Monday, December 23, 2024
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देशविरोधी नारेबाज़ी के मामले में कन्हैया समेत 10 पर चार्जशीट दाख़िल

चार्जशीट में कहा गया है कि वारदात के समय उमर ख़ालिद सभी आरोपितों के संपर्क में था और उसे कैंपस में आयोजित कार्यक्रम में भी बुलाया गया था। इन पर IPC की धारा 124ए, 323, 465, 471, 143, 149, 147, 120बी के तहत मुक़दमा दर्ज़ किया गया है।

2016 में जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में देशविरोधी नारेबाजी – ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे, इंशाअल्लाह-इंशाअल्लाह’ – एवं भड़काऊ भाषण केस में पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर ख़ालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य समेत 10 आरोपियों के ख़िलाफ़ दिल्ली पुलिस ने सोमवार (जनवरी 14, 2019) को 1200 पेज का चार्जशीट दाख़िल कर दिया। पटियाला हाऊस कोर्ट में दाखिल इस चार्जशीट में कन्हैया कुमार, उमर ख़ालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य, आक़िब हुसैन, मुजीब हुसैन, मुनीब हुसैन, उमर गुल, राईए रसूल, बशीर भट्ट, शेहला रशीद, अपराजिता राजा समेत कई लोगों के नाम है। अब कोर्ट चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए मंगलवार (जनवरी 15, 2019) को इस मामले में फ़ैसला करेगी।

तीन साल बाद दाख़िल हुए इस चार्जशीट में कहा गया है कि जेएनयू में देश विरोधी नारे 7 कश्मीरी छात्रों ने लगाए थे। कन्हैया समेत अन्य छात्र नेताओं पर JNU परिसर में संसद हमले का दोषी ‘अफजल गुरू’ को फाँसी पर लटकाए जाने के विरोध में कार्यक्रम आयोजित करने का आरोप है। साथ ही इन पर कार्यक्रम के दौरान भड़काऊ भाषण देने की धाराओं में भी मामला दर्ज़ किया गया है। चार्जशीट में कहा गया है कि वारदात के समय उमर ख़ालिद सभी आरोपितों के संपर्क में था और उसे कैंपस में आयोजित कार्यक्रम में भी बुलाया गया था। इन पर IPC की धारा 124ए, 323, 465, 471, 143, 149, 147, 120बी के तहत मुक़दमा दर्ज़ किया गया है।

चार्जशीट के कॉलम 12 में 36 आरोपियों का नाम है। इनमें छात्र संघ की नेता शेहला रशीद और सीपीआई सांसद डी राजा की बेटी अपराजिता राजा का भी नाम है।

देश विरोधी नारे मामले में दर्ज़ FIR की कॉपी

पिछले दिनों दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक ने कहा था कि यह मामला काफ़ी पेचीदा है और इसके लिए पुलिस की अलग-अलग टीमों ने कई राज्यों का दौरा कर गहन जाँच और छानबीन की है।   

बता दें कि इसी मामले में तीन साल पहले देश में तमाम वामपंथी बुद्धिजीवियों और अर्बन नक्सल द्वारा अच्छा-खासा बवाल काटा गया था। पूरी JNU को राष्ट्रविरोध का अड्डा बना दिया गया था। इसके पक्ष और विपक्ष में पूरे देश में लम्बे समय तक माहौल गरम रहा। इस मामले में कन्हैया कुमार की गिरफ़्तारी भी हुई थी। कन्हैया की गिरफ़्तारी का भी उन दिनों वामपंथियों द्वारा विरोध किया गया था और JNU के कई छात्र संगठन इस गिरफ़्तारी के ख़िलाफ़ और ‘देशद्रोहियों’ के समर्थन में ढपली लेकर सड़कों पर उतरे थे।

हालाँकि, कन्हैया कुमार विभिन्न मंचों से दिल्ली पुलिस को इस केस में चार्जशीट दाखिल करने की चुनौती दे चुके थे। वहीं चार्जशीट दायर होने से पहले कन्‍हैया कुमार ने क‍हा, “अगर यह ख़बर सच है कि इस मामले में चार्जशीट दायर हो रही है तो मैं पुलिस और मोदी जी को धन्‍यवाद देना चाहूँगा। इस पुराने मामले में 3 साल बाद और चुनावों से ठीक पहले चार्जशीट दाख़िल होना दर्शाता है कि यह राजनीति से प्रेरित है। मुझे देश की न्‍यायपालिका पर पूरा विश्‍वास है।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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