Monday, December 23, 2024
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इसरो का ऐतिहासिक जंप: एक ही रॉकेट से 3 विभिन्न कक्षाओं में अलग-अलग सैटेलाइट करेगा स्थापित

“PSLV C-45 पूरी तरह से एक नया रॉकेट होगा। इस बार इसमें चार स्ट्रैप-ऑन होंगे। 24 जनवरी को पिछले मिशन के विपरीत जब रॉकेट का अंतिम चरण सक्रिय रहने के लिए बैटरी का उपयोग करता था, इस बार हम सौर पैनलों का उपयोग करने जा रहे हैं।"

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) मार्च में एक ऐतिहासिक पीएसएलवी मिशन शुरू करने जा रहा है। भारतीय स्पेस हिस्ट्री में यह पहली बार होगा जब इसरो एक साथ तीन विभिन्न कक्षाओं में एक ही PSLV मिशन से अलग-अलग सैटेलाइट स्थापित करने जा रहा है।


मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इसरो के अध्यक्ष के सिवन ने कहा, “इसरो मार्च के अंतिम सप्ताह में अभी तक की सूचना के अनुसार 21 मार्च को PSLV C-45 मिशन लॉन्च करेगा। श्री हरिकोटा से टेकऑफ करने के तुरंत बाद, रॉकेट सबसे पहले 763 किमी की कक्षा में डीआरडीओ का एक इलेक्ट्रॉनिक खुफिया उपग्रह एमिसैट (EMISAT) लॉन्च करेगा। डीआरडीओ पेलोड लॉन्च करने के तुरंत बाद, PS-4 चरण (रॉकेट का अंतिम चरण) 504 किमी की कक्षा में पहुँचने के लिए रॉकेट को फिर से स्टार्ट किया जाएगा, जहाँ यह 28 विदेशी उपग्रहों को स्थापित करेगा। इसके बाद, PS-4 फिर से दो ऑर्बिट के जम्प के साथ, 485 किलोमीटर की दूरी तय कर निर्धारित तीसरी कक्षा में पहुँच जाएगा, जहाँ अंतरिक्ष प्रयोगों के लिए एक प्रायोगिक मंच लॉन्च किया जाएगा।”

सिवन ने कहा, “PSLV C-45 पूरी तरह से एक नया रॉकेट होगा। इस बार इसमें चार स्ट्रैप-ऑन होंगे। 24 जनवरी को पिछले मिशन के विपरीत जब रॉकेट का अंतिम चरण सक्रिय रहने के लिए बैटरी का उपयोग करता था, इस बार हम सौर पैनलों का उपयोग करने जा रहे हैं ताकि कम से कम छह महीने तक इसे सक्रिय रखने के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग किया जा सके।”

इसरो अध्यक्ष ने कहा कि इसरो अप्रैल के अंत में चंद्रयान-2 मिशन शुरू करेगा। दूसरे चंद्र मिशन की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए उन्होंने कहा “6 मार्च को प्रख्यात विशेषज्ञों की एक राष्ट्रीय समीक्षा बैठक होगी। इस बैठक से एक दिन पहले, इसरो 5 मार्च को गगनयान अर्थात मानव अंतरिक्ष यान परियोजना पर एक राष्ट्रीय समीक्षा बैठक भी आयोजित करेगा।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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