बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार (23 जून, 2023) को राजधानी पटना में तमाम विपक्षी दलों की बैठक बुलाई, जिसमें जम्मू कश्मीर के उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती से लेकर तमिलनाडु के स्टालिन और पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी तक शामिल हुईं। इनके अलावा वामपंथी दलों के नेता, राहुल गाँधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और लालू यादव भी इसमें शामिल हुए। अब यशवंत सिंह ने विपक्षी एकता की इस बैठक पर निशाना साधा है।
यशवंत सिन्हा को संयुक्त विपक्ष ने 2022 में राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया था, लेकिन उन्हें द्रौपदी मुर्मू के हाथों बड़ी हार का सामना करना पड़ा। उस समय नीतीश कुमार भाजपा गठबंधन का हिस्सा थे और उन्होंने मिलने के लिए यशवंत सिन्हा को समय नहीं दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ टिप्पणियाँ कर के सुर्खियाँ बनाने वाले यशवंत सिन्हा को अब तक इसका मलाल है। राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने TMC से इस्तीफा भी दे दिया था।
यशवंत सिन्हा ने ट्वीट कर कहा, “ये केवल एक साल पहले की ही बात है, जब राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव हो रहा था और नीतीश कुमार ने मेरे फोन कॉल्स को रिसीव करना भी ठीक नहीं समझा था। अब वो विपक्षी एकता के झंडाबरदार बन गए हैं। ह्रदय परिवर्तन के अत्यंत महत्वपूर्ण 12 महीने।” एक अन्य ट्वीट में उन्होंने बिहार में हाल ही में पुलों के ध्वस्त होने की घटनाओं को लेकर भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निशाना बनाया।
Only a year ago, when elections were taking place for the post of Rashtrapati, Nitish Kumar did not think it fit to even take my telephone calls. Today he is the torch-bearer of opposition unity. Momentous 12 months for change of heart.
— Yashwant Sinha (@YashwantSinha) June 23, 2023
उन्होंने लिखा, “अब जब बिहार में नदियों पर बने वास्तविक पुल गिरते जा रहे हैं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के बीच ब्रिज बनाने का बीड़ा उठाया है। उन्हें शुभकामनाएँ। लेकिन, ये बिहार के लोगों का दुर्भाग्य है।” हाल ही में बिहार के किशनगंज में एक पुल ध्वस्त हो गया। इससे पहले सहरसा में 1700 करोड़ रुपए की लागत से बन रहा पुल दोबारा ध्वस्त हुआ था। सीएम नीतीश कुमार पर विपक्षी भाजपा भी आरोप लगा रही है कि वो अब सरकार चलाने में विफल साबित हो रहे हैं।
Since physical bridges built on rivers in Bihar are falling like nine pins, Nitish Kumar has taken to building political bridges across parties. Good luck to him. Bad luck for the people of Bihar.
— Yashwant Sinha (@YashwantSinha) June 25, 2023
यशवंत सिन्हा ने जुलाई 2022 में भी बताया था कि नीतीश कुमार उनके फोन कॉल्स नहीं उठा रहे हैं। वो बतौर राष्ट्रपति उम्मीदवार समर्थन माँगने के लिए उन्हें कॉल कर रहे थे। ज्ञात हो कि अटल बिहारी वाजपेयी जब प्रधानमंत्री हुआ करते थे, तब उनकी कैबिनेट में नीतीश कुमार और यशवंत सिन्हा दोनों ही मंत्री थे। यशवंत सिन्हा ने कहा था कि वो बिहार से ही हैं, ऐसे में नीतीश कुमार द्वारा उनके कॉल्स न उठाना आश्चर्यजनक है।