सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें कृषि कानूनों का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी को एक आम आदमी पार्टी (AAP) नेता/कार्यकर्ता को धिक्कारते और वहाँ से बाहर निकालते हुए देखा जा सकता है। दरअसल, AAP कार्यकर्ता ने प्रति व्यक्ति एक केला देकर कहा था कि ये केजरीवाल सरकार ने दिया है। जिसके बाद भड़के प्रदर्शनकारियों ने उसे बाहर निकाल दिया। बीजेपी नेता प्रीति गाँधी और कॉन्ग्रेस कार्यकर्ता गौरव पाँधी ने इसका वीडियो ट्विटर पर शेयर किया था।
वायरल वीडियो में एक प्रदर्शनकारी कहता है, “तुमने मुझे एक केला दिया और कहा कि ये केजरीवाल सरकार ने दिया है। क्या सरकार एक केला देगी?” प्रदर्शनकारियों ने AAP कार्यकर्ता को घेर लिया अपने पार्टी प्रमुख को प्रमोट करने के लिए उसे आड़े हाथों लिया। जिसके बाद उसने डरी हुई आवाज में कहा, “नहीं, सरकार ने एक केला नहीं दिया। यहाँ कई लोग हैं।”
See for yourself how the Aam Aadmi Party volunteer literally got kicked out of the #FarmersProtest for treating the protesting farmers like beggars. Getting just the treatment they truly deserve!! @ArvindKejriwal @raghav_chadha #MustWatch pic.twitter.com/oc1WpsaJG8
— Priti Gandhi – प्रीति गांधी (@MrsGandhi) December 15, 2020
इसने कृषि विरोधी कानून के प्रदर्शनकारी को और अधिक उत्तेजित कर दिया। उन्होंने गुस्से भरे लहजे में पूछा, “क्या तू हमें एक केला देकर वोट हासिल करने की कोशिश कर रहा है? तेरी हिम्मत कैसे हुई यहाँ आने की?” AAP कार्यकर्ता ने स्थिति को शांत करने के प्रयास करते हुए यह समझाने की कोशिश की कि वह वोट नहीं माँग रहा है। इसके बाद प्रदर्शनकारी ने उसे वहाँ से बाहर निकलने के लिए कहा और पास में खड़े कुछ प्रदर्शनकारियों ने उसे धक्का देकर बाहर निकाल दिया।
वायरल वीडियो पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
इस वीडियो को शेयर करते हुए बीजेपी नेता प्रीति गाँधी ने ट्वीट किया, “खुद देखें कि आम आदमी पार्टी के स्वयंसेवक प्रदर्शनकारी किसानों के साथ भिखारियों की तरह व्यवहार कर रहे हैं।”
Dear @ArvindKejriwal, farmers have a message for you and your sickening politics.
— Gaurav Pandhi (@GauravPandhi) December 15, 2020
AAP workers are being ridiculed at the protest sites, but again, media won’t show this to you because Kejriwal feeds them with Ad revenue. pic.twitter.com/eCzalEcFXI
कॉन्ग्रेस पार्टी के गौरव पाँधी ने लिखा, “डिअर अरविंद केजरीवाल, किसानों के पास आपके और आपकी घिनौनी राजनीति के लिए ये एक संदेश है। AAP कार्यकर्ताओं द्वारा विरोध स्थलों पर उपहास किया जा रहा है, लेकिन फिर से, मीडिया ने आपको यह नहीं दिखाया क्योंकि केजरीवाल ने उन्हें विज्ञापन राजस्व खिलाया है।”
हालाँकि, AAP सुप्रीमो और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में कृषि विरोधी प्रदर्शनकारियों के लिए अपना समर्थन दिखाया है। यहाँ तक कि वे पंजाब के किसानों के साथ ‘एकजुटता’ में धरने पर बैठ गए थे। जबकि उनके साथी पार्टी कार्यकर्ता को प्रदर्शन स्थल पर प्रदर्शनकारियों के विरोध का सामना करना पड़ा।
AAP सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने किसानों के साथ ‘एकजुटता’ व्यक्त की
इससे पहले अरविंद केजरीवाल ने एक दिन के उपवास पर जाने का फैसला किया था। उन्होंने AAP कार्यकर्ताओं और समर्थकों को एक दिन का उपवास करने के लिए कहा था और साथ ही जनता से आग्रह किया था कि वे ‘किसानों के समर्थन’ में एक दिन के लिए उपवास करें। अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के नेता पंजाब के किसानों के विरोध प्रदर्शन को समर्थन देने में लगे हुए हैं, जबकि दिल्ली में उनकी सरकार ने कृषि कानूनों में से एक को अधिसूचित किया था।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके विधायक जहाँ पंजाब से आए ‘किसान आंदोलनकारियों’ के समर्थन में लगे हुए हैं, वहीं दूसरी तरफ दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष मनोज तिवारी ने खुलासा किया है कि AAP सरकार ने तो मोदी सरकार द्वारा पारित कराए गए 3 कृषि कानूनों में से एक कानून को सोमवार (नवंबर 23, 2020) को ही प्रदेश में लागू कर दिया है। उन्होंने ‘दिल्ली राजपत्र’ के दस्तावेज की तस्वीरें शेयर कर सबूत भी दिखाया।
इस दस्तावेज के अनुसार, संविधान के अनुच्छेद-123 के खंड (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों के प्रयोग में, भारत के राष्ट्रपति ने ‘कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा)’ नामक अध्यादेश, 2020 प्रख्यापित किया है, जिसे विधि एवं न्याय मंत्रालय, भारत सरकार का राजपत्र असाधारण भाग-2, खंड-1 में प्रकाशित किया गया है।
आगे लिखा है कि यह किसी भी राज्य की APMC अधिनियम या अन्य कानून के लागू होने के समय प्रवृत्त या प्रलेख के प्रभाव में आने वाले समय में लागू होगा। इस राजपत्र का गौर करने लायक हिस्सा वो है, जिसमें लिखा है, “राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली की विधानसभा ने ‘दिल्ली कृषि उपज विपणन अधिनियम, 1998’ (1999 का दिल्ली अधिनियम, संख्या-7) को अधिनियमित किया है, जो जून 2, 1999 से लागू है।”