नई दिल्ली। झारखण्ड की राजधानी रांची स्थित कांके थाना क्षेत्र के मुरूम गांव में मामूली विवाद ने बड़ा रूप ले लिया। इस दौरान युवकों के दो गुटों में जमकर मारपीट हुई। इसके बाद गुस्साई भीड़ ने पुलिस की टीम पर भी हमला बोल दिया, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए और उनके वाहन को भी भीड़ ने आग के हवाले कर दिया। साथ ही उपद्रवियों ने कई घरों और दुकानों में भी आग लगा दी, जिसके चलते कई लोग गांव छोड़कर चले गए हैं। हालांकि पुलिस अधीक्षक, यातायात पुलिस अधीक्षक ने लोगों से शांति बनाए रखने और किसी भी तरह के अफवाह पर ध्यान न देने की अपील की है।
धार्मिक स्थल से ऐलान के बाद भड़की हिंसा
दरअसल नए साल के मौके पर पिकनिक मना कर लौट रहे युवक की मोटरसाइकिल होचर गांव के एक युवक की मोटरसाइकिल से टकरा गई, जिसके बाद विवाद शुरू हुआ। इसके बाद मुरूम गांव के युवक के घर पर लोगों ने हमला कर दिया, जिसके बाद दो गांव आमने-सामने हो गए। कुछ देर बाद ही धार्मिक स्थल से ऐलान होने के बाद दो गुट आपस मे भीड़ गए और पत्थरबाजी शुरू हो गई। उपद्रवियों ने पुलिस की बोलेरो समेत दो अन्य बोलेरो और तीन मोटरसाइकिल को आग के हवाले कर दिया।
घटना की सूचना मिलते ही थाना प्रभारी अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और भीड़ से शांति की अपील की। लेकिन भीड़ मानी नहीं तो पुलिस ने बल का प्रयोग करना शुरू कर दिया। इसके बाद भीड़ और आक्रोशित हो गई और पुलिस की टीम पर हमला बोल दिया, जिसमें थानेदार और उनके ड्राइवर घायल हो गए। भीड़ ने धार्मिक स्थल के पास खड़ी थानेदार की गाड़ी को आग के हवाले कर दिया। इसके बाद भारी संख्या में पुलिसबल मौके पर पहुंची और हालात को काबू में कर लिया। पूरे घटना क्षेत्र को छावनी में तब्दील कर दिया गया।
पुलिस ने की शांति की अपील
हालात की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी अनीश गुप्ता, एसपी यातायात अजीत पीटर डुंगडुंग, एसपी ग्रामीण आशुतोष शेखर, कांके के सीओ प्रभात भूषण सिंह सहित एक दर्जन थानेदार व डीएसपी मौके पर पहुंचे। इसके बाद भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई। इस दौरान एसएसपी ने लोगों से अपील किया है कि अफवाहों पर ध्यान न दें। जो दोषी हैं, उनकी पहचान कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
500 अज्ञात उपद्रवियों के खिलाफ मामला दर्ज
मुरूम गांव की स्थानीय महिला के बयान पर तीन गांव होचर, मुरूम व कनादु के 59 लोगों को नामजद आरोपित बनाया गया है। इसमें जिला परिषद सदस्य मोजीबुल अंसारी भी शामिल हैं। इसके अलावा पांच सौ अज्ञात उपद्रवियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है।
इससे पहले भी रांची में पुलिस पर हुआ था हमला
बता दें कि बीते वर्ष 28 दिसंबर को भीड़ ने पुलिस पर हमला कर दिया था, जिसमें रांची जिले के पुलिस उपाधीक्षक उदय चंद्र झा शहीद हो गए थे। दरअसल थाने की गाड़ी से धक्का लगने पर एक बच्चे की मौत हो गई थी, जिसके बाद भीड़ सड़क पर प्रदर्शन करने लगी थी। इस दौरान लोगों को समझाने गई पुलिस की टीम पर हमला बोल दिया था, जिसमें उदय चंद्र झा शहीद हो गए थे। इसके अलावा यूपी के बुलंदशहर जिले में भी भीड़ ने इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या कर दी थी। इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है।