Monday, November 18, 2024
Homeराजनीतिकोतवाली के भीतर जिस पुलिस वाले ने 3 लोगों का किया था मर्डर, योगी...

कोतवाली के भीतर जिस पुलिस वाले ने 3 लोगों का किया था मर्डर, योगी सरकार ने उस DSP को किया बर्खास्त

DSP भगवान सिंह को तिहरे हत्याकांड के मामले में दोषी पाए जाने पर सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। यह निर्णय उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने लिया है। कोर्ट ने उन्हें दोषी करार देते हुए...

पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) भगवान सिंह को तिहरे हत्याकांड के पुराने मामले में दोषी पाए जाने पर सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। यह निर्णय उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने लिया है। लगभग 16 साल पहले कोंच कोतवाली में 3 लोगों की गोली मार कर हत्या के मामले में न्यायालय ने 8 नवंबर 2019 को तत्कालीन उपनिरीक्षक (सब इंस्पेक्टर) भगवान सिंह समेत अन्य आरोपित पुलिसकर्मियों को आजीवन कारावास और 50 हज़ार रुपए जुर्माने का दंड सुनाया था। 

इस मामले में कुछ समय बाद भगवान सिंह को उच्च न्यायालय से जमानत मिल गई थी। हाल ही में भगवान सिंह निरीक्षक (इंस्पेक्टर) से पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) पद पर पदोन्नत हुए थे और उन्हें कानपुर कर्नलगंज में तैनात किया गया था। उत्तर प्रदेश सरकार ने कुछ समय पहले ही भगवान सिंह को निलंबित किया था।   

लगभग 16 साल पहले 2004 के फरवरी महीने में दो पक्षों में विवाद हुआ था, जिसकी पैरवी करने के लिए सपा नेता महेंद्र निरंजन कोतवाली पहुँचे थे। इसके बाद कोंच कोतवाली में तैनात कोतवाल देवदत्त सिंह राठौर (दिवगंत) की सपा नेता सुरेंद्र निरंजन से बहस हुई थी। विवाद बढ़ने पर देवदत्त सिंह और अन्य पुलिसकर्मियों ने कोतवाली परिसर में सुरेंद्र निरंजन, उनके भाई रोडवेज यूनियन के नेता महेंद्र निरंजन और मित्र दयाशंकर झा की सर्विस रिवॉल्वर से गोली मार कर हत्या कर दी थी। 

कोतवाली के भीतर 3 लोगों की हत्या की गूँज पूरे प्रदेश में सुनाई दी थी, पूरे कोंच में कर्फ्यू लगा दिया गया था। कानपुर के अलावा पूरे प्रदेश में पुलिस महकमे का जम कर विरोध हुआ था। फिर कोतवाल देवदत्त सिंह, उनके पुत्र अनिल राठौर, उपनिरीक्षक भगवान सिंह उपनिरीक्षक लालमणि गौतम समेत कुल 8 पुलिसकर्मियों पर हत्या का मामला दर्ज किया गया था। हालाँकि देवदत्त सिंह की जेल में हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई थी, मामले के अन्य आरोपित पुलिसकर्मी भी जेल गए थे। 

मुक़दमे के ट्रायल के दौरान आरोपित पुलिसकर्मी जमानत पर रिहा होकर नौकरी करने लगे थे। लगभग 15 साल के दौरान भगवान सिंह को दो बार पदोन्नति भी मिली, पहले इंस्पेक्टर और फिर डीएसपी। एडीजे अमित पाल ने इस मामले में बीते वर्ष फैसला सुनाया था, जिसके तहत सभी आरोपितों को आजीवन कारावास और आर्थिक जुर्माने की सज़ा सुनाई गई थी। 

बाद में भगवान सिंह को इस मामले में उच्च न्यायालय से जमानत मिल गई थी। घटना के संबंध में अपने पिता दयाशंकर झा को खो चुके ऋषि झा का कहना है कि सरकार ने भगवान सिंह को बर्खास्त करके सही कदम उठाया है। मामले के आरोपित अन्य पुलिसकर्मियों ने जमानत के लिए सर्वोच्च न्यायालय में अर्जी दी है, वह इसके विरोध में वहाँ भी पैरवी करेंगे।    

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

40 साल से जहाँ रह रहा दलित परिवार, अब वहीं से पलायन को हुआ मजबूर: दरवाजे पर लिखा- ये मकान बिकाऊ है, क्योंकि मुस्लिम...

इंदौर के दलित युवक राजेश ने बताया कि शादाब और अन्य मुस्लिम एक पुराने केस में समझौते का दबाव बनाते हुए उनके परिवार को धमकी देते हैं।

‘मैं गुजरात सरकार का फैन हो गया हूँ’ : तेलंगाना में शराब वाले गानों पर बैन लगने से भड़के दिलजीत दोसांझ, बोले- आप ड्राय...

दिलजीत ने कहा, "अगर गुजरात ड्राय स्टेट है तो मैं खुलेआम कह रहा हूँ कि मैं गुजरात सरकार का फैन हो गया हूँ और उन्हें खुलेआम सपोर्ट भी करता हूँ।"

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -