दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी पर विवादित टिप्पणी की है। दिल्ली के जंतर-मंतर पर बुधवार (फरवरी 13, 2019) को आयोजित ‘तानाशाही हटाओ, लोकतंत्र बचाओ सत्याग्रह’ रैली को सम्बोधित करते हुए केजरीवाल ने मोदी की तुलना पाकिस्तान से तो की ही, साथ ही उन्हें 12वीं पास भी बताया। रैली में कई विपक्षी नेताओं का जमावड़ा लगा। तृणमूल कॉन्ग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार और टीडीपी अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू सहित और भी नेताओं ने अपनी उपस्थिति दिखाई।
Sea of people at #JantarMantar to challenge the dictatorship of @narendramodi.
— AAP (@AamAadmiParty) February 13, 2019
“तानाशाही हटाओ – लोकतंत्र बचाओ”#SaveIndianDemocracy pic.twitter.com/QAPQ5U7yu6
प्रधानमंत्री मोदी की शैक्षणिक योग्यता को सवालों के घेरे में खड़ा करते हुए केजरीवाल ने कहा:
“पिछली बार आपने 12वीं पास व्यक्ति को देश का प्रधानमंत्री बनाया। इस बार यह गलती मत दोहराइएगा और किसी शिक्षित को ढूंढिए क्योंकि 12वीं कक्षा पास व्यक्ति को यह समझ नहीं होती कि वह अपने हस्ताक्षर कहाँ कर रहा है। मैं सारे देश से कहना चाहता हूँ कि इस बार जब वोट करने जाओ, तो एक पढ़े-लिखे प्रधानमंत्री के लिए वोट करना। जो देश के बारे में सोचे न किसी एक व्यक्ति के बारे में। मैं नरेंद्र मोदी से कहना चाहता हूँ कि वे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की तरह बर्ताव करना बंद करें। देश को तोड़कर मोदी जी पाकिस्तान का सपना पूरा कर रहे हैं। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि वे भारत के प्रधानमंत्री हैं या पाकिस्तान के?”
केजरीवाल ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तारीफ़ में भी ख़ूब कसीदे पढ़े। ममता बनर्जी और सीबीआई की लड़ाई को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा:
“कुछ दिनों पहले केंद्र ने सीबीआई के 40 अधिकारियों को कोलकाता भेजा था। मैं मोदी जी को बताना चाहता हूं कि पश्चिम बंगाल भी भारत का हिस्सा है। उन्होंने सीबीआई को भेजकर बंगाल सरकार पर हमला किया है। इससे पहले उन्होंने दिल्ली पर भी हमला किया था। दिल्ली और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों पर हमला करने के बारे में केवल पाकिस्तान ही सोच सकता है। सरकार ने पश्चिम बंगाल में सीबीआई को भेजकर पूरे संघीय ढांचे का अपमान किया है। अगर उस दिन कमिश्नर गिरफ्तार हो जाते, तो पूरे देश की राज्य सरकार के लिए यह अच्छा मैसेज नहीं जाता। पूरे देश में डर का माहौल पैदा हो जाता। मोदी जी लोकतंत्र को खत्म करने पर तुले हैं। वह आंबेडकर के संविधान से अलग हटकर शासन करना चाहते हैं। मैं ममता जी को सैल्यूट करता हूं, जिन्होंने अधिकारियों को भगा दिया। वह संविधान बचाना चाहती हैं।”
अरविन्द केजरीवाल ने अपने धरने की तुलना अप्रैल 2011 में हुए अन्ना हजारे के अनशन से की। उन्होंने कहा कि जिस तरह जंतर-मंतर पर हुए भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन ने कॉन्ग्रेस को उखाड़ फेंका था, ऐसे ही उनकी यह रैली मोदी सरकार को हटा देगी। केजरीवाल ने रक्षा मंत्रालय के एक कथित काग़ज़ को भी हवा में लहराया और लोगों से कहा कि मोदी ने ख़ुद राफेल की कम्पनी से बात की।