलका लाम्बा को ट्विटर पर अनफॉलो करने के बाद, अलका लाम्बा ने बीजेपी नेताओं का यह कहते हुए शुक्रिया अदा किया कि उनको भाजपा के कुछ नेताओं ने बीजेपी में शामिल होने के लिए अप्रोच किया।
मैंBJPके उन नेताओं का धन्यवाद करती हूँ जो पिछले कुछ दिनों से मुझे यह समझाने की कोशिश कर रहे हैं किBJPमें मेरे भविष्य बेहतर रहेगा
— Alka Lamba (@LambaAlka) March 13, 2019
मैं राजनीति में अपना भविष्य नही बल्कि उनका भविष्य बनाने आई हूँ जिनके काँधों पर इस देश का भविष्य टिका हुआ है,
ग़रीब-किसान-मजदूर।
यह लड़ाई विचारों की है
AAP नेता अलका, जो AAP के प्रति अपनी वफादारी साबित करने से पहले कॉन्ग्रेस से जुड़ी थी, ने अब दावा किया कि पिछले कुछ दिनों से, भाजपा के नेता उन्हें समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि भाजपा में उनका भविष्य काफी बेहतर है। फ़िलहाल, लाम्बा ने कहा कि वह राजनीति में अपने स्वयं के राजनीतिक भविष्य के लिए नहीं बल्कि उन लोगों के भविष्य के लिए हैं जिन पर हमारे देश का भविष्य निर्भर करता है: गरीब, किसान और मजदूर। उन्होंने कहा कि यह विचारधाराओं की लड़ाई है।
भाजपा में शामिल होने की अफवाहों के सामने आने के बाद, अलका ने भाजपा में शामिल होने की पेशकश से इनकार करने करते हुए जो ट्वीट किया वह और भी दिलचस्प है।
हो सकता है कि मैं इन चुनावों में किसी एक दल और नेता के साथ खड़ी ना दिखूँ, पर देशहित में जो भी दल-नेता फैसला लेगा मैं उसके उस फैसले के साथ जरूर खड़ी दिखूंगी,
— Alka Lamba (@LambaAlka) March 13, 2019
यह चुनाव देश का चुनाव है,देश से सीधे जुड़े मुद्दों का चुनाव है, युवाओं का , किसानों का , महिलाओं का, मजदूरों का चुनाव है। https://t.co/qXAdDc6hfp
अलका ने इनकार के बीच भी ये कहकर सुगबुगाहट छोड़ दी कि यह संभव हो सकता है कि आगामी चुनावों में जो भी नेता देश के पक्ष में फैसला लेगा, वह हमेशा उसका समर्थन करेंगी। बता दें कि दिल्ली विधानसभा भी अगले साल की शुरुआत में होने की संभावना है जिसमें एक साल से भी कम समय बचा है।
खबर यह भी है कि आप नेत्री को हाल ही में AAP के व्हाट्सएप ग्रुप से भी हटा दिया गया है। ये तो वही बात हो गई “उन्होंने लगभग मना कर दिया है जी…..”
तो उन्होंने लगभग मना कर दिया जी…? pic.twitter.com/sBcNsNXD99
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) March 5, 2019
इससे पहले AAP के मुखिया केजरीवाल मुँह से, शरीर से, ट्वीट से, और हर उस तरीके से कॉन्ग्रेस से समर्थन के लिए डेस्पेरेट हुए जा रहे थे, जिससे लगता है कि इस व्यक्ति के लिए सत्ता का लालच कितना प्रबल है। लगातार कॉन्ग्रेस के पास आने की तमाम कोशिशों के असफल होने पर केजरीवाल ने जो ट्वीट किए, जिस तरह की बातें कहीं, वो आश्चर्यजनक था। कुछ दिन पहले शीला दीक्षित की उपस्थिति में केजरीवाल द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर चर्चा हुई थी, और दिल्ली में आम आदमी पार्टी से गठबंधन को कॉन्ग्रेस ने पूरी तरह से नकार दिया था।