Tuesday, November 19, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयजुमे की नमाज के बाद हिफाजत-ए-इस्लाम के कट्टरपंथियों ने हिंसा के लिए उकसाया: हमले...

जुमे की नमाज के बाद हिफाजत-ए-इस्लाम के कट्टरपंथियों ने हिंसा के लिए उकसाया: हमले में 12 घायल

यहाँ कट्टरपंथी समूह के लोग मस्जिद में आए और इमाम से माइक छीन कर अपने संगठन के बारे में बताने लगे। जब संगठन की मनमानी देख वहाँ मौजूद नमाजियों ने इस पर आपत्ति जताई तो उन पर हमला बोला गया। घटना में कम से कम 12 लोग घायल हो गए।

उत्तरी बांग्लादेश में कट्टरपंथी इस्लामी समूह हिफाजत-ए-इस्लाम के कार्यकर्ताओं ने एक मस्जिद में इबादत करने आए लोगों पर हमला किया। घटना में 12 लोग घायल हुए। बांग्लादेशी मीडिया के अनुसार, घटना शुक्रवार (अप्रैल 9, 2021) को गाइबांधा जिले के सिलामोनी मस्जिद की है। 

यहाँ कट्टरपंथी समूह के लोग मस्जिद में आए और इमाम से माइक छीन कर अपने संगठन के बारे में बताने लगे। जब संगठन की मनमानी देख वहाँ मौजूद नमाजियों ने इस पर आपत्ति जताई तो उन पर हमला बोला गया। घटना में कम से कम 12 लोग घायल हो गए। बाद में मामले को सुंदरगंज थाने में दर्ज किया गया।

पुलिस स्टेशन इंचार्ज बुलबुल इस्लाम ने कहा कि यह हिफाज़ते इस्लाम के कार्यकर्ताओं द्वारा हमला नहीं था। उन्होंने कहा “मस्जिद की समिति की असहमति इस अप्रिय घटना का कारण है।” वहीं मस्जिद के इमाम मतलूब उद्दीन का कहना है कि हमलावरों की पहचान हिफाजत कार्यकर्ताओं के तौर पर हुई है।

उन्होंने बताया कि उग्र लोगों ने जुमे की नमाज के बाद उनसे माइक छीना और नमाजियों को बाहर जाकर उनके समूह द्वारा फैलाई जा रही हिंसा का समर्थन करने को कहने लगे। इसी बीच नमाजियों ने उन्हें रोका तो सभी हमलावरों ने हमला बोल दिया।

गौरतलब है कि मस्जिद में हुई हिंसा में जिस कट्टरपंथी समूह हिफाजत-ए-इस्लाम का नाम सामने आ रहा है। उसके तार पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़े हैं। इसके अलावा कट्टरपंथी संगठन को अपनी गतिविधि जारी रखने के लिए सऊदी अरब से काफी फंडिंग मिलती है।

2010 में इस कट्टरपंथी इस्लामी संगठन को बनाया गया था। इसे बनाने में बांग्लादेश के मदरसों के उलेमा और छात्रों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस संगठन पर आरोप लगते रहे हैं कि इनका संबंध जमात-ए-इस्लामी और तालिबान जैसे आतंकी संगठनों से हैं। हालाँकि, हिफाजत इन आरोपों को खारिज करता रहा है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मणिपुर में बिहार के लोगों से हफ्ता वसूली, हिंसा के लिए महिला ब्रिगेड: रिपोर्ट से कुकी संगठनों की साजिश उजागर, दंगाइयों को छुड़ाकर भी...

मणिपुर में हिंसा फैलाने के लम्बी चौड़ी साजिश रची गई थी। इसके लिए कुकी आतंकी संगठनों ने महिला ब्रिगेड तैयार की।

404 एकड़ जमीन, बसे हैं 600 हिंदू-ईसाई परिवार: उजाड़ना चाहता है वक्फ बोर्ड, जानिए क्या है केरल का मुनम्बम भूमि विवाद जिसे केंद्रीय मंत्री...

एर्नाकुलम जिले के मुनम्बम के तटीय क्षेत्र में वक्फ भूमि विवाद करीब 404 एकड़ जमीन का है। इस जमीन पर मुख्य रूप से लैटिन कैथोलिक समुदाय के ईसाई और पिछड़े वर्गों के हिंदू परिवार बसे हुए हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -