ऑस्ट्रेलिया की जेल में कथित हेट क्राइम्स के मामले में बंद हरियाणा के रहने वाले विशाल जूड को रिहा कर दिया गया है। उनपर खालिस्तानियों ने झूठे आरोप लगाए थे। एनआरआई हेराल्ड ने बताया है कि जूड की रिहाई की पुष्टि उनके वकीलों ने की है। हालाँकि, खतरों को देखते हुए उनके स्थान से संबंधित जानकारी को छुपाया गया है।
एनआरआई हेराल्ड ने ट्वीट किया, “विशाल जूड के वकीलों ने पुष्टि की है कि विशाल को आज सुबह हिरासत से रिहा कर दिया गया। उनके खिलाफ जो धमकियाँ दी गई हैं, उन्हें देखते हुए उनके वर्तमान स्थान का खुलासा नहीं किया जाएगा।”
NRI Herald Australia reports: Vishal Jood’s lawyers @OpalLegal have confirmed that Vishal was this morning released from custody. Given the threats that have been made against him, his current location will not be disclosed. pic.twitter.com/21e6Z2A8QH
— NRI Herald (@nriherald) October 15, 2021
बीते 2 सितंबर को मजिस्ट्रेट के थॉमसन के पररामट्टा एलसी कोर्ट 13 ने 15 अक्टूबर, 2021 को विशाल जूड को रिहा करने का आदेश दिया था। रिपोर्टों के अनुसार, एक याचिका में एनएसडब्ल्यू विभाग के लोक अभियोजकों ने जूड पर लगाए के आठ नस्लीय आरोपों को हटा दिया था।
खालिस्तानियों की साजिश का शिकार बने थे विशाल
हरियाणा के रहने वाले 24 वर्षीय विशाल जूड ऑस्ट्रेलिया में हायर स्टडीज के लिए गए हैं। उन्हें वहाँ इसी साल 16 अप्रैल को 3 अपराधों में शामिल होने के आरोप में ऑस्ट्रेलियन अथॉरिटी ने अरेस्ट कर लिया था। भारतीय राष्ट्रवादियों के एक समूह की ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तानियों के साथ झड़प के बाद ऑस्ट्रेलियाई पुलिस ने उनपर ये कार्रवाई की थी। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया में हिंदुओं ने विशाल के समर्थन में कैंपेन चलाया था।
हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर से इस मामले में हस्तक्षेप करने की माँग की थी। उन्होंने विदेश मंत्री को बताया कि कैसे विशाल ऑस्ट्रेलिया में देश विरोधी तत्वों के खिलाफ खड़ा हुआ था। इसके बाद 23 जून 2021 को भारतीय विदेश मंत्रालय ने उन्हें जूड को जल्द रिहा कराने का भरोसा दिया था।
विशाल के मददगार को खालिस्तानियों ने बनाया निशाना
विशाल जूड की जेल से रिहाई के बाद अब खालिस्तानी और भारत विरोधी तत्वों ने ऑस्ट्रेलिया में उनकी मदद करने वाले योगेश खट्टर पर हमला किया है। न्यू साउथवेल्स आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रेसीडेंट योगेश खट्टर ने विशाल जूड को कानूनी लड़ाइयाँ लड़ने में मदद की थी।
योगेश का खालिस्तानी तत्वों को लेकर कहा कि वे उन्हें शारीरिक रूप से नुकसान पहुँचाने की कोशिश कर रहे हैं और इस बार खालिस्तानियों ने उन्हें भी उसी तरह फंसाने की कोशिश की जैसे उन्होंने विशाल जूड के साथ किया था।
खालिस्तानियों ने खट्टर पर 15 अक्टूबर को विशाल जूड की रिहाई से कुछ घंटे पहले हमले किए। दरअसल, योगेश खट्टर ने विशाल जूड की मदद की थी। इससे जाहिर तौर पर खालिस्तानी नाराज हो गए। ऑस्ट्रेलिया टुडे से बात करते हुए योगेश खट्टर ने हमले की पुष्टि की और कहा, “मैं आमतौर पर अपने व्यवसाय में देर तक काम करता हूँ, लेकिन कल थोड़ा जल्दी निकल गया। ऐसा लगता है कि हमलावर मुझे नहीं पा सके तो गुस्से में हमारे वाहनों को नष्ट कर दिया।”
उन्होंने आगे बताया कि 13 अक्टूबर की दोपहर को उन्हें एनएसडब्ल्यू पुलिस के बहुसांस्कृतिक संपर्क अधिकारी का फोन आया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो चल रहा है। खट्टर ने कहा, “मैंने उन्हें फोन पर बताया कि मुझे किसी वीडियो के बारे में कोई जानकारी नहीं है और मैंने इसे नहीं देखा है। वीडियो में विशाल जूड की रिहाई पर ‘विजय रैली’ की अपील की गई थी। आश्चर्यजनक रूप से इसमें मेरी तस्वीर और फोन नंबर था।”
योगेश खट्टर ने कहा कि वह ज्यादातर हिंदू समुदाय की गतिविधियों से अवगत रहते हैं। लेकिन, अगर समुदाय के अन्य नेताओं और मुझे इस वीडियो के बारे में पता नहीं है तो इसका मतलब है कि किसी ने जानबूझकर इसे हिंदू समुदाय को बदनाम करने के लिए बनाया है।