उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने अयोध्या में भगवान श्री राम की 221 मीटर ऊँची प्रतिमा की स्थापना के लिए ₹447 करोड़ के अतिरिक्त बजटीय आवंटन को मंजूरी दे दी है। यह धनराशि इस साल पहले ही दिए जा चुके ₹200 करोड़ के अलावा अतिरिक्त राशि होगी। जिस प्रतिमा के लिए यह धन आवंटन किया गया है, वह प्रस्तावित प्रतिमा सफलतापूर्वक स्थापित होने पर दुनिया की सबसे ऊँची प्रतिमा होगी।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार यह प्रतिमा योगी सरकार के राम नगरी अयोध्या प्रोजेक्ट का हिस्सा है और इसे सरयू नदी के तट पर स्थापित किया जाएगा। इस प्रतिमा के लिए 61.38 एकड़ ज़मीन मीरपुर इलाके में खरीदने का प्रावधान भी इसी राशि के आवंटन में हो जाएगा।
UP govt has decided to spend Rs 446.46 crore on building Lord Rama’s statue, a digital museum & other beautification projects in Ayodhya. The decision was taken at a Cabinet meeting, which was held under the chairmanship of Chief Minister Yogi Adityanath. https://t.co/RPv5KOvJEW
— Piyush Rai (@Benarasiyaa) November 2, 2019
उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट ने राम नगरी अयोध्या के पूरे विकास के लिए कुल ₹447.46 करोड़ का प्रावधान किया है। इसके पहले जिन ₹200 करोड़ का आवंटन इसी साला हुआ था, वह प्रतिमा के निर्माण से जुड़ी टेक्निकल स्टडी करने के लिए हुआ था। प्रतिमा के निर्माण का पैसा सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी) से निकले बजट से होगा।
जमीन के अधिग्रहण के अलावा आवंटित राशि में से पैसे का इस्तेमाल पर्यटन के विकास, अयोध्या नगरी की साज सज्जा में, डिजिटल म्यूज़ियम बनाने में, इंटरप्रिटेशन केंद्र के निर्माण, लाइब्रेरी, पार्किंग, फ़ूड प्लाज़ा, लैंडस्केपिंग और अन्य सुविधाओं के निर्माण में किया जाएगा।
इस आवंटन के निर्णय की घोषणा कल (शुक्रवार, 2 नवंबर, 2019 को) की गई थी। यह घोषणा सुप्रीम कोर्ट के राम जन्मभूमि बनाम बाबरी मस्जिद के विवाद में बहुप्रतीक्षित फैसले के ठीक पहले की गई है। उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री को इस श्री राम की प्रतिमा के मामले में कोई भी अन्य निर्णय लेने के लिए भी अधिकृत किया है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राजनीतिक नेता होने के साथ ही गोरखपुर में स्थित गोरक्ष पीठ के मुख्य महंत भी हैं। यह ओहदा उन्हें हिन्दुओं के सबसे महत्वपूर्ण और धार्मिक, सामाजिक व आध्यात्मिक रूप से प्रभावशाली नाथ सम्प्रदाय का भी प्रमुख बनाता है। उनके गुरु और उनसे पहले गोरक्ष पीठ के मुखिया महंत श्री अवैद्यनाथ राम जन्मभूमि आंदोलन के सबसे प्रमुख चेहरों में से एक थे।
उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री और भाजपा नेता श्रीकांत शर्मा ने यह भी बताया कि सरकार के इस प्रोजेक्ट की रूप रेखा गुजरात के सरदार पटेल स्टेचू (स्टेचू ऑफ़ यूनिटी) के आधार पर तय कर रही है।