हिंदू पुजारी की हत्या के मामले में प्रतिबंधित इस्लामिक आतंकी संगठन जमात उल मुजाहिदीन-बांग्लादेश (JMB) से जुड़े रहे चार लोगों को फाँसी की सजा सुनाई गई है। ये चारों आरोपित हिंदू पुजारी जगनेश्वर रॉय की हत्या के मामले में दोषी पाए गए हैं।
कोर्ट ने जमात उल मुजाहिदीन-बांग्लादेश के चार सदस्य- जहाँगीर हुसैन उर्फ राजीब गांँधी, रजीबुल इस्लाम उर्फ बादल, आलमगीर हुसैन और रमजान अली को फाँसी की सजा सुनाई है।
हिंदू पुजारी की हत्या मामले में राजशाही के फास्ट ट्रैक ट्रिब्यूनल के जज अनूप कुमार ने रविवार (मार्च 15, 2020) को सुबह 11 बजे फैसला सुनाया, जिसमें से तीन दोषी कोर्ट में उपस्थित थे, जबकि राजीबुल इस्लाम फरार था।
बता दें कि 50 वर्षीत जगनेश्वर रॉय सोनापोटा गाँव के संत गौरियो मंदिर के प्रमुख महंत थे। 21 फरवरी 2016 को कुछ हथियारबंद बदमाशों ने उनकी गला काटकर निर्ममता से हत्या कर दी थी। उनकी धारधार हथियारों से पिटाई भी की गई थी। इस दौरान 35 वर्षीय एक श्रद्धालु गोपाल चंद्र रॉय को भी गोली लगी थी। हालाँकि वो किसी तरह से वहाँ से बचकर भागने में कामयाब हो गए।
इसके अलावा अपराधियों की गई फायरिंग और विस्फोट में दो अन्य श्रद्धालु भी घायल हो गए थे। कोर्ट ने अपने फैसले में तीन अन्य आरोपित- हरेज अली, खलीलुर्रहमान और मोहम्मद राणा को बरी कर दिया।
बता दें कि इन दोषियों में से जहाँगीर हुसैन होली आर्टिसन कैफे हमले का साजिशकर्ता भी है। ढाका के होली आर्टिसन कैफे पर एक जुलाई 2016 को हुए हमले में 22 लोगों की मौत हो गई थी। इनमें एक भारतीय सहित 18 विदेशी थे। कैफे पर करीब 10 घंटे तक आतंकवादियों ने कब्जा जमाए रखा था। इस मामले में पिछले साल ढाका की अदालत ने 7 आतंकियों को मौत की सजा सुनाई थी। इस मामले में कोर्ट ने 1 आरोपित को बरी कर दिया। एंटी टेररिजम ट्रिब्यूनल के जज मोहम्मद मुजिबुर रहमान ने 7 दोषियों पर फाँसी के अलावा 50-50 हजार टका (बांग्लादेशी मुद्रा) जुर्माना भी लगाया था। इस हमले की योजना बनाने वालों में असलम हुसैन उर्फ राश का भी नाम आया था। वहीं ग्रेनेड पहुँचाने वालों में अब्दुस सबूर खान उर्फ सोहेल महफूज का नाम आया था।