Monday, December 23, 2024
Homeदेश-समाजडीयू के प्रोफेसर रतनलाल को मिली जमानत, ज्ञानवापी विवादित ढाँचे में मिले शिवलिंग को...

डीयू के प्रोफेसर रतनलाल को मिली जमानत, ज्ञानवापी विवादित ढाँचे में मिले शिवलिंग को लेकर किया था ‘खतना’ वाला पोस्ट

रतनलाल ने फेसबुक पर लिखा था, “यदि यह शिवलिंग है तो लगता है शायद शिव जी का भी खतना कर दिया गया था।"

दिल्ली यूनिवर्सिटी का प्रोफेसर रतनलाल (Ratanlal) को ज्ञानवापी विवादित ढाँचे के सर्वे में मिले शिवलिंग को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में तीस हजारी कोर्ट ने शनिवार (21 मई 2022) को जमानत दे दी। इस मामले में पुलिस ने रतनलाल को शुक्रवार (20 मई 2022) की रात को गिरफ्तार किया था। टिप्पणी के बाद से उसकी गिरफ्तारी की माँग लगातार उठ रही थी।

दिल्ली पुलिस ने जैसे ही उसे गिरफ्तार किया वामपंथी और लिबरल गैंग एक्टिव हो गया। SFI (स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया) और AISA (ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन) ने प्रदर्शन करते हुए सड़क जाम कर दी थी।

दिल्ली पुलिस के DCP (उत्तरी) सागर सिंह कलसी ने उसकी गिरफ्तारी की पुष्टि की। उन्होंने कहा, “रतनलाल को फेसबुक पर धार्मिक भावनाओं के अपमान के आरोप में FIR संख्या 50/22 के तहत गिरफ्तार किया गया है।” गिरफ्तारी के बाद से रतनलाल ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है। अधिकतर लोग उनकी गिरफ्तारी को जायज और जरूरी बता रहे हैं। वहीं कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं।

रतनलाल की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए उसके वकील महमूद प्राचा ने कहा, “प्रोफेसर के खिलाफ दर्ज केस झूठा है। FIR में कोई भी शिकायत ऐसी नहीं है जो संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आती हो। पुलिस के पास अधिकार ही नहीं है कि वो इस केस में लगी धाराओं में गिरफ्तारी कर सके, क्योंकि यह सुप्रीम कोर्ट की अवमानना है। साथ ही ये अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धारा 3 का भी उल्लंघन है। प्रोफेसर बेगुनाह साबित होंगे।”

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आरोपित प्रोफेसर की गिरफ्तारी दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने की है। पुलिस को उसकी लोकेशन मौरिस नगर में मिली थी। उसकी गिरफ्तारी टेक्निकल सबूतों के आधार पर की गई है। रतनलाल DU में इतिहास का प्रोफेसर है। दिल्ली पुलिस को उसके खिलाफ मंगलवार (17 मई 2022) को धार्मिक भावनाएँ आहात करने की शिकायत मिली थी। यह शिकायत वकील विनीत जिंदल द्वारा दर्ज करवाई गई थी।

रतनलाल ने फेसबुक पर लिखा था, “यदि यह शिवलिंग है तो लगता है शायद शिव जी का भी खतना कर दिया गया था।” साथ ही पोस्ट में चिढ़ाने वाला इमोजी भी लगाई थी। इस पोस्ट पर उठे विरोध के बाद भी रतनलाल ने माफ़ी माँगने से इनकार कर दिया था। उसने अपनी बात कोर्ट में रखने का एलान किया था। आरोपित प्रोफेसर पर 153-A, 295-A IPC के तहत केस दर्ज हुआ था। केस दर्ज होने के बाद भी रतनलाल ने सोशल मीडिया के माध्यम से बयानबाजी जारी रखी थी।

गौरतलब है कि वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे विवादित ज्ञानवापी ढाँचे में न्यायालय के आदेश के बाद सर्वे के दौरान वजूखाना में स्थित एक शिवलिंग का पता चला था। पता चलने के बाद सिविल जज वाराणसी (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर ने 16 मई,2022 को ही विवादित ज्ञानवापी स्ट्रक्चर को सील करने का आदेश दे दिया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

इस्लामी लुटेरे अहमद शाह अब्दाली को रोका, मुगल हो या अंग्रेज सबसे लड़े: जूनागढ़ के निजाम ने जहर देकर हिंदू संन्यासियों को मारा, जो...

जूना अखाड़े के संन्यासियों ने इस्लामी लुटेरे अहमद शाह अब्दाली और जूनागढ़ के निजाम को धूल चटाया और अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह किया।

मौलाना की बेटी ने 12 साल की उम्र में छोड़ा घर, बन गई शांति देवी: स्वामी श्रद्धानंद के अभियान से हिरोइन तबस्सुम की माँ...

अजहरी बेगम के शांति देवी बनने के बाद इस्लामी कट्टरपंथी भड़क गए। उन्होंने अपने मजहब के लोगों को स्वामी जी के खिलाफ भड़काना शुरू किया और 23 दिसंबर अब्दुल रशीद ने आकर उनकी हत्या की।
- विज्ञापन -