उत्तरी बांग्लादेश में कट्टरपंथी इस्लामी समूह हिफाजत-ए-इस्लाम के कार्यकर्ताओं ने एक मस्जिद में इबादत करने आए लोगों पर हमला किया। घटना में 12 लोग घायल हुए। बांग्लादेशी मीडिया के अनुसार, घटना शुक्रवार (अप्रैल 9, 2021) को गाइबांधा जिले के सिलामोनी मस्जिद की है।
यहाँ कट्टरपंथी समूह के लोग मस्जिद में आए और इमाम से माइक छीन कर अपने संगठन के बारे में बताने लगे। जब संगठन की मनमानी देख वहाँ मौजूद नमाजियों ने इस पर आपत्ति जताई तो उन पर हमला बोला गया। घटना में कम से कम 12 लोग घायल हो गए। बाद में मामले को सुंदरगंज थाने में दर्ज किया गया।
At least 12 men were injured in the attack, the report said.https://t.co/mn1h37FZx7
— Deccan Herald (@DeccanHerald) April 10, 2021
पुलिस स्टेशन इंचार्ज बुलबुल इस्लाम ने कहा कि यह हिफाज़ते इस्लाम के कार्यकर्ताओं द्वारा हमला नहीं था। उन्होंने कहा “मस्जिद की समिति की असहमति इस अप्रिय घटना का कारण है।” वहीं मस्जिद के इमाम मतलूब उद्दीन का कहना है कि हमलावरों की पहचान हिफाजत कार्यकर्ताओं के तौर पर हुई है।
उन्होंने बताया कि उग्र लोगों ने जुमे की नमाज के बाद उनसे माइक छीना और नमाजियों को बाहर जाकर उनके समूह द्वारा फैलाई जा रही हिंसा का समर्थन करने को कहने लगे। इसी बीच नमाजियों ने उन्हें रोका तो सभी हमलावरों ने हमला बोल दिया।
गौरतलब है कि मस्जिद में हुई हिंसा में जिस कट्टरपंथी समूह हिफाजत-ए-इस्लाम का नाम सामने आ रहा है। उसके तार पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़े हैं। इसके अलावा कट्टरपंथी संगठन को अपनी गतिविधि जारी रखने के लिए सऊदी अरब से काफी फंडिंग मिलती है।
2010 में इस कट्टरपंथी इस्लामी संगठन को बनाया गया था। इसे बनाने में बांग्लादेश के मदरसों के उलेमा और छात्रों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस संगठन पर आरोप लगते रहे हैं कि इनका संबंध जमात-ए-इस्लामी और तालिबान जैसे आतंकी संगठनों से हैं। हालाँकि, हिफाजत इन आरोपों को खारिज करता रहा है।