बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ जारी हिंसा को लेकर भारत में विरोध शुरू हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार से अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा रोकने के लिए कहा है। वहीं, गृहमंत्री अमित शाह ने भी वहाँ की स्थिति की निगरानी के लिए एक समिति बनाई है। वहीं, विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने विभिन्न हिंदू संगठनों के साथ मिलकर विरोध प्रदर्शन निकाला।
अलीगढ़ में विश्व हिन्दू परिषद के जिला प्रचार प्रमुख प्रतीक रघुवंशी के नेतृत्व विभिन्न हिंदूवादियों ने शुक्रवार (9 अगस्त) को शहर में मार्च निकाला। इसे उन्होंने ‘आक्रोश यात्रा’ नाम दिा है। यह यात्रा अचलताल स्थित विहिप कार्यालय के सामने से शुरू होकर धर्म समाज कॉलेज के सामने से होते हुए विहिप कार्यालय तक वापस पहुँची।
इस दौरान हिंदू संगठन के लोगों के लोगों ने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा का विरोध किया। उन्होंने ‘बांग्लादेशियों होश में आओ’ और ‘तेरा मेरा रिश्ता क्या, जय जगन्नाथ… जय श्रीराम’ जैसे नारे भी लगाए। हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने ‘आल आईज ऑन बांग्लादेशी हिन्दू’ और ‘हिन्दू लाइव्स मैटर’ जैसे बैनर-पोस्टर भी अपने हाथों में लिए हुए थे।
इन पर बांग्लादेश की परिस्थिति को दर्शाने वाले चित्रों को दिखाया गया था। मार्च के बाद हिंदू कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू के नाम से एक ज्ञापन एसीएम प्रथम को सौंपा। ज्ञापन में हिंदू संगठनों ने राष्ट्रपति से बांग्लादेश में हिंदुओं के नरसंहार, धर्मस्थल जलाए जाने एवं अमानवीय कृत्यों को रोकने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने की माँग की।
बता दें कि आरक्षण के विरोध में बांग्लादेश में छात्रों का लंबे समय से संघर्ष चल रहा था। इस विपक्षी नेता खालिदा जिया और कट्टरपंथी इस्लामी संगठन जमात-ए-इस्लामी का समर्थन भी मिला था। विरोध प्रदर्शन हिंसक होने के बाद शेख हसीना प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर ढाका छोड़ दीं और भारत चली आई हैं।
इसके बाद बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ बड़े पैमाने पर हिंसा शुरू हो गई है। उनके घरों एवं मंदिरों को जलाया जा रहा है। उनकी हत्या की जा रही है और महिलाओं के साथ रेप जैसी घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है। बांग्लादेश से भागकर बड़ी संख्या में हिंदू पश्चिम बंगाल के पास सीमा पर पहुँचे और भारत में घुसने की कोशिश कर रहे हैं। हालाँकि, BSF ने उन्हें रोक रखा है।