JNU के अल्ट्रा-लेफ्ट विंग के सरगना उमर ख़ालिद के पिता सैयद क़ासिम रसूल इलियास पश्चिम बंगाल की जंगीपुर सीट से आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने की पूरी तरह तैयारी में है। इलियास प्रतिबंधित आतंकी संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ़ इंडिया (SIMI) का पूर्व सदस्य है, जिसे 2001 में प्रतिबंधित कर दिया गया था।
ख़बरों के मुताबिक़, इलियास मुर्शिदाबाद ज़िले की मुस्लिम बहुल सीट जंगीपुर सीट से वेलफेयर पार्टी ऑफ़ इंडिया (WPI) के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। यह सीट पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत के पास थी। 2011 की जनगणना के अनुसार, मुस्लिम निर्वाचन क्षेत्र की आबादी का 61.79% है।
सिमी के पूर्व सदस्य इलियास ने मुख्य रूप से मुर्शिदाबाद के लोगों की बिगड़ती हालत का हवाला देते हुए कहा, “सात से आठ लाख लोग इस क्षेत्र से कोलकाता चले गए हैं बावजूद इसके यहाँ रोज़गार के अवसर बहुत कम हैं। जंगीपुर में अच्छी गुणवत्ता वाले जूट का उत्पादन होता है, लेकिन उन्हें स्थानीय स्तर पर संसाधन युक्त नहीं किया जा पाता और इसलिए लोगों को कोलकाता जाना पड़ता है। मैं अपने अभियान में ऐसे मुद्दों को उजागर कर रहा हूँ।”
वेलफेयर पार्टी ऑफ़ इंडिया को मुख्य रूप से दलित और अल्पसंख्यक मुद्दों को उठाने के लिए जाना जाता है। जबकि वाम मोर्चे ने अपनी सीट-बँटवारे की व्यवस्था के अनुसार जंगीपुर सीट कॉन्ग्रेस को दे दी है, लेकिन WPI मुस्लिम वोटों को काटने में अपनी अहम भूमिका निभा सकती है।
दिलचस्प बात यह है कि, इलियास ने भारतीय चुनाव प्रक्रिया का हिस्सा बनने का फैसला ऐसे समय में किया है जब उसका बेटा उमर ख़ालिद, जो ‘ब्रेकिंग-इंडिया’ ब्रिगेड का हिस्सा होने के साथ-साथ ‘भारत तेरे टुकडे़ होंगे, इंशाल्लाह इंशाल्लाह चिल्लाने, ‘अफ़ज़ल हम शर्मिंदा है, तेरे क़ातिल ज़िंदा है’ जैसे देशद्रोह के नारे लगाने का दोषी है और उस पर देशद्रोह के आरोप भी लगे हैं। 1200 पेज़ की चार्जशीट में कथित तौर पर उसके नाम का उल्लेख है जिसमें JNU के अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर ख़ालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य शामिल थे।