भारत ने इज़राइल से दो और फाल्कन एयरबॉर्न वॉर्निंग एंड कण्ट्रोल सिस्टम (“Phalcon” Airborne Warning And Control System) एयरक्राफ्ट ख़रीदने का निर्णय लिया है। इसे AWACS भी कहा जाता है। इन दोनों की कुल कीमत $800 मिलियन यानी ₹5,700 करोड़ होगी। सरकार इसके लिए जल्द ही बजट का अनुमोदन करने वाली है। अभी हाल ही में भारत ने एयर डिफेंस रडार (ADR) के लिए इज़राइल से ₹4577 करोड़ का करार किया है।
इज़राइल भारत के शीर्ष हथियार आपूर्तिकर्ता देशों में से एक है। भारतीय सेना इस स्थिति को मज़बूत करते हुए इज़राइल से अतिरिक्त हेरॉन (Heron) और हारोप (Harop) भी ख़रीदना चाहती है। ये दोनों ही मानवरहित विमान हैं, जो दुश्मन के रडार में या अन्य लक्ष्य पर विस्फोट करने के लिए क्रूज़ मिसाइल का भी कार्य करते हैं। भारतीय सशस्त्र सेना इज़राइल से ऐसे अन्य वाहन भी ख़रीदना चाहती है।
इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू 11 फरवरी को भारत दौरे पर आ रहे हैं। पिछले एक वर्ष में उनका यह दूसरा भारत दौरा होगा। 2017 में नरेंद्र मोदी ने भी यहूदी देश इज़राइल का दौरा किया था। मोदी इज़राइल जाने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। नेतन्याहू के दौरे के बाद भारत-इज़राइल संबंध और प्रगाढ़ होने की उम्मीद है। वह अपने भारत दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक करेंगे।
टाइम्स ऑफ इंडिया के सूत्रों के अनुसार, तेल अवीव “स्पाइक” एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) के लिए समझौते पर नए सिरे से जोर दे रहा है। ज्ञात हो कि 2017 के अंत में भारत ने 8,356 मध्यम दूरी की स्पाइक मिसाइलों, 321 लॉन्चर और 15 सिमुलेटरों के लिए प्रस्तावित ₹3,200 करोड़ के सौदे को रद्द कर दिया था। ऐसा रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के कहने पर किया गया था। एजेंसी ने कहा था कि वह एक-दो साल के भीतर तकनीकी रूप से अधिक उन्नत मैन-पोर्टेबल एटीजीएम प्रदान कर सकता है।
अनुमानित रूप से ₹12,640 करोड़ के एक बड़े करार में, 400 की संख्या में 155mm आर्टिलरी गन सिस्टम (Artillery Gun Systems) की सप्लाई करने के लिए इज़रायल की कम्पनी एलबिट सिस्टम्स (Elbit Systems) फ्रांस की नेक्सटर सिस्टम के साथ प्रतिस्पर्धा कर रही है। करार के अनुसार 1,180 और आर्टिलरी गन सिस्टम बाद में मेड इन इंडिया के तहत भारत में बनाई जानी है।
भारत ने हाल ही में इज़रायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज के साथ 66 अग्नि नियंत्रण रडार (Fire Control Radars) के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के रख-रखाव के साथ ₹4,577 करोड़ का सौदा किया है। ये 3-डी निगरानी और ट्रैकिंग रडार सेना की वायु रक्षा वाहिनी के पास मौज़ूद फ्लाईकैचर रडार सिस्टम की जगह लेंगे, जो अब पुरानी हो गई है।