विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद टीएमसी कार्यकर्ताओं द्वारा जारी हिंसा पर रोक लगाने के लिए राष्ट्रपति से गुहार लगाई है। वीएचपी ने प्रभावी कदम उठाने की माँग करते हुए मंगलवार (11 मई) को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप की माँग की।
विहिप के केंद्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की माँग करते हुए पत्र में लिखा, ”पश्चिम बंगाल के चुनाव परिणामों में ममता बनर्जी की पार्टी विजयी हुई है। लोकतंत्र में जनता का निर्णय सर्वोपरि होता है। बंगाल की जनता का यह निर्णय सबको स्वीकार है। यह भी सच है कि चुनाव के बाद विजयी होने वाली पार्टी अपने प्रदेश की सम्पूर्ण जनता के प्रति जिम्मेदार होती है और अपने प्रदेश में कानून और व्यवस्था बनाए रखने का दायित्व उसका हो जाता है।”
ममता ने मुस्लिम लीग के ‘डायरेक्ट एक्शन’ की याद दिलाई
उन्होंने आगे लिखा, ”दुर्भाग्य से पश्चिम बंगाल में चुनाव परिणाम आने के तुरंत बाद वहाँ सत्तारूढ़ दल के कार्यकर्ताओं एवं जिहादियों ने जिस प्रकार हिंसा का तांडव चला रखा है, उससे पूरा देश चिंतित है। चुनाव प्रचार के दौरान ममता बनर्जी ने धमकियाँ दी थी कि केंद्रीय सुरक्षा बल तो केवल चुनाव तक है और चुनावों के बाद तो उन्हें ही सब देखना है। पश्चिमी बंगाल में अनियंत्रित राज्यव्यापी हिंसा पूर्वनियोजित है और ऐसा लगता है कि पुलिस एवं प्रशासन को कह दिया गया है कि वे इसकी अनदेखी करें। इस प्रकार से पश्चिमी बंगाल के न्यायप्रिय नागरिकों को दंगाइयों के हाथों में सौंप दिया गया है। यह सब मुस्लिम लीग के ‘डायरेक्ट एक्शन’ की याद दिलाता है।”
VHP working president @AlokKumarLIVE sent a letter to the @rashtrapatibhvn on Bengal situation praying him for:
— Vishva Hindu Parishad -VHP (@VHPDigital) May 11, 2021
◆Stopping violence, & re-establishing rule of Law,
◆Punish the guilty expeditiously
◆Rehabilitate and compensate the victims for loss of life & property. pic.twitter.com/gNnyEwOmyN
हिंदुओं को पलायन के लिए मजबूर किया जा रहा
आलोक कुमार ने कहा कि इस हिंसा का बड़ा निशाना अनुसूचित जाति और जनजाति के लोग ही बन रहे हैं। कूचबिहार से सुंदरवन तक घर जलाए जा रहे हैं।, दुकानें लूटी जा रही हैं और महिलाओं के साथ अभद्र व्यव्हार हो रहा है। भय के वातावरण में राज्य में हिंदू आबादी को पलायन के लिए मजबूर किया जा रहा है। खुलेआम विपक्ष के कार्यकर्ताओं की हत्या हो रही है। इस हिंसा का एक सुनियोजित जिहादी पक्ष है, जिसके दूरगामी परिणाम होंगे।
विहिप नेता ने कहा कि भारत का संविधान राज्य सरकारों को यह दायित्व सौंपता है कि वे अपने राज्य में कानून और व्यवस्था बनाए रखें और अपने राज्य के सब लोगों को कानून का संरक्षण दें। पश्चिम बंगाल की सरकार इसमें विफल हो रही है। यह सब भारतीय संस्कृति और संविधान के सह-अस्तित्व के मूल्यों और कानून के शासन का उल्लंघन है।
उन्होंने कहा कि ममता के पिछले दो शासनकाल में भी वहाँ का हिंदू समाज त्रस्त रहा है, लेकिन इस बार शासन काल का प्रारंभ जिस ढंग से हुआ है उससे पूरा देश यह समझ रहा है कि अगर इसी समय बंगाल के प्रशासन को नियंत्रित नहीं किया गया, तो हो सकता है कुछ स्थानों पर हिंदू समाज आत्मरक्षा के लिए स्वयं कुछ उपाय करने पर मजबूर हो जाए। दोनों ही स्थितियाँ पूरे देश के लिए चिंता का विषय हैं।
हिंसा को तत्काल रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाएँ राष्ट्रपति: कुमार
कुमार ने राष्ट्रपति कोविंद से हस्तक्षेप की गुहार लगाते हुए कहा कि यह आवश्यक है कि राज्य में हिंसा को तत्काल रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएँ। कानून का शासन दोबारा स्थापित हो, दंगाइयों की त्वरित पहचान हो और जल्दी जाँच पूरी करके फास्ट ट्रैक न्यायालयों से उनको दंड मिले। दंगा पीड़ितों के पुनर्वास की व्यवस्था की जाए और उनको हुए नुकसान की शासन भरपाई हो। इसके साथ ही उन्होंने राष्ट्रपति से अनुरोध किया कि वे अपने संविधानप्रदत्त अधिकारों का उपयोग करते हुए इस विषय में यथायोग्य कार्रवाई करने के आदेश दें।
बता दें कि इससे पहले भी विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने पश्चिम बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा की निंदा करते हुए राज्य सरकार से तत्काल कार्रवाई की माँग की थी। संगठन द्वारा जारी बयान में, विहिप ने कहा था कि राजनीतिक मतभेदों के बहाने राज्य में हिंसा, आगजनी और बर्बरता की घटनाओं ने न केवल देश को शर्मसार किया है, बल्कि लोकतांत्रिक मर्यादाओं को भी तार-तार किया है।
राज्य में मतगणना के दौरान प्रारंभ हुए अनेक प्रकार के अनवरत हमलों पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए विहिप के केंद्रीय महा-मंत्री मिलिंद परांडे ने कहा था कि बंगाल में हिंदू समाज भयाक्रांत है और जिनके पास राज्य की कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी है वे अपनी आँखें मूँदे बैठे हैं।
प्रेस वक्तव्य :
— Vishva Hindu Parishad -VHP (@VHPDigital) May 4, 2021
बंगाल में हिंसा, आगजनी व लूटपाट पर अबिलम्ब विराम लगे: @MParandeVHP pic.twitter.com/O6FmE00piS
परांडे ने साथ में यह भी कहा था कि राज्य सरकार के उदासीन रवैए को गंभीरता से लेते हुए अब केंद्र सरकार भी यथोचित कार्रवाई करें। जहाँ सुरक्षा-बल तक सुरक्षित ना हों वहाँ सामान्य नागरिकों का क्या हाल होगा, यह आसानी से समझा जा सकता है। वर्तमान शासन व राजनैतिक नेतृत्व द्वारा क्षुद्र राजनैतिक विद्वेष से अपने ही नागरिकों पर हो रहे भीषण अत्याचारों पर मूकदर्शक बन मुँह मोड़ लेना हिंसा को बढ़ावा देने से कम नहीं है। ऐसी परिस्थितियों में हिन्दू समाज को भी अपनी रक्षा का पूर्ण अधिकार है, जिसका वह प्रयोग करेगा।