वर्ल्ड ट्रेवल एंड टूरिज्म प्रतिस्पर्धा इंडेक्स में भारत की रैंकिंग में काफ़ी सुधार हुआ है। इस इंडेक्स के माध्यम से यह पता चलता है कि कौन सा देश पर्यटन के लिए कितना सही है? भारत की रैंकिंग और उसे मिलने वाले अंकों में सुधार हुआ है। जहाँ 2017 में 40वाँ रैंक से 2019 में 34वाँ रैंक हासिल कर भारत ने 2 वर्षों में 6 स्थान की छलांग लगाई है। वहीं अगर पाकिस्तान की बात करें तो उसकी रैंकिंग 121 है और वह दक्षिण एशिया में पर्यटन के हिसाब से सबसे ख़राब स्थिति में है।
ये रैंकिंग वर्ल्ड इकनोमिक फोरम द्वारा जारी किया गया है। अगर टॉप के 25% देशों की बात करें तो भारत ने 2017 के मुक़ाबले सबसे बड़ी छलांग लगाई है। अगर हम 2013 के आँकड़े को देखेंगे तो पता चलता है कि मोदी सरकार के आने के बाद से पर्यटन के क्षेत्र में भारत लगातार नई सीढ़ियाँ चढ़ रहा है। 2013 में भारत का रैंक 65 था। अर्थात, 5 वर्षों में भारत ने 31 स्थानों की लम्बी छलांग लगाई है।
प्राकृतिक और सांस्कृतिक संसाधनों के मामले में समृद्ध होने के कारण वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने भारत की प्रशंसा की है। हालाँकि, पर्यावरण को लेकर चिंता जताई गई है। 140 देशों की इस सूची में स्पेन टॉप पर है। इसके बाद फ्रांस, जर्मनी, जापान और अमेरिका आते हैं। फोरम का कहना है कि पर्यटन इंडेक्स में भारत दक्षिण एशिया में एक बड़ी उपस्थिति रखता है और क्षेत्र की पर्यटन जीडीपी में सबसे बड़ा योगदान देता है।
India has moved up 6 places on World Travel and Tourism Competitiveness Index, with 40th rank in 2017 to 34th in 2019, as per World Economic Forum report. pic.twitter.com/hAN5qzANZ3
— ANI (@ANI) September 4, 2019
दक्षिण एशिया के अन्य देशों की बात करें तो वे भारत की रैंकिंग के सामने कहीं नहीं टिकते। वर्ल्ड इकॉनिमिक फोरम इस रैंकिंग को प्रकाशित करने से पहले सभी देशों में पर्यटकों की सुरक्षा, आवागमन, पर्यावरण और स्वास्थ्य सुविधाओं सहित कई मानकों का अध्ययन करता है।