आगामी लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह आज जब गाँधीनगर निर्वाचन क्षेत्र के लिए अपना नामांकन दाखिल करने गुजरात के अहमदाबाद पहुँचे तो NDA के नेताओं में काफ़ी जोश देखने को मिला। इस दौरान उनके साथ गृह मंत्री राजनाथ सिंह, शिरोमणि अकाली दल के प्रकाश सिंह बादल, शिवसेना के उद्धव ठाकरे और लोक जनशक्ति पार्टी के रामविलास पासवान भी मौजूद थे।
दूसरी तरफ, एक जनसभा को संबोधित करते हुए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि भाजपा और शिवसेना के विचारों में अंतर था, लेकिन एक साथ बैठकर सभी मसलों को हल कर लिया गया है। उद्धव ने कहा, “हमारी विचारधाराएँ समान हैं, हिंदुत्व और राष्ट्रवाद। मेरे पिता ने कहा था कि हिंदुत्व हमारी ऑक्सीजन है। आप बिना ऑक्सीजन के कैसे रह सकते हैं?”
प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में एक नेता का नाम बताने के लिए विपक्ष के महागठबंधन को चुनौती देते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा, “विपक्ष ने केवल हाथ मिलाया है, विचारधाराओं से उसका कोई सरोकार नहीं। भाजपा और शिवसेना को अछूत माना जाता था, लेकिन हम भगवा झंडे के साथ आगे बढ़ गए और देखो कि हम कहाँ हैं। हम कभी पीछे नहीं हटे और न कभी हटेंगे।”
फरवरी में, भाजपा और शिवसेना ने लोकसभा के साथ-साथ महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए अपने गठबंधन की घोषणा की थी। लोकसभा चुनाव में, भाजपा 25 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि शिवसेना 23 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। 2014 के लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र ने 48 सांसदों को लोकसभा भेजा, भाजपा ने 23 सीटें जीती थीं, जबकि शिवसेना ने 18 सीटें जीती थीं।
महाराष्ट्र चुनाव इस वर्ष के अंत में होगा, क्योंकि पिछला चुनाव अक्टूबर 2014 में हुआ था। 2014 में, भाजपा और शिवसेना ने सीट बँटवारे पर असहमति के बाद अलग से विधानसभा चुनाव लड़ा था। 288 सदस्यीय सदन में बीजेपी ने 122 सीटें जीती थीं, जो सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी, लेकिन बहुमत से दूर थी, जबकि शिवसेना ने 63 सीटों पर जीत हासिल की थी। बाद में, दोनों दल राज्य में गठबंधन सरकार बनाने के लिए एक साथ आए। इसके बाद भाजपा की देवेंद्र फड़नवीस के नेतृत्व वाली सरकार बनी।