पाकिस्तान के सिंध हाई कोर्ट ने 2002 में पत्रकार डेनियल पर्ल की क्रूरतम हत्या में शामिल आतंकवादी अहमद उमर सईद शेख को तत्काल रिहा करने का आदेश दिया है। पर्ल द वॉल स्ट्रीट जर्नल के एशिया ब्यूरो प्रमुख थे। आतंकियों ने अगवा कर उनकी हत्या उस समय की थी जब इस्लामिक चरमपंथ पर शोध कर रहे थे।
सिंध हाईकोर्ट ने ने अहमद उमर शेख, फहद नसीम, शेख आदिल और सलमान साकिब की हिरासत को अमान्य करार दिया। अहमद उमर सईद शेख, फहद नसीम, शेख आदिल और सलमान साकिब को अमान्य (null and void) घोषित कर दिया है। आदेश सुनाते हुए एक जज ने कहा, “ये लोग 18 साल से बिना किसी जुर्म के जेल में सड़ रहे हैं।” साथ ही HC ने कहा कि उनके नाम नो-फ्लाई लिस्ट में डाले जाएँ।
बता दें कि पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर में डेनियल पर्ल की हत्या के मुख्य आरोपित आतंकवादी अहमद उमर सईद शेख की रिहाई पर रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट में अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी को बरी करने के सिंध हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी।
सिंध सरकार के वकील फारूक नाइक ने सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया था कि मजिस्ट्रेट के सामने पहचान परेड कानून के मुताबिक 21 अन्य गवाहों के अलावा टैक्सी चालक नासिर अब्बास, रिसेप्शनिस्ट अमीर अफजल द्वारा अभियुक्त की पहचान की गई थी। कथित तौर पर आतंकवादी नाम बदलकर बशीर नाम से अकबर इंटरनेशनल होटल में पत्रकार डेनियल पर्ल से मिला था।
गौरतलब है कि इस साल अप्रैल में, सिंध उच्च न्यायालय ने अहमद उमर सईद शेख की मौत की सजा को पलटते हुए 7 साल जेल की सजा सुनाई थी। आतंकवादी के वकील ने बताया कि अपहरण के आरोप में उसकी सजा को घटाकर सात साल कर दिया गया। वहीं मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे तीन अन्य लोगों को सिंध उच्च न्यायालय ने रिहा कर दिया था। उच्च न्यायालय ने आतंकवाद विरोधी अदालत के फैसले को भी दरकिनार कर दिया था।
बता दें उमर सईद शेख उन आतंकियों में से एक था जिसे भारत द्वारा जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मसूद अजहर और आतंकवादी मुश्ताक अहमद ज़रगर के साथ भारतीय एयरलाइंस IC-814 के यात्रियों के बदले में मुक्त किया गया था। इस फ्लाइट को पाकिस्तानी आतंकवादियों के एक समूह ने दिसंबर 1999 में काठमांडू से कंधार में अपहरण कर लिया था।